उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को राजधानी लखनऊ से ‘बिजली महोत्सव एवं ऊर्जा दिवस’ के अवसर पर 2,723.20 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित 17 नग पारेषण/वितरण उपकेंद्रों का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि उज्ज्वल भारत के उज्ज्वल भविष्य को ध्यान में रखते हुए बिजली महोत्सव व ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। जिन जनप्रतिनिधियों के प्रस्ताव पर परियोजना पूरी हुई है उन्हें बधाई। जिन परियोजनाओं का शिलान्यास हुआ है उनका समय पर कार्य पूर्ण होगा।

उन्होंने कहा कि 1.21 लाख गांवों को आजादी के बाद भी बिजली नहीं मिली. हमने हर घर में बिजली का लक्ष्य पूरा किया है। अब प्रदेश का हर जिला और गांव वीआईपी होगा। पहले चार जिलों में बिजली मिलती थी। अब सभी जगहों पर रोस्टर के मुताबिक बिजली दी जा रही है। अगले पांच वर्षों में अपनी बिलिंग और कनेक्शन दक्षता को बढ़ाना विभाग के लिए एक चुनौती है। हमें बिजली की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनना है। बिजली निगम बिना किसी भेदभाव के बिजली मुहैया कराएगा।

ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने कहा कि पिछले छह दिन से ऊर्जा महोत्सव मनाया जा रहा है। आज महोत्सव के समापन का दिन है। विकास में ऊर्जा बड़ा कारक रही है। देश मे पानी, बिजली और सड़क राजनीतिक मुद्दा बनता है। देश की अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए ऊर्जा का विकास, बिजली की निर्बाध आपूर्ति आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि पहले देश बिजली की कमी के लिए जाना जाता था और 5 से 10 प्रतिशत की कमी बनी रही। अब हम पड़ोसी देशों को बिजली निर्यात कर रहे हैं। सौभाग्य योजना के तहत यूपी को 1.43 करोड़ कनेक्शन दिए गए हैं। विद्युत उत्सव कार्यक्रम में मुख्यमंत्री योगी के अलावा बिजली मंत्री अरविंद कुमार शर्मा, राज्य मंत्री सोमेंद्र तोमर, अपर मुख्य सचिव अवनीश कुमार अवस्थी और विद्युत निगम के अध्यक्ष एम देवराज मौजूद थे|