गंगा नदी में रिवर राफ्टिंग का संचालन शुरू होने जा रहा है।विभाग 10 सितंबर को गंगा में राफ्टिंग के संचालन को हरी झंडी दे सकता है।

बरसात के मौसम के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ जाता है। इस कारण 30 जून से लेकर 31 अगस्त तक गंगा में राफ्टिंग के संचालन पर रोक लग जाती है। एक सितंबर से फिर गंगा में राफ्टिंग का संचालन शुरू होता है। इन दिनों पर्वतीय क्षेत्रों में हो रही तेज बारिश के कारण गंगा का जलस्तर बढ़ा हुआ है। इस वजह से गंगा में रिवर राफ्टिंग के संचालन पर रोक लगी हुई है। टीम में पर्यटन, सिंचाई, आईटीबीपी, वन विभाग और राफ्टिंग के सदस्यों की संयुक्त टीम ने करीब 25 किमी तक गंगा में रिवर राफ्टिंग कर रैकी की। तकनीकी समिति के सदस्य जिला साहसिक पर्यटन अधिकारी खुशाल सिंह नेगी ने बताया कि पांच क्याक और एक राफ्ट की मदद से टीम सदस्यों को गंगा का जलस्तर सामान्य दिखा है। उन्होंने उच्चाधिकारियों को इसकी रिपोर्ट सौंप दी है।

दिल्ली, हरियाणा, कोलकत्ता, मुंबई, महाराष्ट्र आदि प्रांतों के पर्यटक और सैलानी गंगा में राफ्टिंग के लिए ऑनलाइन बुकिंग कराई है। राफ्टिंग संचालक जीतपाल, भगवान सिंह, राजकुमार, वैभव पयाल ने बताया कि उनके पास अभी तक चार हजार पर्यटकों ने ऑनलाइन बुकिंग कराई है। कई सैलानी राफ्टिंग के लिए उनके कार्यालयों के चक्कर काट रहे हैं। राफ्टिंग का संचालन नहीं होने से उन्हें मायूस लौटना पड़ रहा है।

राफ्टिंग का प्रति पर्यटक शुल्क

कौडियाला से रामझूला, नीमबीच तक   35 किमी      2500 रुपये
कौडियाला से शिवपुरी                       20 किमी      1500 रुपये
मरीन ड्राइव से रामझूला, नीमबीच       25 किमी      1500 रुपये
शिवपुरी से रामझूला, नीमबीच            15 किमी      1000 रुपये
मरीन ड्राइव से शिवपुरी                     10 किमी      600 रुपये
ब्रह्मपुरी से रामझूला, नीमबीच              9 किमी        600 रुपये
क्लब हाउस से रामझूला, नीमबीच       9 किमी         600 रुपये