सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 145 साल पुराने ग्वालियर रेलवे स्टेशन के कायाकल्प कार्य का वर्चुअली शुभारंभ किया। रीवा पहुंचे पीएम ने वहीं से इस आयोजन में हिस्सेदारी की, जबकि ग्वालियर में आयोजित कार्यक्रम में स्थानीय मंत्री, सांसद और रेलवे के अधिकारी मौजूद रहे। ग्वालियर में रेलवे का यह स्टेशन 1857 की क्रांति के बाद अंग्रेजों ने 1878 में बनवाया था। उस समय सिंधिया का शासन था। लेकिन इसके 62 साल बाद 1940 में सिंधिया राजपरिवार ने ही स्टेशन को हेरिटेज लुक में तब्दील कराया था। वर्तमान में यहां 24 घंटे में 40 हजार यात्रियों का आवागमन होता है।

463 करोड़ की लागत से होगा कायाकल्प
रेलवे द्वारा 463 करोड़ रुपये की लागत से ग्वालियर के रेलवे स्टेशन का कायाकल्प एयरपोर्ट की तर्ज पर करने का प्रोजेक्ट बनाया गया है। इससे स्टेशन के पुराने हेरिटेज वास्तु को संरक्षित रखते हुए अत्याधुनिक लुक देते हुए यात्री सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। इसका विकास हवाई अड्डे की तर्ज पर किया जाएगा। इस प्रोजेक्ट को मंजूरी काफी पहले मिल चुकी थी। लेकिन शिलान्यास आयोजन न हो पाने से काम शुरू नहीं हो पा रहा था। सोमवार को पीएम द्वारा शुभारंभ करने से अब इसके काम में तेजी आएगी। नए रेल्वे स्टेशन को 24 घंटे में डेढ़ लाख यात्रियों की क्षमता के हिसाब से बनाया जाएगा।

2024 तक काम हो जाएगा पूरा
ग्वालियर स्टेशन के विकास कार्य का ठेका हैदराबाद की केपीसी कम्पनी को दिया गया है। यह कम्पनी 24 माह में काम पूरा करेगी। इसे 40 साल के हिसाब तैयार किया जाएगा। यहां यात्रियों के लिए अलग-अलग प्लेटफार्म पर 19 लिफ्ट लगाई जाएंगी। 23 एस्केलेटर भी रहेंगे। इसी तरह प्लेटफार्म की संख्या बढ़कर 6 हो जाएगी। प्लेटफार्म नम्बर एक और छह पर अलग अलग गेट होंगे। एंट्री गेट पर भी एस्केलेटर रहेगा। इससे कॉनकोर्स एरिया में पहुंचेंगे। यह 12355 यात्रियों की क्षमता वाला फुली एसी कॉनकोर्स एरिया होगा।

प्लेटफॉर्म की संख्या भी बढ़ेगी
ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर के कहा कि यातायात की सुविधा के लिहाज से ग्वालियर अग्रणी हो रहा है। भव्य और विशाल एयरपोर्ट का विकास काम चल रहा है। सिक्स लेन सड़कें बन रहीं है और चम्बल एक्सप्रेस वे का काम शुरू होने वाला है और अब ग्वालियर के रेलवे स्टेशन के कायाकल्प का काम भी पीएम मोदी के कर कमलों से शुरू हो गया है। तोमर ने कहा कि अब जब हमारी यातायात सेवाएं बेहतर हो रहीं हैं तो इस क्षेत्र में उद्योग लगने शुरू होंगे। व्यापारिक और आर्थिक गतिविधियां बढ़ेंगी और रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। इसके साथ ही उत्तर मध्य रेलवे के जीएम सतीश कुमार का कहना है कि ग्वालियर का रेलवे स्टेशन 2024 तक बनकर पूरी तरह तैयार हो जाएगा। इस स्टेशन को पूरी तरह हेरिटेज लुक दिया जाएगा। साथ ही ऐतिहासिक बिल्डिंग से कोई छेड़छाड़ नहीं की जाएगी।