आर्थिक विकास को नई दिशा देने प्रदेश सरकार तैयार कर रही विकास का रोडमैप

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उत्तराखंड से खास लगाव है| हाल ही में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उत्तराखंड आए थे तो उन्होंने कहा था कि उत्तराखंड जब 25 साल का पूरा होगा तब इस राज्य का विकास का मॉडल क्या होगा और किस तरह का यहां आर्थिक विकास होगा| साथ में पर्यावरण के साथ संतुलन बनाते हुए आर्थिक विकास को कैसे किया जा सकता है| उसको लेकर प्रदेश सरकार एक रोडमैप तैयार कर रही है|

राजधानी देहरादून में एक सेमिनार का आयोजन किया गया| जिसमें उत्तराखंड के विकास के लेकर चर्चा की गई| मुख्यमंत्री आवास पर इस सम्मेलन का आयोजन हुआ, जिसमें मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ में नीति आयोग के उपाध्यक्ष साथ में कई एक्सपर्ट आर्थिक सलाहकार पर्यावरणविद भी शामिल रहे|

सीएम धामी का कहना है कि पीएम मोदी ने जिस तरह से आर्थिक विकास को लेकर एक रोडमैप तैयार करने को कहा था| उस दिशा में प्रदेश सरकार काम कर रही है| उत्तराखंड में आर्थिक विकास को नई दिशा देने के लिए पर्यावरण के साथ संतुलन बनाते हुए विकास का एक रोडमैप तैयार किया जा रहा है| पर्यावरणविद अनिल प्रकाश जोशी का कहना है कि प्रदेश सरकार इस दिशा में काम कर रही है कि किस तरह से हिमालय का संरक्षण करते हुए उत्तराखंड का विकास किया जाए पर्वतीय क्षेत्रों में आर्थिक विकास के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं उस दिशा में भी विचार मंथन किया गया|

उनका कहना है कि पर्यावरण को संतुलित रखते हुए आर्थिक विकास की दिशा में काम करने की जरूरत है|  इस सम्मेलन में उत्तराखंड के विकास के बारे में चर्चा की गई| सम्मेलन में देश प्रदेश के कई आर्थिक सलाहकार सम्मेलन में शामिल रहे हैं|

प्रदूषित हवा के बीच सांसों पर आफत, बीते दिन मुज़फ्फरनगर की एयर क्वॉलिटी पहुंची 400 के पार वहीं, सम्मेलन के संयोजक दुर्गेश पंत का कहना है कि इस दिशा में काम किया जा रहा है कि आखिर उत्तराखंड का पूरी तरह से विकास कैसे हो सकता है आगे क्या कदम उठाया जा सकता है सरकार किन-किन योजनाओं को पर्यावरण के संरक्षण के तहत लागू कर सकती है और आने वाले दिनों में रोजगार के क्या आयाम हो सकते हैं इन तमाम बिंदुओं पर विचार मंथन किया गया है| फिलहाल देखना होगा कि आने वाले दिनों में आर्थिक विकास को लेकर सरकार क्या योजना तैयार करती है| जिस तरह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तराखंड के विकास को लेकर अपनी चिंता जताई है, उसकी झलक उत्तराखंड में देखने को मिल रही है|