यूपी लोक अदालत में 20,36,435 वादों का हुआ निस्तारणराष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय राजेश बिंदल व न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर ने किया लखनऊ। न्यायमूर्ति यूयू ललित कार्यपालक अध्यक्ष राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति राजेश बिंदल मुख्य संरक्षक उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवाप्राधिकरण के नेतृत्वव न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर कार्यपालक अध्यक्ष, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के निर्देशन में शनिवार को सम्पूर्ण प्रदेश में राष्ट्रीय लोक अदालत आयोजितकी गयी। राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारम्भ मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय, इलाहाबादद्वारा जनपद मथुरा में एवं न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर, उच्च न्यायालय इलाहाबादद्वारा जनपद चित्रकूट में प्रातः 10 बजे दीप प्रज्ज्वलित कर तथा मॉ सरस्वती कीप्रतिमा के समक्ष पुष्प  अर्पित कर औपचारिक रूप से कियागया।उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण केसदस्य सचिव संजय सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान विभिन्नजिला विधिक सेवा प्राधिकरणों-जनपद न्यायाधीशों व अन्य स्रोतों से प्राप्त सूचना केअनुसार शाम 5.30 बजे तक कुल 2036435 वादों का निस्तारण किया गया। जिसमें शमनीयप्रकृति के आपराधिक वाद, धारा 138 एनआई एक्ट के वाद, बैंकों के बकाया वसूली, मोटर दुर्घटना प्रतिकर, श्रम एवं रोजगार, वैवाहिक, भू राजस्व वादों का निस्तारण किया गया, साथ ही उत्तर प्रदेश भू-संपदा प्राधिकरण व उत्तर प्रदेशभू-सम्पदा अपीलेट ट्रिब्यूनल वाद व राज्य उपभोक्ता प्रतितोष आयोग, सभी जिला उपभोक्ता आयोग व प्रदेश भर के राजस्व न्यायालयों में लंबितवादों का बहुसंख्या में निस्तारण किया गया।सदस्य सचिव ने बताया कि इस लोक अदालत को सफलबनाने के लिए उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से 3 मार्च को समस्तउत्तर प्रदेश के जनपद न्यायाधीश-अध्यक्ष व सचिव, जिलाविधिक सेवा प्राधिकरणों, मोटर दुर्घटना ट्रिब्यूनल, पारिवारिक न्यायालय, व्यावसायिक न्यायालय वस्थायी लोक अदालत आदि के पीठासीन अधिकारियों, पुलिस तथाप्रशासनिक अधिकारियों से प्रस्तावित राष्ट्रीय लोक अदालत को सफल बनाने का आह्वानकिया गया था।