सरकार ने सूबे में विकास और सुशासन की स्थिति को लेकर खास रिपोर्ट पेश किया है। इसमें कृषि, टूरिज्म, सामुदायिक जुड़ाव, रोजगार, कड़े नीतिगत फैसले समेत हर मुद्दे का जिक्र किया गया है। ‘मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022’ (MPSDR) का ये पहला संस्करण है। राजधानी दिल्ली के इंडिया हैबिटैट सेंटर में मध्य प्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान इसे सबके सामने रखा। इससे पहले अधिकारियों ने बताया कि कैसे मध्य प्रदेश में खेती-टूरिज्म-रोजगार समेत सभी क्षेत्रों पर खास फोकस किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि ये रिपोर्ट कार्ड काफी रिसर्च के बाद तैयार किया गया है।

AIGGPA भोपाल ने तैयार की MPSDR रिपोर्ट

‘मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट 2022’ (MPSDR) में कुल 12 अध्याय हैं, जिन्हें पांच पार्ट में बांटा गया है। अटल बिहार वाजपेयी सुशासन और नीति विश्लेषण संस्थान (एआईजीजीपीए) भोपाल की ओर से इस रिपोर्ट को तैयार किया गया है। इसके पहले हिस्से में 15 साल के दौरान सूबे में सुशासन की विशिष्टताओं का जिक्र किया गया है। दूसरे खंड में कोरोना काल और उसके असर जिक्र है। कैसे कोविड-19 ने सूबे के आर्थिक हालात पर असर डाला। साथ ही महामारी के प्रबंधन, और इससे हुए बदलाव, विकास का जिक्र भी किया गया है।

दिल्ली के हैबीटेट सेंटर में सीएम शिवराज ने किया लॉन्च

दिल्ली के इंडिया हैबीटेट सेंटर में MPSDR रिपोर्ट को सामने रखा गया है। रिपोर्ट का जिक्र करते हुए मध्य प्रदेश सरकार के जनसंपर्क विभाग के प्रमुख सचिव और आयुक्त राघवेंद्र कुमार सिंह ने सूबे में विकास को लेकर उठाए जा रहे कदमों के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि कोरोना काल के दौरान भी राज्य को कृषि क्षेत्र की वजह से काफी सपोर्ट मिला। यही वजह है कि हम इस ओर ज्यादा फोकस कर रहे हैं।

अधिकारियों ने रिपोर्ट के बारे में खुलकर की चर्चा

राघवेंद्र कुमार सिंह ने बताया कि इसके साथ ही माइनिंग के क्षेत्र में भी आगे काफी संभावनाएं हैं। साथ ही अब टेक्सटाइल्स इंडस्ट्री भी आ रही हैं। गेहूं के रेट में तेजी देखने को मिली है। एग्रीकल्चर इंश्योरेंस पर भी फोकस कर रहे हैं। उन्होंने उज्जैन कोरिडोर को लेकर भी बताया कि जल्द से जल्द इसे पूरा कर लिया जाएगा। साथ ही उन्होंने राज्य में साइबर तहसील का भी जिक्र किया, जिसके जरिए जमीन के खरीद-बिक्री पर असर पड़ेगा। इस दौरान एग्पा की मुख्य कार्यपालन अधिकारी जी.व्ही. रश्मि ने भी रिपोर्ट को लेकर खुलकर अपनी बात रखी। इस दौरान लोकेश शर्मा, अतिरिक्त मुख्य कार्यपालन अधिकारी, एग्पा भी मौजूद रहे। उन्होंने भी सूबे में प्रदेश सरकार की ओर से उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी। साथ ही रिपोर्ट में दिए गए आंकड़ों पर खुलकर चर्चा की।

देखिए ‘मध्य प्रदेश सुशासन और विकास रिपोर्ट’ की बड़ी बातें

– रिपोर्ट में प्रदेश सरकार की ओर की गई कई अहम पहल जिनमें स्कूल ऑफ गुड गवर्नेंस एंड पॉलिसी एनालिसिस, मध्य प्रदेश लोक सेवा गारंटी अधिनियम (2010), आत्म निर्भर मध्य प्रदेश रोड मैप, समाधान ऑनलाइन, सीएम हेल्पलाइन आदि की स्थापना शामिल है।

– पहले खंड में दो अध्याय सुशासन पर है। जिसमें 15 साल के दौरान सूबे में सुशासन की विशिष्टताओं का जिक्र किया गया है। दूसरे खंड में कोरोना काल और उसके असर जिक्र है।

– रिपोर्ट के तीसरे हिस्से के पहले अध्याय में बताया गया कि राज्य कृषि क्षेत्र में देश के अन्य राज्यों की अपेक्षा अग्रणि रहा है। खाद्यान्न का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। सोयाबीन (60%) हिस्सा, दाल (32%) और तिलहन (22%) हिस्सेदारी के साथ बड़ा उत्पादक है। बागवानी फसलों का तीसरा सबसे बड़ा उत्पाद, पोषक-अनाज में पांचवां सबसे बड़ा उत्पादक है। राज्य में कृषि क्षेत्र में राष्ट्रीय विकास दर से दोगुनी से अधिक है।

– तीसरे अध्याय में ही उद्योग और व्यापार का जिक्र और विश्लेषण किया गया है। आदिवासी क्षेत्रों में विशेष फोकस के साथ वित्तीय समावेशन पर जोर दिया गया है।

– मध्य प्रदेश समृद्ध जैव विविधता वाला राज्य है। पांचवां अध्याय जैव विविधता और पारंपरिक ज्ञान के दोहन पर है। ये जैव विविधता की भूमिका और पारिस्थिति संतुलन बनाए रखने में महत्व पर चर्चा करता है।