उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने महिला उद्यमियों को भी प्रोत्साहित करने के लिए बड़ी योजना बनाई है। राज्य सरकार महिला उद्यमियों से लघु फैक्ट्रियां या छोटे उद्योग लगाने के लिए खरीदी गई जमीन पर स्टांप शुल्क नहीं वसूलेगी, यानी जमीन की खरीद के लिए उनके लिए स्टांप शुल्क मुक्त कर दिया गया है।

योगी सरकार ने MSME नीति के तहत सभी उद्यमियों के लिए रियायतों का पिटारा खोलने का फैसला किया है. इसमें भी उद्यमों के साथ पूर्वांचल और बुंदेलखंड में निवेश आकर्षित करने का विशेष प्रयास किया गया है। प्रदेश की 80 लाख करोड़ रुपये की अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य लेकर चल रही योगी आदित्यनाथ सरकार औद्योगिक निवेश बढ़ाने के लिए नई एमएसएमई नीति को और आकर्षक बनाने जा रही है.

योगी आदित्यनाथ सरकार जनवरी 2023 में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन करने जा रही है। इस आयोजन का लक्ष्य राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाना भी है। ऐसे में राज्य में अधिक से अधिक औद्योगिक निवेश आकर्षित करने के प्रयास किए जाएंगे। इसे देखते हुए सरकार नई MSME नीति लेकर आ रही है।

एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि नई नीति में उद्यमियों को काफी रियायतें दी जाएंगी। महिला उद्यमियों के लिए विशेष प्रावधान किए जा रहे हैं। औद्योगिक विकास का क्षेत्रीय संतुलन बनाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि उद्यमियों को पूर्वांचल और बुंदेलखंड में निवेश पर 100 प्रतिशत, मध्य यूपी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 75 प्रतिशत की छूट मिलेगी| इसमें सिर्फ गौतमबुद्धनगर और गाजियाबाद में 50 फीसदी की छूट मिलेगी| वहीं महिला उद्यमियों को प्रदेश में कहीं भी उद्योग लगाने के लिए जमीन की खरीद पर स्टांप शुल्क नहीं देना होगा।