कूनो पहुंचे चीते
ग्वालियर एयरबेस से विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से चीतों को कूनो पहुंचाया गया है।स्वास्थ्य परीक्षण के बाद चीताें काे चिनूक हेलीकॉप्टर से कूनाे अभयारण्य के लिए रवाना कर दिया गया है। सभी चीते पूरी तरह फिट मिले हैं। बता दें कि पांच मादा और तीन नर चीतों को लेकर विमान ने नामीबिया से उड़ान भरी थी। नामीबिया से भारत लाने के लिए विमान में विशेष माप वाले पिंजरे बनाए गए थे। करीब 11 घंटे की यात्रा करके ये चीते शनिवार सुबह ग्वालियर में उतरे। ग्वालियर से इन्हें विशेष चिनूक हेलीकॉप्टर से मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क लाने की कवायद की । ग्वालियर एयरबेस पर चीतों के साथ आए एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर लाेरी मारकर सहित पूरे दल से केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुलाकात की।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी  का स्वागत करने के लिए सीएम शिवराज सिंह, राज्यपाल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा मौजूद ,प्रधानमंत्री मोदी ने कूनो नेशनल पार्क में बॉक्स खोलकर तीन चीतों को क्वारंटीन बाड़े में छोड़ा। बाद में मोदी ने इनकी तस्वीरें भी ली। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह भी साथ थे।

मुख्य़मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि भारत में चीते समाप्त हो गए थे। चीता पुनर्स्थापना का ऐतिहासिक काम हो रहा है। इस सदी की वाइल्डलाइफ की सबसे बड़ी घटना है। इससे मध्य प्रदेश में, बल्कि उस अंचल में टूरिज्म बहुत तेजी से बढ़ेगा। उस क्षेत्र के लिए तो चीता वरदान हो गया।

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि देश के लिए ही नहीं बल्कि विश्व के लिए बहुत बड़ी सौगात दी जा रही है। विश्व में पहली बार चीतों का विस्थापन हो रहा है। देश की धरती पर ऐसे आविष्कार किए जा रहे हैं जो  विश्व में कही नहीं रहा और ऐसा ही उदाहरण कूनो पालपुर है। कल से पूरे देश भर में चीतों की दहाड़ इस ग्वालियर चंबल अंचल से निकलेगी। यूरोप और एशिया में कोई और जगह नहीं है जहां चीतों की स्थापना हुई है केवल भारत में मध्य प्रदेश के अंदर कूनो में स्थापना होगी। मध्य प्रदेश के कुनो पालपुर के जंगल, नामीबिया से लाए गए चीतों के स्वागत के लिए तैयार है। प्रधानमंत्री जी द्वारा अपने जन्मदिन पर छोड़े जा रहे ये चीते, मध्य प्रदेश के लिए उपहार हैं जो यहां के वन्यजीवन को और समृद्ध करेंगे तथा पर्यटन और समृद्धि के नए द्वार खोलेंगे। केंद्रीय मंत्री ज्याेतिरादित्य सिंधिया ने कहा-एक नई गूंज, एक नई दहाड़, एक नई गरज कूनाे पालपुर से हमें सुनाई देगी, इस बार चीताें की, देश में ये एक अनाेखा क्षेत्र हाेगा, अनाेखा स्थान हाेगा।

 

24 घंटे की जाएगी चीतों की निगरानी 
वन विभाग के अधिकारी ने बताया कि बाड़े आसपास मचान बनाए गए हैं। यहां पर रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी लगाई जाएगी। जो 24 घंटे चीतों की मॉनीटरिंग करेंगे। इसमें फारेस्ट गार्डन, रेंज अफसर, वेटनरी डॉक्टर की अलग-अलग ड्यूटी है। वेटनरी डॉक्टर उसकी हेल्थ को देखेगा। चीतों नॉर्मल खाना-खा रहा है या नहीं। उनकी डेली रूटिन को बीट गार्ड देखते रहेंगे। चौहान ने बताया कि शिकारियों से बचाने के लिए 8-10 वर्ग किमी पर एक पेट्रोलिंग कैम्प है। जिसमें गार्ड और उनके सहायक रहते हैं। इसके अलावा एक्स आर्मी के जवानों को भी लिया हुआ है। ताकि अवैध गतिविधियों को रोका जा सके।