उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी और केन्द्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ0 मनसुख मंडाविया ने वाराणसी में आयोजित स्वास्थ्य मंत्रियों के दो दिवसीय सम्मेलन के समापन समारोह को सम्बोधित किया। यह कॉन्क्लेव यूनिवर्सल हेल्थ कवरेज डे-2022 के अवसर पर आयोजित किया गया था। इस आयोजन का विषय ‘बिल्ड द वर्ल्ड वी वॉन्ट: ए हेल्दी फ्यूचर फॉर ऑल’ रहा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि काशी भगवान शिव की नगरी है और शिव का अर्थ है-कल्याण। भगवान धनवन्तरि की जन्मभूमि एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की कर्मभूमि काशी कल्याण की नगरी है। आध्यात्मिक राजधानी काशी सांस्कृतिक भावभूमि के साथ हम सभी को अपनी पुरातन परम्परा के साथ जोड़ने की नगरी है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में आज काशी स्मार्ट नगरी के रूप में विकसित हो रही है। काशी की संकरी गलियां 2-लेन एवं 4-लेन में बदल चुकी हैं। काशी की कनेक्टिविटी बेहतर हुई है। आज काशी देश और दुनिया के सामने अपनी पुरातन काया को एक नए कलेवर में प्रस्तुत कर रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि हमारा उद्देश्य सदैव से ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामया’ का रहा है। जाति, मजहब, क्षेत्र, भाषा से इतर हमने सदैव सबके सुख और आरोग्यता की कामना की है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस इसका एक उदाहरण है। भारत की योग परम्परा के लगभग 200 देश अनुगामी बने हैं। देश को हेल्थ एण्ड वेलनेस के क्षेत्र में असीम सम्भावनाओं के साथ दुनिया में देखा जा रहा है। इन सम्भावनाओं पर कार्य करने की आवश्यकता है। हेल्थ एण्ड वेलनेस के चार स्तम्भों में हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर, आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन, आयुष्मान भारत डिजिटल मिशन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शामिल हैं। इन चारों स्तम्भों में भारत के प्रत्येक नागरिक की आरोग्यता की कामना की गई है।
मुख्यमंत्री जी ने कोविड महामारी के प्रबन्धन में भारत की सफलता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत ने कोविड प्रबन्धन और टीकाकरण के लिए दुनिया को एक उत्कृष्ट मॉडल दिया है। उन्होंने कहा कि जब दुनिया भर में लोगों ने सरकारों द्वारा लगाए गए प्रतिबन्धों का विरोध किया, भारत में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दूरदर्शी नेतृत्व में, 140 करोड़ लोगों द्वारा कोविड दिशा-निर्देशों और नियमों का उत्साहपूर्वक पालन किया गया। उन्होंने कहा कि भारत ने महामारी को अपने स्वास्थ्य ढांचे में तेज गति से सुधार करने के अवसर के रूप में लिया। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि भारत ने गुणवत्तापूर्ण टीके बनाए हैं, जिनकी प्रभावशीलता पूरी दुनिया में साबित हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में विगत 08 वर्षों से आरोग्यता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए कार्य किए जा रहे हैं। देश में स्वास्थ्य क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य हुए हैं। 01 लाख से अधिक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर पूरे देश में स्थापित किए गए हैं। विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से समाज के अन्तिम व्यक्ति तक बिना भेदभाव के स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करायी जा रही हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 1947 से लेकर वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश में केवल 12 राजकीय मेडिकल कॉलेज थे। वर्ष 2017 से वर्ष 2022 के बीच में प्रदेश सरकार ने 35 नए मेडिकल कॉलेज भारत सरकार के सहयोग से स्थापित किए हैं, या निर्माण के अन्तिम चरण में हैं। देश में 70 वर्षों में मात्र 06 एम्स बने थे। वहीं आज देश में 22 एम्स बनकर अपना कार्य कर रहे हैं या निर्माण के अन्तिम चरण में चलकर लोगों को अपनी सेवाएं प्रदान करने के लिए तत्पर दिखायी दे रहे हैं। आयुष मिशन के माध्यम से लोगों को मिल रही सुविधाएं एक नई कहानी कहती हैं। देश में पहली बार मिशन इन्द्रधनुष के माध्यम से टीकाकरण के लक्ष्य को शत-प्रतिशत प्राप्त करने, पोषण मिशन को सफलतापूर्वक आगे बढ़ाने, मातृ मृत्यु दर व शिशु मृत्यु दर को राष्ट्रीय औसत और अन्तर्राष्ट्रीय औसत के समकक्ष ले जाने जैसे विभिन्न कार्यों को प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व एवं मार्गदर्शन में सफलतापूर्वक सम्पादित किया गया है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग 14,500 हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर सफलतापूर्वक संचालित हो रहे हैं। लोगों को स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करने में कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स की महत्वपूर्ण भूमिका है। वर्तमान में प्रदेश में 11,000 से अधिक कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स कार्य कर रहे हैं। हर मेडिकल कॉलेज के साथ नर्सिंग एवं पैरामेडिकल कॉलेज को जोड़ा जा रहा है तथा यहां के विद्यार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान कर स्वास्थ्य सेवाओं से जोड़ा जाएगा।
आम नागरिक को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना अत्यन्त महत्वपूर्ण कार्य है। प्रदेश के 38 जनपदों के लोग वर्ष 1977 से वर्ष 2017 तक इंसेफेलाइटिस के खौफ में रहते थे। इंसेफेलाइटिस से हर वर्ष 1500 से 2000 मौतें होती थीं। प्रधानमंत्री जी के कुशल मार्गदर्शन में प्रदेश सरकार ने अपने प्रभावी प्रयासों से 95 प्रतिशत से अधिक मौतों को नियंत्रित करने में सफलता प्राप्त की है। इंसेफेलाइटिस के नियंत्रण के लिए राज्य सरकार ने अन्तर्विभागीय समन्वय, जनजागरूकता व विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं के साथ मिलकर कार्य किया है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों को इंसेफेलाइटिस ट्रीटमेण्ट सेण्टर के रूप में विकसित किया गया। स्वास्थ्य विभाग ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में मिनी पीकू, जिला अस्पतालों में पीकू तथा पीडियाट्रिक आई0सी0यू0 की स्थापना की गई। मेडिकल कॉलेजों की सेवाएं ली गईं। ए0एन0एम0, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों की ट्रेनिंग कराते हुए इंसेफेलाइटिस नियंत्रण के कार्य से जोड़ा गया।
ग्राम्य विकास विभाग द्वारा प्रभावित क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गई। पंचायतीराज विभाग द्वारा स्वच्छता सम्बन्धी सभी कार्य किए गए। नगर विकास विभाग ने शहरी क्षेत्रों में शुद्ध पेयजल के साथ स्वच्छता सम्बन्धी कार्यों को सम्पादित किया। महिला एवं बाल विकास विभाग ने कुपोषण के खिलाफ बेहतर कार्य किया। ए0एन0एम0, आशा वर्कर, आंगनबाड़ी कार्यकर्त्री, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स मिलकर लोगों को स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करें। प्रदेश सरकार ने विशेषज्ञ चिकित्सकों की नियुक्ति एवं तैनाती के लिए कार्य किए हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने शुरू से ही तकनीक के उपयोग पर विशेष जोर दिया है। डिजिटल इण्डिया की परिकल्पना हर क्षेत्र में साकार होती दिखायी दे रही है। देश ने कोरोना प्रबन्धन एवं नियंत्रण के कार्य में तकनीक का बेहतर उपयोग किया है। प्रदेश सरकार ने कोरोना कालखण्ड में तकनीक के माध्यम से आई0सी0यू0 के बेहतर उपयोग एवं इनकी संख्या को बढ़ाने का कार्य किया। राज्य के सभी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में हर रविवार को जन आरोग्य मेले का आयोजन किया जा रहा है। इन जन आरोग्य मेले में लोगों को विशेषज्ञ चिकित्सकों से परामर्श एवं विभिन्न स्वास्थ्य सुविधाएं प्राप्त होती हैं। आयुष्मान भारत के गोल्डन कार्ड इन मेलों में बनाए जाते हैं तथा केन्द्र एवं राज्य सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं के बारे में लोगों को जानकारी प्रदान की जाती है। टीकाकरण तथा टी0बी0 उन्मूलन के कार्य सम्पादित होते हैं। इन जन आरोग्य मेलों के माध्यम से 03 लाख से 05 लाख मरीजों का उपचार होता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश सरकार प्रत्येक हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर में ई-टेलीकन्सल्टेशन एवं टेलीमेडिसिन की व्यवस्था करने जा रही है। इसके लिए हेल्थ ए0टी0एम0 लगाए जा रहे हैं। शीघ्र ही, 4600 से अधिक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र, हेल्थ ए0टी0एम0 से जुड़ेंगे। हेल्थ ए0टी0एम0 से 60 प्रकार की जांचों की सुविधा लोगों को प्राप्त होगी। इन हेल्थ ए0टी0एम0 को मेडिकल कॉलेज, डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल, एस0जी0पी0जी0आई0, के0जी0एम0यू0 जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ जोड़ते हुए आने वाले समय में पूरे प्रदेश को इनके साथ जोड़ा जाएगा। तकनीक में बहुत बड़ी ताकत है। प्रदेश सरकार ने इसके महत्व को समझा है। हेल्थ ए0टी0एम0 में लगे पैरामेडिक्स व नर्सिंग स्टाफ की अच्छी ट्रेनिंग हो।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 मनसुख मंडाविया ने कहा कि दो दिवसीय विचार-मंथन सत्र भारत के स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के सुदृढ़ीकरण और सुधार में योगदान देगा। उन्होंने कहा कि वाराणसी में चिन्तन-मनन के इन दो दिनों ने हमें नीतिगत सुधारों के माध्यम से एच0डब्ल्यू0सी0 को मजबूत करने के लिए उपयोगी ज्ञान के साथ समृद्ध किया है, यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे समुदायों को स्वास्थ्य सेवाओं अंतिम मील तक उपलब्ध कराने के महत्वपूर्ण केन्द्र के रूप में कार्य करें। हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर की महत्वपूर्ण भूमिका की परिकल्पना करते हुए उन्होंने यह भी कहा कि हेल्थ एण्ड वेलनेस सेण्टर्स स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के मन्दिरों की तरह हैं।
केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों (सी0एच0ओ0) और आशा कार्यकर्ताओं जैसे कार्यान्वयन स्तर पर स्वास्थ्य कर्मियों के काम की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि सी0एच0ओ0 अग्रणी कड़ी हैं, जो अत्याधुनिक रूप से काम कर रहे हैं और जमीनी स्तर पर प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। वे जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य सेना हैं। सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज लक्ष्यों को प्राप्त करने में उनकी भूमिका महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने लक्ष्य के अनुसार एच0डब्ल्यू0सी0 के संचालन को प्राप्त करने वाले राज्यों को सम्मानित किया। उन्होंने निर्देशिका जारी की और ‘सशक्त’ पोर्टल का अनावरण किया।
स्वास्थ्य मंत्रियों के कॉन्क्लेव के दूसरे दिन प्रख्यात विचारकों के साथ रोग उन्मूलन और पी0एम0जे0ए0वाई0 की प्रगति पर पैनल चर्चा हुई। इसमें आयोजित विभिन्न सत्रों में नैदानिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्य, प्रबन्धकीय कार्य, सामुदायिक सम्पर्क, आयुष एकीकरण और आई0टी0 के क्षेत्र में होने वाली पहल, चुनौतियों और सर्वाेत्तम प्रथाओं पर सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा प्रस्तुतियां भी शामिल थीं।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश, उत्तराखण्ड, झारखण्ड, मणिपुर, सिक्किम के स्वास्थ्य मंत्री, प्रदेश के आयुष राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’, स्टाम्प तथा न्यायालय शुल्क एवं पंजीयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री रवीन्द्र जायसवाल सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, केन्द्र व विभिन्न राज्य सरकारों के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण, कम्युनिटी हेल्थ ऑफिसर्स तथा शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।