पीएम मोदी की अगवानी को सीएम योगी ने संभाली कमान

सोमवार शाम गोरखपुर पहुंचे मुख्यमंत्री ने लिया कार्यक्रम स्थल का जायजा पूर्वी यूपी के विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक है पीएम का कार्यक्रम खाद कारखाना, एम्स की सौगात देने मंगलवार दोपहर गोरखपुर आ रहे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगवानी के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सारी तैयारियों की कमान खुद संभाल ली है। सोमवार शाम गोरखपुर पहुंचे सीएम योगी ने खाद कारखाना परिसर में तैयार पीएम के कार्यक्रम स्थल का जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने कहा कि पीएम का यह कार्यक्रम पूर्वी उत्तर प्रदेश के विकास की दृष्टि से ऐतिहासिक है इसलिए खाद कारखाना व एम्स का राष्ट्रार्पण समारोह भी भव्यतम दिखना चाहिए। जब से पीएम का कार्यक्रम तय हुआ है तब से सीएम लगातार तैयारियों की समीक्षा करते रहे हैं।

सोमवार शाम करीब पांच बजे खाद कारखाना परिसर पहुंचकर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री के लिए बने मंच के साथ ही समूचे कार्यक्रम परिसर का सघन जायजा लिया। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित किया कि प्रधानमंत्री की सुरक्षा के साथ ही आमजन की सुरक्षा और सुविधा में किसी भी तरह की कोताही नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यहां मौजूद अधिकारियों ने हरेक बिंदु पर गहन जानकारी ली और जरूरी दिशानिर्देश दिए।गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार दोपहर गोरखपुर आएंगे। इस दौरान वह पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए बेहद महत्वपूर्ण हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड के नवनिर्मित खाद कारखाना, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के साथ ही इंडियन काउंसिल आफ मेडिकल (आईसीएमआर) की क्षेत्रीय इकाई रीजनल मेडिकल रिसर्च सेंटर (आरएमआरसी) का लोकार्पण करेंगे। इन तीनों महत्वपूर्ण परियोजनाओं पर 9650 करोड़ रुपये की लागत आई है। 6803 करोड़ रुपये से बने खाद कारखाने से जहां प्रतिवर्ष 12.7 लाख मीट्रिक टन नीम कोटेड यूरिया का उत्पादन किसानों के जीवन में खुशहाली लाएगा वहीं इससे करीब बीस हजार रोजगार सृजन की भी संभावना परवान चढेगी। जबकि 1011 करोड़ की लागत वाले एम्स से पूर्वी उत्तर प्रदेश के साथ ही बिहार, झारखंड व नेपाल तक की बड़ी आबादी को विश्व स्तरीय विशेषज्ञ चिकित्सा सुविधाओं का लाभ मिलेगा। गोरखपुर में ही वायरसजनित बीमारियों की विश्व स्तरीय जांच व अनुसंधान हो सके इसके लिए 36 करोड रुपये से आरएमआरसी को तैयार किया गया है जहां के हाईटेक लैब्स इस मामले में बडे शहरों के प्रति निर्भरता को कम करेंगी।