मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का किया शुभारम्भ
प्रदेश के विकास में ग्राम पंचायतों की महती भूमिका
गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन किया जाना सरकार की प्राथमिकता
स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) मा0 प्रधानमंत्री जी एवं मा0
मुख्यमंत्री जी की प्राथमिकता का कार्यक्रम है
मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी
उत्तर प्रदेश के पंचायतीराज मंत्री श्री भूपेन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) विश्व का सबसे बडा व्यवहार परिवर्तन का कार्यक्रम है। यह कार्यक्रम विश्व के विभिन्न देशो के लिए प्रेरणा का स्रोत है। इस कार्यक्रम से लोगो के जीवन में परिवर्तन करते हुए आर्थिक पर्यावरणात्मक, स्वास्थ्य और सामाजिक लाभों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है और महिलाओं की सुरक्षा एवं उनके सम्मान को बढावा मिला है।
यह विचार श्री चौधरी आज लोहिया भवन स्थित, पंचायतीराज प्रशिक्षण संस्थान (प्रिट) सभागार अलीगंज में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-II का तीन दिवसीय राज्य स्तरीय आवासीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारम्भ करने के उपरान्त व्यक्त किये। उन्होने बताया कि प्रशिक्षण में 3 मण्डलों क्रमशः आजमगढ़, झांसी व बस्ती के जनपदों के जिला पंचायत राज अधिकारियों, अपर जिला पंचायतराज अधिकारी, जिला कन्सल्टेंट एवं अन्य विशेषज्ञ द्वारा प्रतिभाग किया गया। उन्होने कहा कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) मा0 प्रधानमंत्री जी के साथ-साथ मा0 मुख्यमंत्री जी की भी प्राथमिकता का कार्यक्रम है। उत्तर प्रदेश ने ओ0डी0एफ0 के लक्ष्य को 01 वर्ष पूर्व ही मा0 मुख्यमंत्री जी के निर्देशों के क्रम में प्राप्त कर लिया। इसी प्रकार ओ0डी0एफ0 प्लस गांव के लक्ष्य को भी आप सभी के सहयोग से निर्धारित समय में प्राप्त करेंगे। श्री चौधरी ने कहा कि प्रदेश के विकास में ग्राम पंचायतों की महती भूमिका है। पंचायतीराज विभाग का कार्य ग्रामीण विकास में महत्वपूर्ण है। गांवों को आदर्श बनाने की दिशा में स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण फेज-II में मेरा सहयोग सदैव पंचायतीराज विभाग को प्राप्त होता रहेंगा। गांवों में ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन किया जाना सरकार की प्राथमिकता का कार्यक्रम है।
इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव, पंचायतीराज श्री मनोज कुमार सिह कहा कि फेज-III एवं फेज-II को सम्मिलित करते हुए लगभग 2.25 करोड़ शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसी क्रम में सरकार ने प्रदेश में 56000 सामुदायिक शौचालयों का निर्माण कर स्वयं सहायता समूहो की महिलाओं को प्रति माह रू0 6000 का मानदेय देकर रोजगार की स्थिति को मजबूत किया है। उन्होने कहा कि फेज-प्प् में कम्पोस्ट गड्ढ़ो, सोख्ता गड्ढ़ो का निर्माण आवश्यक रूप से कराया जाना है। इसके लिये धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था की गयी है। 50 माइक्रोन से कम वाली प्लास्टिक को यद्यपि बैन किया गया है। फिर भी इसका प्रबन्धन आवश्यक है। प्रशिक्षण में आये हुए समस्त प्रशिक्षणार्थी 01-01 गांव गोद लेकर उसे आदर्श गांव बनायेगे।
इस अवसर पर निदेशक पंचायतीराज/मिशन निदेशक, स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण श्री अनुज कुमार झा ने कहा कि फेज-II के क्रियान्वयन में समुदाय की सहभागिता सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है। प्लास्टिक वेस्ट मैनेजमेंट का एकत्रिकरण एंव पृथक्करण गांव स्तर पर करके सड़क निर्माण में इसके प्रयोग किये जाने हेतु शासनादेश निर्गत किया जा चुका है। ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबन्धन हेतु जनपदों एवं ग्राम स्तर तक के अधिकारियों/ कर्मचारियों को प्रशिक्षित कर उनका उन्मुखीकरण किया जायेगा। उन्होने कहा कि प्रथम चरण की भांति ओ0डी0एफ0प्लस के लक्ष्यों की पूर्ति में राज्य स्तर से समस्त आवश्यक दिशा निर्देशों, सूचनाओं क्रियेटिव इत्यादि के साथ-साथ धनराशि की पर्याप्त व्यवस्था विभिन्न स्रोतों से की जायेगी। सभी लोग स्वच्छता कार्यक्रम को आत्मसात करते हुए कार्ययोजना का निर्माण करते समय स्थानीय आवश्यकताओं का ध्यान रखें।
राज्य स्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का संचालन श्री योगेन्द्र कटियार, नोडल अधिकारी, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) द्वारा किया गया। इस अवसर पर अपर निदेशक पंचायतीराज श्री राजकुमार ने कार्यक्रम में आये हुए सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में उप निदेशक पंचायतीराज श्रीमती प्रवीणा चौधरी, श्री गिरीश चन्द्र रजक, श्री एस0एन0सिंह प्रभारी वित्त आयोग, यूनीसेफ प्रभारी श्री अमित मेहरोत्रा उपस्थित रहे।
सम्पर्क सूत्र: सतीश भारती/संजय कुमार