प्रदेश के सात जिलों में क्रिटिकल केयर सेंटर स्थापित किए जाएंगे। जिनमें महामारी या किसी अन्य बीमारी से ग्रसित गंभीर मरीजों और सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को एक ही जगह पर सभी चिकित्सा सुविधाएं दी जाएंगी। इसके लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) से 166 करोड़ की राशि केंद्र सरकार की ओर से दी जाएगी। जिला अस्पतालों के आसपास क्रिटिकल केयर सेंटर बनाने के लिए जगह का चयन कर डीपीआर बनाई जा रही है।

केंद्र ने एनएचएम के तहत चालू वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए उत्तराखंड को सात क्रिटिकल केयर सेंटर बनाने के लिए धनराशि मंजूर की है। इन सेंटरों को चंपावत, बागेश्वर, नैनीताल, चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग, उत्तरकाशी जिलों में बनाया जाएगा। जिला अस्पतालों के आसपास सेंटर के लिए 1550 वर्गमीटर जगह चयनित कर डीपीआर तैयार की जा रही है। कुमाऊं मंडल में तीन जिलों में ब्रिडकुल और गढ़वाल मंडल के चार जिलों में सिंचाई विभाग के माध्यम से निर्माण कार्य किया जाएगा।
ये मिलेंगी चिकित्सा सुविधाएं 

क्रिटिकल केयर सेंटर में सभी गंभीर बीमारियों के इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। जिसमें हृदय रोग, स्त्री रोग, बाल रोग, हड्डी रोग समेत अन्य तमाम बीमारियों के इलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा उपकरण होंगे। इसके अलावा महामारी से निपटने और सड़क दुर्घटनाओं में घायलों को भी आपात स्थिति में एक ही जगह सभी इलाज की सुविधाएं मिलेंगी। सेंटर में डायलिसिस, ऑक्सीजन, ईसीजी, अल्ट्रासाउंड समेत अन्य सभी प्रकार की जांच की जाएगी।

सात जिलों में जल्द ही क्रिटिकल केयर सेंटरों का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा। सभी सेंटरों की विस्तृत परियोजना रिपोर्ट बनाई जा रही है। इन सेंटरों को स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से बजट दिया जाएगा। प्रत्येक सेंटर के निर्माण पर 23.7 करोड़ खर्च होने का अनुमान है। क्रिटिकल केयर सेंटर बनने के बाद प्रदेश के लोगों को आपात स्थिति में बेहतर इलाज की सुविधा सुविधा मिलेगी। – डॉ. धन सिंह रावत, स्वास्थ्य मंत्री