सबसे पहले महाकाल के आंगन में होती है होली
देश में सबसे पहले उज्जैन स्थित बाबा महाकाल के आंगन में होली मनाई जाती है। सात मार्च की सुबह भस्म आरती में बाबा महाकाल को हर्बल गुलाल लगाकर पुजारी इस रंगोत्सव की शुरूआत करेंगे। महाकाल मंदिर के पुजारी पंडित महेश गुरू ने जानकारी देते हुए बताया कि विश्व प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में छह मार्च को सबसे पहले प्रदोषकाल में होलिका दहन होगा। राजाधिराज भगवान महाकाल सात मार्च को तड़के चार बजे हर्बल गुलाल से होली खेलेंगे। इसके बाद शहरवासी रंग पर्व मनाएंगे।

ग्वालियर पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं पर्व
पं.महेश पुजारी ने बताया कि मंदिर में हर त्यौहार ग्वालियर पंचांग के अनुसार मनाए जाते हैं, मंदिर में फाल्गुन पूर्णिमा पर प्रदोषकाल में होलिका के पूजन व होलिका दहन का विधान है। पंचांग की गणना के अनुसार छह मार्च को सुबह चतुर्दशी तथा शाम को प्रदोष काल में पूर्णिमा तिथि होने से महाकाल मंदिर में शाम को होलिका का पूजन व दहन होगा। संध्या आरती के बाद पुजारी, पुरोहित परिवार की महिलाएं होलिका का पूजन करेंगी। इसके बाद मंत्रोच्चार के साथ होलिका का दहन किया जाएगा।

छह मार्च की रात को होगा होलिका दहन
ज्योतिषाचार्य पंडित आनंद शंकर व्यास ने बताया कि इस बार भद्राकाल होने के कारण छह मार्च को गोधूलि बेला में होलिका पूजन किया जाएगा। सात मार्च को भद्रा का प्रभाव होने के कारण इस बार सूर्योदय के पूर्व ही मंदिर में होलिका दहन होगा। मंदिर में होलिका दहन के पहले पुजारी और पुरोहित परिवार की महिलाएं और श्रद्धालु होलिका का पूजन मंत्रोचार के साथ करेंगे।