लखनऊ। नर्सिंग कोई पेशा नहीं बल्कि मानव सेवा का एक जरिया है। नर्सिंग और पैरामेडिकल के क्षेत्र में प्रदेश में काफी कार्य हो रहा है। मिशन निरामया के तहत सैकड़ो लोगों को रोजगार मिला है। आज वेबसाइट का शुभारंभ हुआ।

ये विचार प्रदेश के उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने आज एसजीपीजीआई में आयोजित स्टेट मेडिकल फैकल्टी में ए श्रेणी के नर्सिंग एवं पैरामेडिकल संस्थानों का प्रशस्ति पत्र वितरण एवं निरामया गौरव, नर्सिंग टीचर एक्सीलेंस अवार्ड समारोह में व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तेजी से बढ़ता हुआ प्रदेश है। आयुष्मान कार्डों को युद्ध स्तर पर तैयार कराया जा रहा है। एक जनपद-एक मेडिकल कॉलेज के तहत प्रदेश में व्यापक स्तर पर कार्य जारी है। नियमित रूप से नर्सिंग एवं पैरामेडिकल क्षेत्र में भर्तियां की जा रही हैं। उन्होंने जानकारी दी कि पिछले वर्ष आठ अक्टूबर को मुख्यमंत्री ने मिशन निरामया के तहत नर्सिंग एवं पैरामेडिकल के क्षेत्र में कॉलेजों की ग्रेडिंग व्यवस्था का शुभारंभ किया था। इन्हीं ए रेटिड संस्थानों को आज सम्मानित किया जा रहा है।

उन्होंने जानकारी दी कि मिशन के तहत कॉंटिनियस नर्सिंग प्रोफेशनल डवलपमेंट प्रोग्राम की शुरुआत की गई है। उत्तर प्रदेश नर्सिंग पेशे के लिए इतना व्यापक कार्यक्रम लागू करने वाला भारत का पहला राज्य बनने जा रहा है। इस अभियान के तहत कार्यशालाएं, सेमिनार, वेबिनार और कौशल प्रदर्शन कार्यक्रमों का संचालन किया जाएगा। डिप्टी सीएम ने जानकारी दी कि निरामया गौरव के अंतर्गत नर्सिंग शिक्षक उत्कृष्ता पुरस्कार लॉंच किया जा रहा है। मिशन निरामया की वेबसाइट भी शुरू की गई। उन्होंने उत्कृष्ट कार्य करने वाले चिकित्सा कार्मिकों को धन्यवाद दिया।

कार्यक्रम में स्वास्थ्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह, प्रमुख सचिव (चिकित्सा शिक्षा) आलोक कुमार, महानिदेशक (चिकित्सा शिक्षा) किंजल सिंह, एसजीपीजीआई के निदेशक डॉ. आरके धीमान सहित अन्य गणमान्यजन मौजूद रहे।