यूपी में चुनाव संपन्न, योगी ने दी बधाई

शांतिपूर्ण ढंग से सभी सात चरणों में मतदान सम्पन्न होने के लिए सबको बधाई: सीएम

अबकी बार 2017 के मुकाबले 0.94 फीसदी कम पड़े वोट, वहीं 2017 में 2012 के मुकाबले 1.2 फीसदी अधिक हुआ मतदान वोट प्रतिशत बढ़ने से विपक्षी दलों को होता रहा है फायदा

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार की शाम छह बजे सातवें एवं अंतिम चरण का मतदान सम्पन्न होने के साथ ही निर्वाचन प्रक्रिया से जुड़े सभी अधिकारियों, कर्मचारियों और मीडिया को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री योगी ने जारी एक संदेश में कहा कि सुरक्षाकर्मियों को, व्यवस्था से जुड़े शासकीय कर्मचारियों, प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जिन लोगों ने भी चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से आगे बढ़ाने में अपना योगदान दिया, उन सभी लोगों को मैं हृदय से धन्यवाद देता हूं। पूरी प्रक्रिया की कवरेज को हर एक जिला और प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र की कवरेज को जनमानस तक पहुंचाने को मीडिया ने जो कार्य किया है, सभी मीडिया समूहों और उनके प्रतिनिधियों को धन्यवाद देता हूं। लोकतंत्र के इस पर्व को महापर्व बनाने का जो काम किया है वह अभिनंदनीय रहा है। एक बार फिर से शांतिपूर्ण तरीके से उप्र विधानसभा चुनाव के सात चरणों की प्रक्रिया पूर्ण होने पर निर्वाचन से जुड़े सभी लोगों को हृदय से धन्यवाद देता हूं और उनके प्रति आभार व्यक्त करता हूं।

यूपी में 7वें चरण के मतदान के साथ विधानसभा चुनाव संपन्न हो गया है। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार 2022 के इस चुनाव में 60.31 प्रतिशत वोटिंग हुई है। जबकि 2017 में 61.28 फीसदी मतदान हुआ था। यानी इस बार पिछले चुनाव से 0.94 प्रतिशत कम मतदान हुआ है। वहीं 2012 में 59.5 फीसदी मतदान हुआ था। यानी 2017 में 1.2 फीसदी मतदान में इजाफा होने पर भाजपा को बड़ा फायदा हुआ था। इस तरह यूपी में मतदान बढ़ने पर सरकार के बदलने की संभावना सबसे ज्यादा थी। जो अब काम दिखाई दे रही है।

सातवें चरण में करीब 4 फीसदी कम वोटिंग बात सातवें चरण की करें तो करीब 55.5 फीसदी वोटिंग हुई। जबकि 2017 में इन्हीं 54 सीटों पर 59.56 प्रतिशत मतदान हुआ था, यानी इस बार करीब 4 फीसदी कम वोटिंग हुई है। 2012 में इन 54 सीटों पर 57.93 वोटिंग हुई थी। वहीं, 2012 की तुलना में 2017 में वोटिंग में 1.6 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। इससे पूर्व पहले चरण की 58 सीटों पर 62.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी, जो 2017 से 1.1 प्रतिशत कम है। दूसरे चरण की 55 सीटों पर 64.7 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2017 से 1 फीसदी कम है। तीसरे चरण में 59 सीटों पर 62.2 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो 2017 से 0.2 फीसदी कम रही। चौथे चरण में 59 सीट पर 62.7 प्रतिशत वोटिंग हुई, जो पिछले चुनाव से करीब 0.1 फीसदी कम। पांचवें चरण में 58.3 प्रतिशत वोट पड़े, जबकि 2017 की बात करें तो 58.4 प्रतिशत वोटिंग हुई थी। यानी 0.1 प्रतिशत कम वोट पड़े थे। वहीं छठे फेज में करीब 56.43 प्रतिशत वोट पड़े जबकि 2017 में इन्हीं 57 सीटों पर 56.52 फीसदी मतदान हुआ था, यानी इस बार 0.1 फीसदी कम वोटिंग हुई है।

एग्जिट पोल में दौड़ा डबल इंजन

चुनाव सम्पन्न होते ही एग्जिट पोल आना शुरू हो चुके हैं। अब तक लगभग दस से ज्यादा एग्जिट पोल आए हैं। सभी में यूपी में योगी सरकार की वापसी का अनुमान लगाया जा रहा है। एग्जिट पोल में भाजपा को 211 से 288 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है। वहीं, सपा को 116 से 161 सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है। वहीं, बसपा बेहद कमजोर नजर नहीं आ रही है। बसपा को 3 से लेकर 17 तक सीटों पर जीत का अनुमान लगाया गया है। इसके अलावा, कांग्रेस भी दहाई का आंकड़ा पार करती हुई नजर नहीं आ रही है।

सटोरियों की भी फेवरेट बीजेपी

वहीं चुनाव संपन्न होते ही एग्जिट पोल्स आने लगे हैं। लेकिन इन एग्जिट पोल्स से इतर एक सटोरियों की दुनिया भी है जहां फिलहाल तक उप्र के ताज की दावेदारी में सत्तारूढ़ भाजपा को ही फेवरेट माना जा रहा है। उत्तर प्रदेश विधानसभा 22 के परिणामों पर अंतिम मुहर तो 10 मार्च को लगेगी लेकिन सत्तारूढ़ दल सटोरियों की पहली पसंद बना हुआ है और दिल्ली, लखनऊ व हापुड़ के सट्टा बाजार में भारतीय जनता पार्टी के दोबारा सत्ता में आ रही है। सट्टा बाजार के अनुमान के मुताबिक इस बार 220 सीटों पर सिमट रही है जो भाजपा के 325+ के दावों से काफी दूर है। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी को माना जा रहा है है और सटोरिए इस चुनाव में सपा का पहिया 135 से 140 सीट मात्र ही दे रहे हैं। हालांकि सटोरियों ने जनवरी में बीजेपी के उत्तर प्रदेश में 230 सीट जीतने का अनुमान लगाया था, लेकिन सात चरण के चुनाव के अंतिम दौर के बाद अब सटोरियों का अनुमान है कि प्रदेश की 403 सीटों पर से इस बार 220 सीटों पर ही कमल का फूल खिल पायेगा। सटोरियों के मुताबिक शुरुआती हार के बाद भाजपा बहुमत से चुनाव जीतेगी। अगर सटोरियों के अनुमान के मुताबिक भाजपा इस बार चुनाव जीतती है तो 21 साल में ऐसा पहली बार होगा जब एक ही पार्टी दोबारा सत्ता में आयेगी।