देहरादून। उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय का सप्तम दीक्षांत समारोह का शुभारंभ कुलाधिपति/राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से0नि0) व मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने संयुक्त रूप से वर्चुअल माध्यम से किया। दीक्षांत समारोह कार्यक्रम के अवसर पर उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धनसिंह रावत और केन्द्रीय राज्य मंत्री श्री अजय भट्ट मौजूद रहे।
इस वर्ष का कुलाधिपति स्वर्ण पदक वनस्पति विज्ञान की अनिता जोशी को दिया गया। 27 मेधावी छात्रों को स्वर्ण पदक दिए गए। इसके साथ ही मैती आंदोलन के जनक पद्मश्री कल्याण सिंह रावत, जौनसार कला संस्कृति के लिए नंद लाल भारती और लोक गायन के लिए पद्मश्री बसंती देवी को डी लिट् मानद उपाधि से सम्मानित किया गया। साथ ही विश्वविद्यालय के 01 छात्र को पी0एच0डी0, 716 को स्नातकोत्तर व 10932 छात्रों को स्नातक की उपाधि प्रदान की गयी। इस अवसर पर केन्द्रीय रक्षा राज्य मंत्री अजय भट्ट एवं उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत ने संयुक्त रूप से विश्विद्यालय में लगभग 25 करोड़ की लागत से बने 5 भवनों का लोकार्पण भी किया।
दीक्षांत समारोह कार्यक्रम में वर्चुअल प्रतिभाग करते हुए कुलाधिपति ने उपाधि धारक शिक्षार्थियों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा जीवन में खुशहाली लेकर आती है। शिक्षा प्राप्त करने के लिए प्रतिभा, संकल्प और परिश्रम का बड़ा योगदान होता है। दूरस्थ शिक्षा में तो संकल्प और परिश्रम का और भी अधिक महत्व होता है।
राज्यपाल ने उपस्थित शिक्षार्थियों से कहा कि आप सभी को अमृतकाल के इन 25 वर्षों में विकसित भारत का नेतृत्व करना है। यह अमृतकाल प्रत्येक भारतीय के लिए महत्वपूर्ण है। उन्होंने छात्रों से आह्वान किया कि तकनीकी के बल पर लोगों की तरक्की के रास्ते खोजे जाएं। उन्होंने कहा कि एक भारत श्रेष्ठ भारत के नारे को साकार करने में आप सभी का सामूहिक संकल्प भी जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि उत्तराखण्ड में शोध एवं अनुसंधान की अपार संभावनाएं हैं। इसके लिए आप सभी शोध के प्रति उत्साही बनें एवं नवीन खोज करते रहें। रोजगार की समस्या, पलायन की समस्या को यहां उपलब्ध अपार संसाधनों के जरिए अवसर और उपलब्धियों में बदला जाए। उन्होंने छात्र-छात्राओं से कहा कि ग्रामीण इलाकों में रोजगार के नए अवसर हेतु अपना सहयोग करें। राज्यपाल ने छात्रों से कहा कि स्थानीय लोगों की क्षमताओं को ध्यान में रखकर कार्य योजना और प्रोजेक्ट विकसित किए जाएं जिससे उनको लाभ मिले।
राज्यपाल ने कहा कि हमारे सम्मुख कई चुनौतियां हैं जिसका समाधान भी हमें खोजना है। आप सभी युवा शक्ति के बल पर हम विकसित भारत एवं विश्व गुरु भारत की परिकल्पना को साकार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मुक्त विश्वविद्यालय पाठ्यक्रमों को रोजगार की संभावनाओं पर केन्द्रित कर तैयार करें। उत्तराखण्ड प्रदेश को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में एक मॉडल राज्य के रूप में आगे लाना है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के सप्तम दीक्षांत समारोह में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग करते हुए उपाधि प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि उच्च शिक्षा के माध्यम से उच्च कोटि का व्यक्तित्व निर्माण करने में उत्तराखण्ड विश्वविद्यालय महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। विश्वविद्यालय द्वारा विद्यार्थियों की अन्तर्निहित क्षमता एवं उनके व्यक्तित्व विकास के लिए सराहनीय कार्य किया जा रहा है। विश्वविद्यालय को अपने पहले ही प्रयास में नैक द्वारा मूल्यांकन में बी ग्रेड प्राप्त हुआ वहीं दिव्यांगों के क्षेत्र में विशिष्ट कार्यों के लिये राष्ट्रपति पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया। यह उपलब्धियां विश्वविद्यालय के कुशल नेतृत्व और शैक्षणिक एवं गैर शैक्षणिक कार्मिकों के अथक परिश्रम का प्रतिफल है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि जो विद्यार्थी आज यहा से दीक्षा ले रहे हैं, अब वे जिस भी कार्य क्षेत्र में जायेंगे उस क्षेत्र में अपनी प्रतिभाओं से समाज को नेतृत्व प्रदान करेंगे।
सीएम धामी ने कहा कि आज भारत अपनी प्राचीन शैक्षणिक व सांस्कृतिक पद्धति को केन्द्र में रखते हुए नये बदलाव की ओर अग्रसर है, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने 21वीं सदी की आवश्यकता के अनुरूप नई शिक्षा नीति को अपनाया है। उत्तराखण्ड देश का पहला राज्य है, जिसने नई शिक्षा नीति को प्रभावकारी ढ़ंग से लागु करने का कार्य किया है। राज्य सरकार दुर्गम क्षेत्रों में उच्च शिक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ करने का कार्य कर रही है इसी को ध्यान में रखते हुए आईटी एकेडमी खोलने एवं देहरादून में ओपन विश्वविद्यालय के नवीन कैम्पस के निर्माण की घोषणा की गई है। ये घोषणाएं जल्द पूर्ण की जायेंगी। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा पर्वतीय क्षेत्रों में शिक्षा के व्यापक प्रचार प्रसार के लिए दूरस्थ शिक्षा प्रकोष्ठ की स्थापना की गई है।
सांसद अजय भट्ट में सभी को शुभकामनाएं देते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस अवसर पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि जल्द ही उत्तराखंड राज्य देश का पहला राज्य होगा जहां एक परीक्षा, चुनाव, दीक्षांत, शैक्षिक कैलेंडर व गणवेष होगा। कार्यक्रम का संचालन कुलसचिव प्रो0 रश्मि पन्त ने किया।