उत्तराखंड में पर्यटन की बेशुमार संभावना और इन्फ्रास्ट्रक्चर की कमी पर लगातार बहस होती है, लेकिन अब इस मामले में पहाड़ों को एक बड़ी सौगात मिलने जा रही है. अब उत्तराखंड के उन हिल स्टेशनों को अंडरग्राउंड टनल पार्किंग मिलेगी, जहां पर्यटक बड़ी संख्या में पहुंचते हैं और जाम व पार्किंग की समस्या से न केवल पर्यटकों बल्कि स्थानीय लोगों और प्रशासन को भी जूझना पड़ता है. अत्याधुनिक तकनीक से बनने वाली इस तरह की पार्किंग के मामले में दावा किया जा रहा है कि उत्तराखंड देश का पहला राज्य होगा, जहां इस तह की पार्किंग व्यवस्था होगी.

उत्तराखंड की पुष्कर सिंह धामी सरकार को टीएचडीसी द्वारा पिछले साल से भूमिगत सुरंग पार्किंग बनाने का प्रस्ताव दिया गया था, जिसे अब कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। अब टीएचडीसी हिल स्टेशनों पर पार्किंग की समस्या को दूर करने के लिए इस परियोजना पर अन्य कंपनियों के साथ मिलकर काम करेगी। टीएचडीसी के सीएमडी राजीव बिश्नोई ने कहा कि जल्द ही नैनीताल, मसूरी और अन्य पर्यटन स्थलों पर अंडरग्राउंड पार्किंग का काम शुरू हो जाएगा और पर्यटकों को जाम से राहत के साथ ही अत्याधुनिक पार्किंग की सुविधा भी मिलेगी.

उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने मीडिया को बताया कि पहाड़ों में ऐसी छोटी सुरंगों का इस्तेमाल पार्किंग के तौर पर किया जाएगा. दरअसल यह प्रस्ताव लोक निर्माण विभाग ने रखा था, जिसे बुधवार को हुई धामी सरकार की कैबिनेट बैठक में मंजूरी मिल गई. संधू ने बताया कि इन सुरंगों के निर्माण के लिए रेल विकास निगम लिमिटेड, टिहरी हाइड्रो पावर डेवलपमेंट कॉरपोरेशन और उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड जैसे संगठन मिलकर काम करेंगे।

रोपवे, सैटेलाइट सेंटर जैसे और भी बड़े फैसले लिए गए।

 कैबिनेट ने कुछ और बड़े फैसले लेते हुए उत्तराखंड भूस्खलन राहत एवं प्रबंधन केंद्र से जुड़े प्रस्ताव को भी मंजूरी दी. आपदा से प्रभावित राज्य का यह फैसला महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह देश का पहला ऐसा केंद्र होगा. इसके अलावा 2019 से अटके देहरादून-मसूरी रोपवे के काम में तेजी लाने की भी मंजूरी दी गई, क्योंकि ऊंचाई को लेकर स्पष्टता नहीं होने के कारण मामला लंबित था।

 इसके साथ ही उधम सिंह नगर जिले के किच्छा के पास एम्स का सैटेलाइट सेंटर स्थापित करने के लिए केंद्र सरकार को 100 एकड़ जमीन मुफ्त देने का प्रस्ताव भी कैबिनेट में पारित किया गया.अधिकारियों के हवाले से बताया गया कि राज्य में जो मोबाइल कंपनियां टावर लगा रही हैं, अब सरकार उनसे चार्ज करेगी, यह फैसला भी कैबिनेट में लिया गया.