कभी-कभी जीवन में किया गया कोई छोटा सा इन्वेस्टमेंट भी आपको भविष्य में अच्छा फ़ायदा दे सकता है और बात जब घर में सोलर पैनल लगाने की हो तो आज भी ज़्यादातर लोगों को यह चिंता होती है कि इसमें बहुत खर्चा आएगा। हालांकि देश के अधिकतर राज्यों की सरकारें आज लोगों को सोलर पावर से जुड़ने के लिए सब्सिटी जैसी स्कीम भी दे रही हैं ।
ऐसे में दिल्ली में रहनेवाले अमित मेहता का मानना है कि मात्र स्कीम से लोगों को इस ओर जागरूक नहीं किया जा सकता। इसके लिए उन्हें कुछ केस स्टडीज़ या उदाहरण रखना ज़रूरी है।अमित का खुद का घर भी सोलर ऊर्जा के इस्तेमाल का एक बेहतरीन उदाहरण है, जिससे कई लोगों को प्रेरणा मिल सकती है।
एक आईटी कंपनी में काम करने वाले अमित मेहता, अप्रैल 2021 से अपने घर में सोलर ऊर्जा का ही इस्तेमाल कर रहे हैं। उन्होंने 2 लाख 25 हज़ार का शुरुआती निवेश करके रूफटॉप पैनल लगवाया था। उन्होंने बताया, “मात्र एक साल में ही सोलर पैनल के ज़रिए मुझे अपने निवेश के 1 लाख 25 हजार रुपये वापस मिल गए। इससे बड़ा फ़ायदा और क्या हो सकता है?”
अमित की छत पर लगे सोलर पैनल की सरकार करती है देखभाल
दरअसल, अमित दिल्ली में , दो मंज़िला अपार्टमेंट में सबसे ऊपर रहते हैं। वह अपनी छत पर हमेशा से एक छोटा सा गार्डन बनाकर पौधे उगाया करते थे। लेकिन लॉकडाउन के दौरान उन्होंने छत की इस जगह का उपयोग करके एक रूफटॉप सोलर पैनल लगाने का फैसला किया।
हालांकि शुरुआत में उनका मुख्य उद्देश्य अपने घर के लम्बे बिजली के बिल को कम करना था। क्योंकि उनके घर में सात लोग रहते हैं और हर महीने बिजली का बिल पांच से आठ हज़ार रुपये आता था। यही कारण था कि उन्होंने सोलर पावर के बारे में और जानकारियां इकट्ठा करना शुरू किया।
इस दौरान उन्हें इससे जुड़ी कई सरकारी योजनाओं के बारे में पता चला और इस तरह उन्होंने Ministry of New and Renewable Energy (MNRE) के अंतर्गत रूफटॉप सोलर पैनल लगवाने का फैसला किया। उन्होंने पांच किलोवाट का सोलर पैनल सरकारी सब्सिडी के साथ लगाया; जिसकी देखभाल भी सरकार की ओर से ही की जा रही है।
अमित कहते हैं, “इस साल आज़ादी के अमृत महोत्सव में मुझे कई जगह सोलर पावर के फ़ायदे बताने के लिए बुलाया गया; ताकि आम लोग मेरे जैसे लाभार्थी की कहानी से सोलर पैनल के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानें और इसके फ़ायदे समझें।”
घर में तीन एसी होने के बावजूद, नहीं आता बिजली का बिल
अमित के घर में लगा सोलर पैनल नेट मीटरिंग के साथ लगाया गया है, जिसके फ़ायदे के बारे में बात करते हुए अमित कहते हैं, “नेट मीटरिंग सिस्टम में सोलर पैनल से तैयार हुई ऊर्जा सीधे ग्रीड में जमा होती है। मुझे बिजली विभाग से पहले की तरह ही बिजली मिल रही है लेकिन जितनी बिजली मैं इस्तेमाल करता हूँ, उससे ज़्यादा मेरे सोलर पैनल से ऊर्जा बनकर, बिजली विभाग के ग्रीड में जाती है। अगर कभी सोलर पैनल बिजली कम बनाता है, तो जितनी अतिरिक्त ऊर्जा मैंने खर्च की होती है, सिर्फ उसके पैसे मुझे भरने होते हैं ।”
इसके लिए उनके घर में दो मीटर लगे हैं। एक उनके घर में इस्तेमाल हुई बिजली की रीडिंग लेता है और दूसरा सोलर पैनल से बनी बिजली की। हालांकि, घर में सारे उपकरण, यहां तक कि तीन एसी होने के बावजूद, अमित को पूरे साल काफ़ी कम पैसे भरने पड़े। ज़्यादातर महीनों में उनका बिल ज़ीरो ही था।