मध्य प्रदेश में बेराजगारी दर कम करने के लिए शिवराज सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरकारी नौकरी के साथ ही अब सरकार युवाओं को निजी क्षेत्र में भी रोजगार करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है। इसके लिए शिवराज सरकार ने ‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ शुुरू की है। इस योजना के तहत युवाओं को अलग-अलग सेक्टर्स में ट्रेनिंग देकर उन्हे रोजगार के लिए तैयार किया जाता है। खास बात यह है कि सरकार इस ट्रेनिंग के दौरान युवाओं को 10 हजार रुपये तक का स्टाइपेंड भी देती है
क्या है योजना?
‘मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना’ के तहत युवाओं को एक साल तक (कुछ कोर्सेस की अवधि 6 और 9 माह हो सकती है) चिन्हित औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में ट्रेनिंग दी जाती है। ट्रेनिंग के दौरान इन युवाओं को सरकार की ओर से डीबीटी के जरिए 75 फिसदी और कंपनी द्वारा 25 फिसदी स्टाईपेंड दिया जाता है, कंपनी चाहे तो 25 फिसदी से अधिक भी स्टाइपेंड दे सकती है। योजना के तहत चयनित युवा को ‘छात्र-प्रशिक्षणार्थी’ कहा जाएगा।
क्या है योजना का उद्देश्य?
औपचारिक शिक्षा के बाद कई युवा औद्योगिक और व्यवसायिक प्रतिष्ठानों में काम करने के लिए कुशल नहीं होते। ऐसे में उन्हे डिग्री होने के बादवजूद रोजगार के लिए भटकना पड़ता है। शिवराज सरकार ने ऐसे युवाओं को कौशल प्रदान करने और रोजगार के लिए तैयार करने के लिए ‘सीखो कमाओ योजना’ की शुरूआत की है।
योजना के तहत हर 1 लाख युवाओं को लाभ मिलेगा, आवश्यकता को देखते हुए यह संख्या बढ़ाई जा सकती है।