रेलवे दिल्ली से हावड़ा के बीच ट्रेनों का परिचालन 160 किमी प्रति घंटा से कराने के लिए मिशन रफ्तार योजना पर काम कर रहा है। दिल्ली-हावड़ा रूट पर लखनऊ के न होने के बाद भी इस प्रोजेक्ट में कानपुर-लखनऊ रेलखंड को जोड़ा गया है। मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट मार्च 2024 में पूरा होना है। इसके तहत लखनऊ से कानपुर के बीच चार रेलवे लाइनों पर ट्रेनें दौड़ेंगी। अभी डबल रेलवे ट्रैक से अप-डाउन लाइन से ट्रेनों का आवागमन है। फोर लेन होने से दो अप और दो डाउन लाइनें बनेंगी। उत्तर रेलवे के जीएम ने इस रेलखंड का दौरा कर जमीन अधिगृहीत कराकर राज्य सरकार की मदद से काम शुरू कराने के निर्देश दिए हैं। यह योजना मंजूर हो चुकी है।
नपुर से लखनऊ के बीच इस साल के अंत तक ट्रेनें औसतन 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलने लगेंगी। इससे अधिकतम सवा घंटे में लखनऊ पहुंचा जा सकेगा। अभी औसतन दो घंटे लग जाते हैं। लखनऊ के मानक नगर रेलवे स्टेशन पर नॉन इंटरलॉकिंग का काम पूरा हो चुका है।
इसके बाद सिग्नलिंग और ट्रैक मेंटेनेंस का काम तेजी से चल रहा है। अभी कानपुर से लखनऊ के बीच ट्रेनों की औसत रफ्तार 70 किमी प्रति घंटा है। 2023 की पहली तिमाही में ट्रेनों की स्पीड 130 किमी प्रति घंटा और मार्च 2024 में इसे 160 किमी प्रति घंटा करने का लक्ष्य है।
पौन घंटे में लखनऊ, साढ़े तीन घंटे में दिल्ली
मिशन रफ्तार प्रोजेक्ट पूरा होने पर लखनऊ से कानपुर के बीच ट्रेनें यात्रियों को पौन घंटे में सफर पूरा करा देंगी। दिल्ली से कानपुर आने जाने में साढ़े तीन घंटे लगेंगे। वहीं प्रयागराज से कानपुर का सफर दो घंटे में पूरा होगा। मिशन रफ्तार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का महत्वाकांक्षी प्रोजेक्ट है। इसके तहत ट्रैक के दोनों तरफ दीवारों को उठाने का काम भी शुरू कराया गया है, जिससे तेज गति ट्रेनों की चपेट में आकर मवेशी या किसी इंसान की आकस्मिक मृत्यु जैसी दुर्घटनाओं को रोका जा सके।