अपने संबोधन में मुख्य सचिव ने संबंधित विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया कि आगामी 30 नवंबर तक उत्तर प्रदेश की सभी सड़के गड्ढा मुक्त हो जाएं। यूपी विधानमंडल का शीतकालीन सत्र 5 दिसंबर से शुरु होने जा रहा है उससे पहले सड़को की मरम्मत एवं सुदृढ़ीकरण का कार्य अवश्य पूरा कर लिया जाये।
उन्होंने कहा कि सड़क की बेहतर कनेक्टिविटी प्रगति का माध्यम होती हैं। गांव हो या शहर, अच्छी सड़कें आम जनमानस का अधिकार है। सड़के सिंगल लेन की हो अथवा दो, चार या छह लेन की, उसकी गुणवत्ता अच्छी होनी चाहिए। इसके साथ ही समय-समय पर इनके गुणवत्ता की जांच भी की जाए।
उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय मार्ग, एनएचएआई (वेस्ट यूपी), एनएचएआई (ईस्ट यूपी), मंडी, पंचायती राज, सिंचाई विभाग, ग्राम्य विकास, नगर विकास, गन्ना विभाग, आवास एवं शहरी नियोजन, अवस्थापना एवं औद्यौगिक विकास विभाग एवं कार्यदायी संस्थाओं के समस्त श्रेणी के लगभग 4,01,025 कि.मी. लंबाई के मार्ग हैं जिनकी गड्ढामुक्ति का अभियान मानसून के पश्चात् हर साल चलाया जाता है।
बैठक में अवस्थापना एवं औद्योगिक विकास आयुक्त अरविन्द कुमार, अपर मुख्य सचिव कृषि देवेश चतुर्वेदी, प्रमुख सचिव लोक निर्माण नरेंद्र भूषण, सचिव लोक निर्माण अजय चौहान, सचिव नगर विकास रंजन कुमार समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।