मध्यप्रदेश में सौर ऊर्जा से रोशन होंगे सरकारी कार्यालय
मध्यप्रदेश में शिवराज सरकार प्राकृतिक खेती करने के लिए किसानों को प्रोत्साहित कर रही है, वहीं अब सरकार ने सरकारी कार्यालयों को सौर ऊर्जा से रोशन करने का फैसला लिया है। प्रदेश में वैकल्पिक बिजली की व्यवस्था के लिए सौर ऊर्जा को बढ़ावा दिया जाए। इसके तहत मंत्रियों के बंगले और सरकारी कार्यालयों में इस का उपयोग किया जाए।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के फैसले के बाद अब एक बड़ा फैसला लेते हुए सौर ऊर्जा के जरिए सरकारी कार्यालयों और मंत्रियों के बंगलों को रोशन करने फैसला सामने आया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश में बार बार बढ़ते बिजली संकट से लोगों को निजात दिलाने के लिए अब सौर उर्जा के स्रोत और सोलर प्लांटों को स्थापित करने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री ने वैकल्पिक बिजली की व्यवस्था को लेकर ऊर्जा विभाग और नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के मंत्रियों और प्रमुख सचिव ऊर्जा विभाग के साथ एक समिति बनाई है, जिसमें बिजली उत्पादन के साथ सौर ऊर्जा और दूसरे ऊर्जा के स्त्रोतों को लागू करने पर कार्य करने को कहा है।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने फैसला लिया है कि शासकीय कार्यालयों में बहुतायत तौर पर सौर ऊर्जा के प्रावधानों को स्थापित किया जाएगा। उसके साथ ही शासकीय निवास है, जिनमें सौर ऊर्जा के स्त्रोत नहीं है, वहां पर भी किया जाएगा। सरकारी बंगलों, मंत्रियों के बंगलों पर सौर ऊर्जा के प्रावधानों को स्थापित करने का निर्देश दिया है। साथ ही राज्य में 1250 मेगावाट के सोलर प्लांट की स्थापना की मंजूरी भी दे दी है।
थर्मल बिजली आधारित फीडर को सौर ऊर्जा किया जाएगा तब्दील
शिवराज सरकार ने फैसला लिया है कि एक लाख 75 हजार पंपों को सोलर ऊर्जा से जोड़ने का प्रयास किया जा रहा है। इसके लिए खेती के थर्मल बिजली आधारित फीडर को सौर ऊर्जा में तब्दील किया जाएगा। इसके लिए मध्यप्रदेश पॉवर मैनेजमेंट कंपनी नोडल एजेंसी रहेगी, जो निजी सेक्टर से ओपन मार्केट में बिड बुलाएगी। इसमें सौर ऊर्जा के लिए निजी निवेशक-विकासक चयनित किया जाएगा। वहीं खेती के थर्मल फीडर को सौर ऊर्जा में तब्दील करेंगे।
किसानों को मिलेगी 8 घंटे बिजली
प्रदेश में कुसुम-सी योजना को मंजूरी भी दी गई है। इस योजना के घटक फीडर सोलराइजेशन में सभी कृषि फीडर को सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत (सोलराइजेशन) किया जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिये मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम लिमिटेड को राज्य की नोडल संस्था बनाया गया है। योजना में सौर ऊर्जा से ऊर्जीकृत कृषि फीडर पर दिन में 8 घंटे तक कृषि आवश्यकताओं की आपूर्ति के लिए विद्युत प्रदाय किया जाएगा। इस योजना के तहत खेती के लिए सौर ऊर्जा अपनाने पर सरकार अनुदान भी देगी।
88 लाख उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत
कोरोना महामारी के प्रकोप के कारण प्रदेश के निम्न आय वर्ग वाले घरेलू उपभोक्ताओं को विद्युत देयकों के भुगतान में आ रही कठिनाई के देखते हुए ऐसे उपभोक्ताओं को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से उनके देयकों की अस्थिगत बकाया राशि का निराकरण कर उन्हें नियमित बिल भुगतान के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से “मुख्यमंत्री विद्युत बिलों में राहत योजना-2022“ का अनुसमर्थन किया। योजना में हितग्राहियों को लाभ देने की कार्यवाही वितरण केंद्रों में निरंतर जारी रहेगी। योजना का लाभ 1 अप्रैल 2022 के बाद जारी किये जाने वाले देयकों में परिलक्षित होगा। लाभान्वित उपभोक्ताओं की संख्या लगभग 88 लाख होगी। माफ किए जाने वाले देयकों की राशि लगभग 5334 करोड़ रूपये होगी। योजना का लाभ लेने के लिये पात्र उपभोक्ताओं को विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन प्रस्तुत करना होगा।
द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल