● प्रदेश की कुल जनसंख्या का 24% शहरी आबादी का है जो कि राज्य की जीडीपी में 65% का योगदान है। स्वस्थ एवं प्रदूषण मुक्त शहर, समावेशी शहर विकास, उच्चस्तरीय आधुनिक नगरीय सुविधाएं और ई-गवर्नेंस के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है। नगर नियोजन करते समय हमें भविष्य की जरूरतों और जन आकांक्षाओं का ध्यान भी रखना होगा।

● हर जनपद/विकास प्राधिकरण में नियोजन का कार्य टॉउन प्लानर/प्रोफेशनल से ही कराया जाए। अनियोजित विकास भविष्य के लिए बड़ी समस्या के कारक होते हैं।

● विकास प्राधिकरण लैंड बैंक विस्तार के लिए ठोस प्रयास करें। नगरीय निकायों को वित्तीय आत्मनिर्भरता के लिए नियोजित प्रयास करना होगा।

● अगले 02 वर्ष में नजूल एवं अर्बन सीलिंग से सम्बंधित अभिलेखों को डिजिटाइज किया जाए। सभी नगरों का मास्टर प्लान तैयार कराएं। नगर निकायों में बिल्डिंग बायलॉज तैयार कराएं।

● वर्षों से एक ही स्थान पर कार्यरत कर्मियों का स्थानांतरण किया जाए। विकास प्राधिकरणों की कार्यशैली में पारदर्शी बनाया जाए।

● प्रयागराज कुंभ 2019 को पूरी दुनिया ने देखा है। धार्मिक और आध्यात्मिक कलेवर के साथ कुम्भ के दौरान वैश्विक स्तर पर स्वच्छता, सुरक्षा व सुव्यवस्था का अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया। सबने सराहना की। अब जबकि महाकुंभ 2025 समीप है, तो लोगों की हमसे अधिक अपेक्षाएं होंगी। इसका ध्यान रखते हुए 2025 महाकुंभ को दिव्य और भव्य बनाने की तैयारी की जाए।

● शुद्ध पेयजल हर नागरिक का अधिकार है। विगत 05 वर्ष में हुए अभूतपूर्व प्रयासों से अब विंध्य और बुंदेलखंड के घरों में भी शुद्ध पेयजल की आपूर्ति का सपना पूरा हो रहा है। सभी नगरीय निकायों में ‘हर घर नल’ के संकल्प के साथ चरणबद्ध रूप से कार्य किया जाए। अगले 02 वर्ष में कम से कम 50% आबादी को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना हमारा लक्ष्य होना चाहिए।

● प्रधानमंत्री आवास योजना ने गरीब के ‘अपना घर’ का सपना पूरा किया है। इस अभियान में राष्ट्रीय स्तर पर उत्तर प्रदेश की सराहना भी हुई है। अगले छह माह में 2.51 लाख नए आवास बनाने का लक्ष्य लेकर तेजी से कार्य करें।

● सभी नगर निगमों में इलेक्ट्रॉनिक बस सेवा शुरू करने की आवश्यकता है। इस संबंध में ठोस प्रयास किए जाएं। 14 नगरों में संचालित ई-बसों की फ्लीट को अगले 100 दिनों में दोगुना किया जाए। स्थानीय मांग के अनुसार नए रुट पर भी इस सेवा को शुरू कराएं। सिटी बस सेवा को मोबाइल एप से जोड़ने का प्रयास हो। इससे लोगों को सुविधा होगी।

● काशी, मेरठ, गोरखपुर, बरेली, झाँसी और प्रयागराज को मेट्रो रेल सेवा से जोड़ा जाना है। यथावश्यक कार्यवाही पूरी की जाए। 06 माह के भीतर गोरखपुर मेट्रो लाइट परियोजना के कार्यों का शुभारम्भ करने की तैयारी करें।

● काशी, मेरठ, बरेली, झाँसी और प्रयागराज में मेट्रो लाइट अथवा मेट्रो नियो परियोजनाओं के लिए प्री फिजिबिलिटी स्टडी/ डीपीआर तैयार कराएं।

● आदरणीय प्रधानमंत्री जी की प्रेरणा से उत्तर प्रदेश स्मार्ट हो रहा है। स्मार्ट सिटी परियोजना में समयबद्धता और गुणवत्ता का ध्यान रखा जाए। आगामी पांच वर्षों में 220 नगरों को स्मार्ट बनाने का लक्ष्य लेकर कार्य करना होगा।

● अगले 100 दिनों के भीतर मिशन पिंक टॉयलेट के तहत महिलाओं की सुविधा के लिए 10,000 नए प्रसाधन कक्ष बनाये जाएं।

● नगरों में डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन के कार्य में सुधार की आवश्यकता है। अगले 100 दिनों में हमारा लक्ष्य हो कि सभी घरों तक इस सेवा का लाभ पहुंच जाए।

● ई-गवर्नेंस के तहत अगले 06 माह में सभी नगर निगमों में 100% ऑनलाइन म्यूटेशन सेवा देने का प्रयास हो। वाटर और सीवर कनेक्शन के लिए पूरी तरह ऑनलाइन सेवा डेवलप की जाए। इसी तरह, अगले दो वर्ष में सभी नगर निगमों/नगर पालिकाओं में शत- प्रतिशत ऑनलाइन म्यूटेशन की सुविधा होनी चाहिए।

● नगरीय निकायों में सभी नागरिक सेवाओं को पूर्णतः ऑनलाइन किया जाए। लोगों को अनावश्यक कार्यालयों के चक्कर न काटने पड़ें। समस्त स्थानीय निकायों में ऑनलाईन बिल्डिंग प्लान अप्रूवल सिस्टम विकसित करें।

● 01 लाख से अधिक आबादी वाले सभी नगरीय निकायों को ‘गार्बेज फ्री’ बनाने के संबंध में कार्ययोजना तैयार करें। अगले 05 वर्ष में हमें यह कार्य पूरा कर लेना होगा।

● सभी नगर पालिकाओं ने सेप्टेज प्रबंधन की दिशा में कार्य करने की जरूरत है। कान्हा गोशालाओं की संख्या बढ़ाई जाए।

● वाराणसी, मिर्जापुर और चित्रकूट में रोप-वे सेवा को यथाशीघ्र प्रारम्भ करने की कोशिश हो।

मंत्रिमंडल के समक्ष नगर विकास सेक्टर के 04 विभागों की कार्ययोजना प्रस्तुतिकरण पर मुख्यमंत्री जी के दिशा-निर्देश

● यह हमारा संकल्प है कि उत्तर प्रदेश में कोई बेघर नहीं होगा। ‘सबका साथ सबका विकास’ के मंत्र के अनुरूप सभी गरीब, आवासहीन, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, घुमन्तु जाति, पिछड़ा व वंचित एवं अन्य गरीब परिवारों को आवासीय पट्टे की भूमि तथा आवास की सुविधा उपलब्ध किया जाए।

● ग्रीनफील्ड टाउनशिप, अयोध्या से सम्बंधित विकास कार्यों का शुभारम्भ यथाशीघ्र कराया जाए।

● अमृत योजना के अन्तर्गत महानगरों की जीआईएस बेस्ड महायोजना तैयार किया जाए।

● लॉजिस्टिक ईज अक्रॉस डिफरेंट स्टेट (लीड्स) -2021 के अन्तर्गत लॉजिस्टिक योजना तैयार की जाए। इसमें राष्ट्रीय स्तर हमारी रैंकिंग सुधरी है लेकिन अभी सुधार की बहुत जरूरी है।

● विकास प्राधिकरणों में एंटरप्राइज रिसोर्स प्लानिंग व्यवस्था लागू कराएं, जिसमे वित्त, मानव संसाधन, प्लानिंग प्रोजेक्ट, प्रबंधन एवं क्रियान्वयन, संपत्ति आवंटन आपूर्ति और लेखा इत्यादि को एकीकृत किया जाए।

● ‘आजादी के अमृत महोत्सव’ वर्ष में जल संरक्षण के लिए विशेष प्रयास किये जायें। जहां तालाबों पर अतिक्रमण हो वहां अतिक्रमण मुक्त कराकर उनका सुंदरीकरण कराया जाए। इन्हें ‘अमृत सरोवर’ नाम दिया जाना चाहिए।

● समस्त विकास प्राधिकरणों के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग विषयक मास्टर प्लान तैयार कराएं।

● आगरा को मेट्रो सेवा का उपहार जल्द मिलेगा। हमारा लक्ष्य हो कि आगामी 02 वर्ष में आगरा के लोग मेट्रो सेवा का आनंद ले सकें।

● नगरों में वेटलैंड वनस्पति एवं जीव-जन्तुओं के जीवन पर्यावरण संरक्षण तथा बाढ़ नियंत्रण हेतु अत्यंत महत्वपूर्ण है। अतः इनका संरक्षण किया जाना आवश्यक है। प्राधिकरण द्वारा अपने विकास क्षेत्र के अन्तर्गत वेटलैण्ड चिन्हित करते हुए इनको संरक्षित किया जाए।

● जलवायु परिवर्तन के खतरे को देखते हुए हमें जरूरी प्रयास करने चाहिए। इस दिशा में अयोध्या को ‘क्लाइमेट स्मार्ट सिटी’ का स्वरूप दिया जा सकता है। यह प्रयास अन्य नगरों के लिए अनुकरणीय होगा।

● शहरों में पौधारोपण को प्रोत्साहन दिया जाए। आमजन को इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम से जोड़ने का प्रयास हो।

● उत्तर प्रदेश पर प्रकृति और परमात्मा की असीम कृपा है। यहां इको टूरिज्म की असीम संभावना है। इन संभावनाओं को आकार देने के लिए इको टूरिज्म बोर्ड के गठन पर विचार किया जाए। हेरिटेज वृक्ष के रोपण और संरक्षण के लिए ठोस प्रयास हों।

● लखनऊ स्थित कुकरैल पिकनिक स्पॉट को और बेहतर पर्यटक स्थल बनाने के प्रयास हों।