मऊ। प्रदेश के परिवहन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दया शंकर सिंह एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने ग्राम सभा पहाड़ीपुर खिरिया में आयोजित जल जीवन मिशन के अंतर्गत ‘हर घर जल’ ग्राम संतृप्तिकरण सम्मेलन एवं संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया, साथ ही प्राथमिक विद्यालय पहाड़ीपुर खिरिया मैं शिव नाडर फाउंडेशन द्वारा स्मार्ट क्लासेज एवं प्रभावी शिक्षण के संदर्भ में आयोजित कार्यशाला तथा गांधी विद्यालय इंटर कॉलेज के रसायन प्रयोगशाला के लोकार्पण कार्यक्रम में भी सम्मिलित हुए।

इस आयोजन के दौरान कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दया शंकर सिंह ने अपने संबोधन में पीएम मोदी एवं सीएम योगी के प्रयासों की सराहना के साथ मुख्य सचिव के कार्यों की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन के तहत हर घर शौचालय, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं हर घर जल योजना के कार्यक्रमों की सफलता में मुख्य सचिव का अहम योगदान रहा है। मुख्य सचिव की ईमानदारी एवं सादगी से कार्य करने के कारण ही प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री हमेशा अपनी योजनाओं के सफलतापूर्वक क्रियान्वयन में उनका सहयोग लेते रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूरे भारत में 2024 तक हर घर जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है, जिसे 2024 तक हासिल कर लिया जाएगा।

जल जीवन मिशन के अंतर्गत हर घर जल ग्राम संतृप्तिकरण सम्मेलन एवं संवाद के आयोजन में अपने संबोधन के दौरान मुख्य सचिव ने वहां पर उपस्थित सभी लोगों का अभिवादन एवं धन्यवाद ज्ञापित करते हुए नए एवं विकसित भारत के लिए प्रधानमंत्री के प्रयासों की सराहना की।

उन्होंने कहा कि हर घर जल योजना, जो पूरे देश में लागू की जा रही है, वह प्रधानमंत्री की साहस का ही नतीजा है। मेरा गांव 100ः इस योजना से संतृप्त हो चुका है। इसके साथ ही पूरे जनपद में 75 गांव हर घर जल योजना से संतृप्त हो चुके हैं। अगले डेढ़ साल में पूरा जनपद इस योजना से संतृप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि योजना के लागू होने से बहुत लोगों को रोजगार का अवसर भी मिला है। इसके अलावा हर घर जल योजना के तहत हर नल में जल की पहुंच के साथ ही पानी की बचत भी हो रही है।

उन्होंने कहा कि केंद्र एवं प्रदेश सरकार का पूरा प्रयास है कि जल संरक्षण का कार्य किया जाए। इसके तहत सरकार प्रत्येक गांव में अमृत सरोवर का भी निर्माण कर रही है। अमृत सरोवर योजना भी प्रधानमंत्री की प्रेरणा से पूरे देश में संचालित की जा रही है। अब तक 10,000 से भी ज्यादा अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। जल संरक्षण की योजनाओं के क्रियान्वयन के साथ ही सरकार वृक्षारोपण को भी बढ़ावा दे रही है, जिससे पर्यावरण की रक्षा के साथ ही साथ लकड़ी उद्योग को भी बढ़ावा मिले।