प्राकृतिक खेती पर जोर, रासायनिक खाद, कीटनाशक दवाओं को किया जाएगा नियंत्रित

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अब किसानों को देसी गाय पालने पर जोर दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि किसानों को देसी गाय पालन के लिए गाय की देखरेख करने हेतु 9 सौ रूपए प्रतिमाह दिए जाएंगे। उन्होंने किसानों से आह्वान भी किया कि रासायनिक खाद और कीटनाशक दवाओं के उपयोग को नियंत्रित किया जाए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मंत्रालय से वर्चुअली को संबोधित करते हुए यह बात कही। कार्यशाला  में गुजरात के राज्यपाल  आचार्य देवव्रत, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री  वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी अपने विचार व्यक्त किए।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि हरित क्रांति में रासायनिक खाद के उपयोग ने खाद्यान्न की कमी को पूरा किया, परंतु अब इसके घातक परिणाम सामने आ रहे हैं। रासायनिक खाद एवं कीटनाशकों के उपयोग से धरती की सतह कठोर और मनुष्य रोग ग्रस्त होता जा रहा है। इसके उपयोग को नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जो प्राकृतिक खेती से ही संभव है। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिए प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है। प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए ग्राम स्तर तक वातावरण बनाने और इसमें किसानों की सहायता करने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।

सौ गांवों में शुरू की जाएगी विशेष गतिविधियां

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में 52 जिले हैं। प्रारंभिक रूप से प्रत्येक जिले के 100 गांव में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष गतिविधियां संचालित की जाएंगी। वर्तमान खरीफ की फसल से प्रदेश के 5,200 गाँव में प्राकृतिक खेती की गतिविधियां आरंभ होंगी। वातावरण-निर्माण के लिए प्रदेश में कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हजार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है। नर्मदा जी के दोनों ओर प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित किया जाएगा।

किसान मित्र, किसान दीदी बनेंगे मास्टर  ट्रेनर

मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार हरित क्रांति के लिए किसानों को रासायनिक खाद पर सब्सिडी और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई उसी प्रकार प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए किसानों को प्रोत्साहन देना और सहयोग करना आवश्यक है। प्राकृतिक खेती के लिए देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय से ही प्राकृतिक खेती के लिए आवश्यक जीवामृत तथा धनजीवामृत बनाए जा सकते हैं। मुख्यमंत्री  ने कहा कि प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को देसी गाय रखने के लिए 900 रुपये प्रति माह अर्थात 10 हजार 800 रूपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिए किसानों को 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी। प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिए प्रत्येक विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं की सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक गाँव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। कार्यकर्ताओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।

प्राकृतिक खेती अपनाने का किया आह्वान

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राकृतिक खेती की अवधारणा को व्यवहार में लाने के लिए वे स्वयं 5 एकड़ क्षेत्र में प्राकृतिक खेती प्रारंभ करेंगे। साथ ही राज्य मंत्रि-परिषद के सभी सदस्य और प्रदेश के किसानों से यह आहवान किया गया है कि वे अपनी-अपनी कृषि योग्य भूमि में से कुछ क्षेत्रों में प्राकृतिक खेती को अपनायें। इससे क्षेत्र के किसान प्रेरित होंगे और प्राकृतिक खेती के सकारात्मक परिणाम देखकर अन्य किसान भी प्राकृतिक खेती को अपनाएंगे। मध्य प्रदेश प्राकृतिक खेती की दृष्टि से उपयुक्त है, यहाँ जनजातीय बहुल 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में परंपरागत रूप से रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता है।

 

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल