सीएम त्रिवेंद्र ने केदारनाथ धाम में करवाया रुद्राभिषेक, बाबा से की कोरोना संकट से मुक्ति की कामना

  • प्रदेश के सुखसमृद्धि के लिए रुद्राभिषेक अष्टाध्यायी का हुआ पाठ
  • मुख्य पुजारी ने स्वयंभू लिंग का अभिषेक किया

उत्तराखंड की सुख-समृद्धि के लिए केदारनाथ में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के नाम से बाबा केदार की पूजा-अर्चना कराई गई। इस दौरान कोरोना महामारी के संकट से मुक्ति की कामना की गई।

रविवार को केदारनाथ धाम में मुख्य पुजारी शिव शंकर लिंग द्वारा सुबह छह बजे से पौने सात बजे तक मुख्यमंत्री के नाम से बाबा केदार की रुद्राभिषेक पूजा व रूद्र अष्ठाध्यायी पाठ किया गया। मुख्य पुजारी द्वारा स्वयंभू लिंग का पंचामृत अभिषेक एवं जलाभिषेक करते हुए सभी धार्मिक परंपराओं के तहत पूजा संपादित की गई। भगवान केदारनाथ से मानवता की आरोग्यता, सुख-संपन्नता और देश-दुनिया की कोरोना से मुक्ति की कामना भी की गई।

इस मौके पर वेदपाठी यशोधर मैठाणी, मंदिर के सुपरवाइजर वाईएस पुष्पवाण, मृत्युंजय हीरेमठ आदि मौजूद थे। इधर, उत्तराखंड चारधाम देवस्थानम बोर्ड के मीडिया प्रभारी डा. हरीश चंद्र गौड़ ने बताया कि कोरोना संक्रमण के चलते इस वर्ष चारधाम यात्रा का संचालन नहीं हो रहा है। इसलिए धाम में पूजा व्यवस्था के लिए मुख्य पुजारी समेत 11 कर्मचारी तैनात हैं।

सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए खोली जाए चारधाम यात्रा

बदरीनाथ धाम से जुड़े आचार्य ब्राह्मण, व्यवसायियों और आम लोगों ने स्थिति सामान्य होने तक सिर्फ स्थानीय लोगों के लिए ही चारधाम यात्रा संचालित करने की पैरवी की है। कहा गया कि सामाजिक दूरी का पूरा पालन कर स्थानीय लोगों को धामों में जाने दिया जाए, इससे छोटे व्यापारियों को कुछ राहत मिल सकती है। डिमरी पंचायत के प्रवक्ता पंकज डिमरी का कहना है कि चारधाम यात्रा खुली तो पहाड़ में कोरोना वायरस पूरी तरह से फैल जाएगा।

यदि सरकार यात्रा संचालित करना ही चाहती है तो हक-हकूकधारियों व सामाजिक दूरी के साथ स्थानीय लोगों को धामों की तीर्थयात्रा की अनुमति दी जाए। होटल व्यवसायी सज्जन लाल शाह का कहना है कि यात्रा पड़ावों पर मंझले व छोटे कारोबारियों के चूल्हे जलने मुश्किल हो गए हैं। बाहरी क्षेत्रों के तीर्थयात्रियों को नहीं, लेकिन स्थानीय लोगों को यात्रा की अनुमति दी जानी चाहिए।

नंदप्रयाग के तेजवीर कंडेरी का कहना है कि यात्रा का संचालन फिलहाल नहीं होना चाहिए। लोग अपने घरों में सुरक्षित हैं, यात्रा खुली तो संक्रमण का खतरा भी बढ़ जाएगा। जोशीमठ प्रधान संगठन के अध्यक्ष अनूप सिंह रावत का कहना है कि यात्रा शुरु नहीं की जानी चाहिए। यदि यात्रा खुली तो कोरोना वायरस पहाड़ में पूरी तरह से पांव पसार देगा।