चीन, रसिया व अमेरिका को टक्कर देगी  लैब

ग्वालियर: रक्षा अनुसंधान एवं विकास स्थापना की बायोलॉजिकल सेफ्टी लैब-4 लैब बनने के बाद भारत बायोलॉजिकल एवं केमिकल सुरक्षा और अनुसंधान में आत्मनिर्भर बन जाएगा। दोनों ही क्षेत्रों में डिटेक्शन संबंधी अनुसंधान एवं बायो डिटेक्टर संबंधी अनुसंधान भी अब लैब में किए जाएंगे। इसके लिए 400 करोड़ की लागत वाला (बायोलॉजिकल सेफ्टी लैब-4) का शिलान्यास मंगलवार को देश की राष्ट्रपति द्रौपती मुर्मू ने वर्चुअली रूप से किया है। भोपाल में उनके बटन दबाते ही यहां शिलान्यास हुआ। इस लैब में कोरोना जैसे सूक्ष्मजीव पर अनुसंधान किया जा सकेगा। इससे देश में ग्वालियर का नाम होगा।

लैब में अनुसंधान कक्ष की सुरक्षा तीन लेयर की होगी। मतलब लैब में रिसर्च करने वाले साइंटिस्ट को तीन गेट से होकर गुजरना होगा। सभी गेट ग्लास व फाइबर से बने होंगे। ऐसा इसलिए क्योंकि यह लैब में जिन सूक्ष्म जीव का अनुसंधान होगा वह बहुत ही खतरनाक होंगे। किसी तरह वहां से कोई वायरस बाहर निकलता है तो यह हवा के साथ तेजी से फैल सकता है। ऐसा अभी हाल में कोरोना के समय खबरों में सुनाई दिया था कि चीन के किसी शहर में कोरोना पर अनुसंधान करते समय वायरस फैल गया था और उसके बाद काफी बुरे परिणाम सामनेआए थे।

लैब देश की पहली आधुनिक बायोलॉजिकल सेफ्टी लैब होगी। यह लैब अमेरिका, रूस एवं चीन के समकक्ष होगी। ऐसी आधुनिक सुविधाओं वाली लैब अभी भारत में कोई नहीं है। अभी देश में पुणे स्थित बायोलॉजिकल लैब ही सबसे आधुनिक है लेकिन इस लैब में उपकरण काफी पुराने हैं। ग्वालियर की नई लैब में अत्याधुनिक उपकरण लगाए जाएंगे। लैब को थ्री लेयर सिक्युरिटी में बनाया जाएगा। इस लैब में विशेष अनुसंधान करने वाले वैज्ञानिक एक विशेष सुरक्षित सूट पहन कर ही प्रवेश कर सकेंगे। इस लैब में हवा व प्रकाश का भी प्रवेश नहीं होगा। लैब के अंदर हवा फिल्टर होकर ही प्रवेश करेगी और लैब से बाहर भी हवा फिल्टर होकर ही निकलेगी। लैब में इमरजेंसी एग्जिट भी रहेगा। इस आधुनिक लैब में सभी तरह के बैक्टीरिया एवं वायरस पर रिसर्च तत्परता एवं सुरक्षा से किया जा सकेगा।

सेना की छावनी जैसी सुरक्षा में होगी  लैब
नई लैब की सुरक्षा के लिए 140 एकड़ के परिसर मैं लगभग 500 मीटर की दूरी पर एक वॉच टावर निर्माण किया जाएगा। लगभग 100 वॉच टावर परिसर के चारों ओर बनाए जाएंगे। इन टावरों पर सशस्त्र बल के जवान आधुनिक हथियारों के साथ लैब की सुरक्षा के लिए तैनात किए जाएंगे। सेना की छावनी जैसा नजारा होगा। स्वतंत्रता के 75 वें अमृत उत्सव में देश को जैव एवं रासायनिक सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। नई लैब इस दिशा में काम करेगी।