भारत के उपराष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी ने आज जनपद मेरठ में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित तीन दिवसीय आयुर्वेद पर्व तथा ओ0डी0ओ0पी0 प्रदर्शनी का शुभारम्भ किया। कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति जी की धर्मपत्नी श्रीमती सुदेश धनखड़, प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी उपस्थित थे। इसका आयोजन अखिल भारतीय आयुर्वेद महासम्मेलन एवं प्रादेशिक आयुर्वेद महासम्मेलन उत्तर प्रदेश के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि विगत 09 वर्षां में प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में देश ने लम्बी छलांग लगायी है। अब मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश लम्बी छलांग लगा रहा है। देश और विदेश के लोग उत्तर प्रदेश के बारे में जो नकारात्मक टिप्पणी किया करते थे, अब वह सुनने को नहीं मिल रही हैं। उत्तर प्रदेश में पहले चिंता व चिन्तन के मामले मिलते थे, लेकिन अब हर्षोल्लास के मामले देखने को मिलते हैं।
उत्तर प्रदेश भारतीय लोकतंत्र की रीढ़ की हड्डी की ताकत है। प्रजातांत्रिक मूल्य बहुत महत्वपूर्ण है। भारत विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश के साथ ही लोकतंत्र की जननी भी है। संविधान निर्माताओं द्वारा संविधान निर्माण के दौरान विभिन्न समस्याओं का समाधान किया गया था। इस दौरान संविधान सभा के सभी सदस्यों का आचरण शांतिपूर्ण एवं सौहार्दपूर्ण था, जिसे हम आज अपना सकते हैं। लोकतंत्र के मन्दिर लोक सभा, राज्य सभा एवं विधान सभा में सदस्यों का आचरण अनुकरणीय होना चाहिए।
भारत आज दुनिया का सबसे कार्यात्मक लोकतंत्र है। जिसकी पहले कल्पना नहीं की गयी थी, वह सब कुछ आज देश में सम्भव हो रहा है। भारत आज वैश्विक विमर्श स्थापित कर रहा है। उदाहरण के लिए उत्तर प्रदेश में हाल ही में आयोजित इन्वेस्टर्स समिट के डाइमेन्शन, सेक्टोरियल डेवलपमेण्ट एवं लोगों की दिलचस्पी से पता चलता है कि आज भारत बदल गया है।
प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में 140 करोड़ आबादी वाले देश ने जिस तरीके से कोविड प्रबन्धन का कार्य किया, उसका कोई मुकाबला नहीं है। इस कार्य की पूरे विश्व में प्रशंसा हुई। कोविड कालखण्ड के दौरान देश में प्रधानमंत्री जी द्वारा जनता कर्फ्यू, सोशल डिस्टेसिंग जैसे दूरदर्शी कार्यक्रमों का संचालन किया गया। कोविड वैक्सीन की 220 करोड़ डोज प्रदान करायी गयी तथा उनकी डिजिटल मैपिंग की गई। साथ ही, अप्रैल, 2020 से 80 करोड़ जनता को निःशुल्क राशन की व्यवस्था की गयी। कोविड के दौरान आयुर्वेद की प्रासंगिकता भी सिद्ध हुई।
भारतीय संस्कृति में पहला सुख निरोगी काया माना गया है। प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में देश और दुनिया में मोटे अनाज को बढ़ावा देने के लिए अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष का आयोजन किया जा रहा है, जो देश के किसानों के लिए सार्थक बात है।
मुख्यमंत्री जी के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में सुदृढ़ कानून व्यवस्था स्थापित हुई है। देश की युवा शक्ति वर्ष 2047 की योद्धा है। यह युवा शक्ति तय करेगी कि भविष्य में हमारे देश की तस्वीर क्या होगी। अब देश में जो शासन व्यवस्था है, उसके केन्द्र में एक ही चीज है भारत का हित। भारत की आवाज सुनने के साथ ही लोगां को इंतजार रहता है कि भारत इस विषय पर क्या बोलेगा। अब यह आपको तय करना है कि आप आयुर्वेद को कहां तक ले जाएंगे। आज लाइफस्टाइल डिजीज की बात होती है। इसमें आयुर्वेद और परम्परागत चिकित्सा पद्धतियां बहुत प्रभावी हैं। यह वही बात हुई-‘गली में छोरो गांव में ढिंढोरो।’ उन्हांने अपनी दो विदेश यात्राओं का जिक्र करते हुए कहा कि जब वह खुद का परिचय देते हैं, तो लोग सम्मान की दृष्टि से देखते हैं, यह आज के भारत की ताकत है। हमारा इतिहास हजारों साल पुराना है, हम एक महान राष्ट्र हैं, हमारे लोग महान हैं।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल श्रीमती आनन्दीबेन पटेल जी ने कहा कि भारत में ऋषियों एवं संन्यासियों की लम्बी परम्परा है, जिन्होंने स्वदेशी स्वास्थ्य सेवाओं, जैसे आयुर्वेद, योग एवं सिद्ध पद्धतियों का तंत्र विकसित किया। यह सभी पद्धतियां ‘सर्वे भवन्तु सुखिनः, सर्वे सन्तु निरामयः’ यानी सभी प्रसन्न रहें, सभी स्वस्थ रहें, के दर्शन पर आधारित हैं। आयुर्वेद प्राकृतिक सिद्धान्तों पर आधारित विश्व का प्राचीनतम चिकित्सा विज्ञान है। भारत आयुर्वेद का मूल स्थल है। आयुर्वेदिक उपचार में मन, शरीर और आत्मा के बीच संतुलन बनाए रखते हुए समग्र स्वास्थ्य प्रबन्धन पर ध्यान केन्द्रित किया जाता है। आयुर्वेद के प्राचीनतम ग्रन्थां में चरक संहिता, सुश्रुत संहिता और अष्टांग हृदयम् प्रमुख है। आयुर्वेद हमें हजारों वर्षों से स्वस्थ जीवन का मार्ग दिखा रहा है।
पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह किसानों के मसीहा थे। जनपद मेरठ के चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय को राष्ट्रीय मूल्यांकन एवं प्रत्यायन परिषद (नैक) द्वारा ‘ए प्लस प्लस’ श्रेणी प्रदान की गयी है। आज यहां आयोजित आयुर्वेद सम्मेलन इस बात की गवाही दे रहा है कि जैसे चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय ने नैक के मूल्यांकन में उत्कृष्ट ग्रेड प्राप्त कर अपनी उत्कृष्टता को साबित किया है, उसी प्रकार आयुर्वेदिक संस्थाएं भी वैसे ग्रेड को प्राप्त करने की दिशा में कार्य करेंगी।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री जी ने उपराष्ट्रपति जी को प्रतीक चिन्ह भेंट किया। इससे पूर्व, उपराष्ट्रपति जी, राज्यपाल जी एवं मुख्यमंत्री जी ने ओ0डी0ओ0पी0 प्रदर्शनी का अवलोकन किया।
इस अवसर पर ऊर्जा राज्यमंत्री श्री सोमेन्द्र तोमर, जलशक्ति राज्यमंत्री श्री दिनेश खटीक, सांसद डॉ0 लक्ष्मीकान्त बाजपेयी सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण, आयुष मंत्रालय भारत सरकार के सचिव वैद्य राजेश कोटेचा, चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय मेरठ की कुलपति प्रो0 संगीता शुक्ला सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।