प्रदेश के 183 बालगृहों में 6,229 निराश्रित बच्‍चों को मिला आश्रय

संवासियों को शिक्षा की मुख्‍यधारा से जोड़ योगी सरकार दिला रही रोजगार पिछले पांच सालों में अब तक 51,400 बच्‍चों को परिवार से मिलाया प्रदेश सरकार यूपी के तिरस्‍कृत बच्‍चों के अधिकारों व उनकी सुविधाओं के लिए सजग है। इस दिशा में बाल अधिकारों, शिक्षा व सेहत पर लगातार काम करने वाली योगी सरकार तिरस्‍कृत संवासियों की सुविधाओं में इजाफा करने के लिए नवीन बालगृहों के निर्माण के साथ उनमें डिजिटल शिक्षा के क्षेत्र में भी तेजी से काम कर रही है। पिछले पांच सालों में मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने निराश्रित किशोर किशोरियों और शिशुओं के लिए ढेर सारी सहूलियतों संग योजनाओं के तहत सुविधाएं दी हैं। प्रदेश सरकार ने न सिर्फ संवासियों को आश्रय दिया जा रहा है बल्कि उनको शिक्षा की मुख्‍यधारा से जोड़ते हुए रोजगार देने का कार्य भी कर रही है।

प्रदेश के 183 बालगृहों में 6,229 निराश्रित बच्‍चों को आश्रय मिला है। पिछले पांच सालों में 51,400 बच्‍चों की घर वापसी कराई गई है। इसके साथ ही 3,265 किशोर किशोरियों को व्‍यवसायिक प्रशिक्षण, 1,312 किशोर किशोरियों को रोजगार स्‍वरोजगार से जोड़ा गया है प्रदेश में एडॉप्‍शन के जरिए 1075 बच्‍चों के पुनर्वासन की प्रक्रिया को पूरा किया गया है। मिशन शक्ति और मिशन वात्‍सल्‍य के तहत जहां एक ओर मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ महिलाओं व बच्‍चों की आवाज को बुलंद कर रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर महिलाओं व बच्‍चों के बहुमुखी विकास के लिए सुविधाओं में इजाफा करते हुए यूपी में नई योजनाओं का विस्‍तार कर रहें हैं।

दो सालों में राजकीय बालगृहों व महिला शरणालयों का होगा तेजी से निर्माण

यूपी में कई राजकीय बालक बालगृह , राजकीय बालिका बालगृह, दत्‍तक गृह इकाई, शिशुगृह व महिला शरणालय हैं जिनमें निराश्रि‍त महिलाओं व बच्‍चों को आश्रय दिया जाता है। ऐसे में यूपी में आने वाले दो सालों में सुविधाओं को बढ़ाते हुए वि‍भिन्‍न जिलों में भवनों के निर्माण व लोकार्पण का काम किया जाएगा। प्रदेश में गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजीपुर में 100 की क्षमता वाले महिला शरणालयों की स्‍थापना की जा रही है। इसके साथ ही आगरा में 50 की क्षमता वाले राजकीय बालगृह शिशु, रायबरेली में 100 की क्षमता वाले राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर,कानपुर, मिर्जापुर, चित्रकुट में 100 की क्षमता वाले एक एक राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर बनाए जाएंगे। इसके साथ ही दो वर्षों के भीतर अयोध्‍या, गोरखपुर, वाराणसी, लखनऊ व अमेठी में एकीकृत आश्रय सदनों का शिल्‍यान्‍यास किया जाएगा।

महिला एवं बाल विभाग के डिप्‍टी डायरेक्‍टर बृजेन्‍द्र सिंह निरंजन ने बताया कि यूपी में निराश्रित, तिरस्‍कृत बच्‍चों को बेहतर सुविधाओं संग आश्रय दिलाने की जिम्‍मेदारी हम लोगों की हैं। यूपी के बालगृहों में क्षमता से अधिक संवासियों के आश्रय की समस्‍या होती थी लेकिन नवीन बालगृहों के निर्माण से क्षमता से जुड़ी समस्‍या का निवारण हो जाएगा।