मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचलों में होगी वनवासी लीलाएं
मध्य प्रदेश की सरकार अब आदिवासी अंचलों में वनवासी लीलाओं की प्रस्तुति कर रामकथा साहित्य की जानकारी देगी। संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लाकों में इन लीलाओं को मंचन होगा। जिसमें वनवासी चरित्रों पर आधारित “वनवासी लीलाओं“ भक्तिमती शबरी और निषादराज गुह्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय ज्ञान एवं भक्ति धारा में सत्य को रसपूर्ण ढंग से संरक्षित करने के लिए कथा कहने या रचने की सनातन परंपरा रही है। लीला का इन सनातन अभिव्यक्तियों में प्रमुख स्थान रहा है। श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाएं लीला माध्यम में सदियों से अभिव्यक्त होती आ रही हैं और ग्रामीण समाजों में आचार-विचार एवं परंपरागत सत्य को प्रवाहित करने का सशक्त माध्यम रही हैं। इसी सनातन परंपरा का पालन करते हुए संस्कृति विभाग 11 मई से प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉकों में राम कथा साहित्य में वर्णित वनवासी चरित्रों पर आधारित “वनवासी लीलाओं“ भक्तिमती शबरी और निषादराज गुह्य की प्रस्तुतियाँ आयोजित कर रहा है।
यहां होगी लीलाओं की प्रस्तुति
संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से प्रथम चरण में अलीराजपुर, सिवनी, शहडोल, धार, मंडला, उमरिया, श्योपुर, छिंदवाड़ा के ब्लॉकों में दो दिवसीय वनवासी लीलाओं की प्रस्तुतियां की जा रही हैं। इन प्रस्तुतियों की श्रृंखला में अलीराजपुर और सिवनी में 11 से 14 मई, शहडोल में 16 से 19 मई, धार में 17-18 मई, मंडला और उमरिया में 21-22 मई, जिला श्योपुर में 24-25 मई और छिंदवाड़ा में 24 से 27 मई तक वनवासी लीला र्काय़क्रम किये जायेंगे। इन जनजातीय ब्लॉक में प्रतिदिन सायं 7ः30 बजे से यह प्रस्तुतियां होंगी। लीलाओं को प्रदेश में कार्यरत नाट्य निर्देशकों द्वारा मंचित किया जाएगा।
योजनाओं की हकीकत सरकार तक पहुंचना जरूरी
राजधानी भोपाल में राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियांवयन की जमीनी हकीकत शासन के पास पहुंचना आवश्यक है। प्रकोष्ठ की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है। योजनाओं पर प्रकोष्ठ की सीधी नज़र और सुझावों से जनजातीय कल्याण के कार्यों को नई गति मिलेगी एवं उनका क्रियान्वयन अधिक प्रभावी तरीके से सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक समरसता के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के कल्याण और विकास के लिए अभियान के रूप में कार्य कर रही है। जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर राशन आपके ग्राम, देवारण्य योजनाओं का निर्माण और पेसा एक्ट का चरणबद्ध क्रियान्वयन इस अभियान का हिस्सा है।
वन ग्राम परिवर्तित होंगे राजस्व ग्राम में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इमारती लकड़ी की आय का 20 प्रतिशत भाग सीधे वन समिति को जाएगा। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार, वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के साथ अगले सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तेंदूपत्ता कार्य स्थानीय लोगों को देने का प्रयास भी किया जाएगा।
नया अध्याय लिखेगा जनजातीय प्रकोष्ठ
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए एकजुट और एकमत प्रयासों से जनजातीय विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखने का ऐतिहासिक अवसर जनजातीय प्रकोष्ठ का गठन है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ विकास के लिए सबका साथ, विश्वास और सबका प्रयास जरूरी है। सामाजिक समरसता के लिए दिल और दिमाग के साथ कार्य करने के साथ आचरण और व्यवहार करना भी जरूरी है। उन्होंने जनजातीय कल्याण, पेसा एक्ट क्रियांवयन और अनुवांशिक रोग सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा तथा भारिया के लिए दो-दो मवेशी पालन की इकाई प्रदान करने की योजना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के साथ समन्वय करना चाहिए। योजना से सतत आजीविका की व्यवस्था होगी। परिवार के बच्चों के पोषण प्रयासों में भी मज़बूती आएगी।
मध्यप्रदेश के आदिवासी अंचलों में होगी वनवासी लीलाएं
मध्य प्रदेश की सरकार अब आदिवासी अंचलों में वनवासी लीलाओं की प्रस्तुति कर रामकथा साहित्य की जानकारी देगी। संस्कृति विभाग द्वारा प्रदेश के 89 आदिवासी ब्लाकों में इन लीलाओं को मंचन होगा। जिसमें वनवासी चरित्रों पर आधारित “वनवासी लीलाओं“ भक्तिमती शबरी और निषादराज गुह्य की प्रस्तुति दी जाएगी।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारतीय ज्ञान एवं भक्ति धारा में सत्य को रसपूर्ण ढंग से संरक्षित करने के लिए कथा कहने या रचने की सनातन परंपरा रही है। लीला का इन सनातन अभिव्यक्तियों में प्रमुख स्थान रहा है। श्रीराम और श्रीकृष्ण की कथाएं लीला माध्यम में सदियों से अभिव्यक्त होती आ रही हैं और ग्रामीण समाजों में आचार-विचार एवं परंपरागत सत्य को प्रवाहित करने का सशक्त माध्यम रही हैं। इसी सनातन परंपरा का पालन करते हुए संस्कृति विभाग 11 मई से प्रदेश के 89 जनजातीय ब्लॉकों में राम कथा साहित्य में वर्णित वनवासी चरित्रों पर आधारित “वनवासी लीलाओं“ भक्तिमती शबरी और निषादराज गुह्य की प्रस्तुतियाँ आयोजित कर रहा है।
यहां होगी लीलाओं की प्रस्तुति
संस्कृति विभाग द्वारा जिला प्रशासन के सहयोग से प्रथम चरण में अलीराजपुर, सिवनी, शहडोल, धार, मंडला, उमरिया, श्योपुर, छिंदवाड़ा के ब्लॉकों में दो दिवसीय वनवासी लीलाओं की प्रस्तुतियां की जा रही हैं। इन प्रस्तुतियों की श्रृंखला में अलीराजपुर और सिवनी में 11 से 14 मई, शहडोल में 16 से 19 मई, धार में 17-18 मई, मंडला और उमरिया में 21-22 मई, जिला श्योपुर में 24-25 मई और छिंदवाड़ा में 24 से 27 मई तक वनवासी लीला र्काय़क्रम किये जायेंगे। इन जनजातीय ब्लॉक में प्रतिदिन सायं 7ः30 बजे से यह प्रस्तुतियां होंगी। लीलाओं को प्रदेश में कार्यरत नाट्य निर्देशकों द्वारा मंचित किया जाएगा।
योजनाओं की हकीकत सरकार तक पहुंचना जरूरी
राजधानी भोपाल में राजभवन में जनजातीय प्रकोष्ठ कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि सरकारी योजनाओं के क्रियांवयन की जमीनी हकीकत शासन के पास पहुंचना आवश्यक है। प्रकोष्ठ की इस दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका है। योजनाओं पर प्रकोष्ठ की सीधी नज़र और सुझावों से जनजातीय कल्याण के कार्यों को नई गति मिलेगी एवं उनका क्रियान्वयन अधिक प्रभावी तरीके से सुनिश्चित होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार सामाजिक समरसता के साथ सामाजिक न्याय के लिए प्रतिबद्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार जनजातीय समुदाय के कल्याण और विकास के लिए अभियान के रूप में कार्य कर रही है। जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधियों के साथ मिलकर राशन आपके ग्राम, देवारण्य योजनाओं का निर्माण और पेसा एक्ट का चरणबद्ध क्रियान्वयन इस अभियान का हिस्सा है।
वन ग्राम परिवर्तित होंगे राजस्व ग्राम में
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि इमारती लकड़ी की आय का 20 प्रतिशत भाग सीधे वन समिति को जाएगा। सामुदायिक वन प्रबंधन का अधिकार, वन ग्रामों को राजस्व ग्रामों में परिवर्तित करने के साथ अगले सत्र से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तेंदूपत्ता कार्य स्थानीय लोगों को देने का प्रयास भी किया जाएगा।
नया अध्याय लिखेगा जनजातीय प्रकोष्ठ
राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा है कि जनजातीय समाज के उत्थान के लिए एकजुट और एकमत प्रयासों से जनजातीय विकास की दिशा में एक नया अध्याय लिखने का ऐतिहासिक अवसर जनजातीय प्रकोष्ठ का गठन है। उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता के साथ विकास के लिए सबका साथ, विश्वास और सबका प्रयास जरूरी है। सामाजिक समरसता के लिए दिल और दिमाग के साथ कार्य करने के साथ आचरण और व्यवहार करना भी जरूरी है। उन्होंने जनजातीय कल्याण, पेसा एक्ट क्रियांवयन और अनुवांशिक रोग सिकल सेल एनीमिया के नियंत्रण के लिए राज्य सरकार की तत्परता की सराहना की। उन्होंने कहा कि विशेष पिछड़ी जनजातियों सहरिया, बैगा तथा भारिया के लिए दो-दो मवेशी पालन की इकाई प्रदान करने की योजना के संबंध में राज्य सरकार द्वारा केंद्र सरकार के साथ समन्वय करना चाहिए। योजना से सतत आजीविका की व्यवस्था होगी। परिवार के बच्चों के पोषण प्रयासों में भी मज़बूती आएगी।
द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल