मध्यप्रदेश में जनजातिय वर्ग के जननायकों की सुध लेते ही आदिवासियों को कई तरह की सुविधाएं सरकार के द्वारा दी जा रही है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लगातार आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए कई घोषणा कर चुके हैं। उन्होंने हाल ही में प्रदेश के मालवा अंचल के आदिवासी जननायक टंट्या भील के बलिदान दिवस पर राज्य में आदिवासियों को पेसा एक्ट लागू करने और आदिवासी वनोपज को सरकार द्वारा खरीदने की सौगात दी है। मुख्यमंत्री ने कहा भू अधिकार योजना के तहत सरकार आदिवासियों को जमीन और मकान देगी। मुख्यमंत्री ने राज्य में पेसा एक्ट लागू करने की भी घोषणा की। इसके बाद अब आदिवासियों के खिलाफ चल रहे छोटे-मोटे कानूनी मामले लिए भी वापस ले लिए जाएंगे।

 

प्रदेष की शिवराज सरकार द्वारा लगातार जनजातिय वर्ग के उत्थान के लिए कार्य कर रही है। बीते दो माह में सरकार ने कई ऐसे फैसले लिए हैं, जिसका सीधा लाभ आदिवासी वर्ग को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने शनिवार को मालवा अंचल के आदिवासी जननायक टंटया भील के बलिदान दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में सबसे बड़ी घोशणा राज्य में पेसा एक्ट लागू करने के रूप में की। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक्ट शनिवार से ही लागू कर दिया गया। मुख्यमंत्री की घोशणा के बाद राज्य सरकार ने इसका राजपत्र भी जारी कर दिया है। पेसा एक्ट लागू होने से अधिसूचना भी खुद मुख्यमंत्री ने पढ़कर मंच से सुनाई। उन्होंने बताया कि अधिसूचना के प्रावधानों में प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्रों में ग्राम सभाओं को सशक्त करने के लिए यह एक्ट आज प्रदेश में लागू किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में निवास कर रहे वनवासी जिनके दिसम्बर 2006 से पूर्व के वन अधिकार के कब्जे अभी तक नहीं दिए गए हैं, उन्हें वन अधिकार पट्टा दिए जाएंगे। इसके लिए प्रदेश में फिर से एक अभियान चलाया जाएगा। कोई भी जनजातीय अब अपने अधिकारों से वंचित नहीं रहेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि धरती पर कोई भी जनजातीय बंधु अब परेशान नहीं होगा। छोटे-मोटे कानूनी मामलों के चलते पुलिस और कोर्ट के चक्कर नहीं लगाना पड़ेंगे। उन्होंने घोषणा की कि जिन जनजातीय लोगों पर छोटे-मोटे मामूली प्रकरण चल रहे हैं उन सभी को वापस लिया जाएगा।
लागू होगी भू अधिकार योजना

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने घोषणा की कि प्रदेश में जिन जनजातीय भाई-बहनों के पास रहने के लिए पक्का मकान नहीं है, उन्हें आवास बनाने के लिए जमीन का पट्टा दिया जाएगा। मध्यप्रदेश की धरती पर कोई भी जनजातीय बंधु बिना जमीन या मकान के नहीं रहेगा। इसके लिए मध्यप्रदेश सरकार मुख्यमंत्री आवासीय भू-अधिकार योजना लागू करेगी।
कर्जे किए जाएंगे माफ

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन जनजातीय बंधुओं के विकास का अभियान चला रही है। इसमें शोषण से मुक्ति का अभियान भी चलाया जाएगा। बिना लाइसेंस अधिक ब्याज पर जिन सूदखोरों द्वारा 5 अगस्त 2020 तक जनजातीय बंधुओं को पैसे दिए गए हैं, ऐसे कर्ज़ों को अब माफ किया जाएगा। यदि सूदखोरों द्वारा गरीबों को फिर भी प्रताड़ित किया जाता है तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कौन थे टंटया मामा

मालवा अंचल आदिवासी जननायक के रूप में टंटया भील बड़े योद्धा के रूप में उभरे थे। इन्हें रॉबिन हुड भी कहा गया था। टंटया भील ने अंग्रेजों के खिलाफ संघर्ष किया और वे गरीबों के मसीहा के रूप में उभरे थे। टंट्या ने अंग्रेजी हुकूमत द्वारा ग्रामीण आदिवासी जनता के साथ शोषण और उनके मौलिक अधिकारों के साथ हो रहे अन्याय-अत्याचार की खिलाफत की। दिलचस्प पहलू यह है कि स्वयं प्रताड़ित अंग्रेजों की सत्ता ने जननायक टंट्या को “इण्डियन रॉबिनहुड’’ का खिताब दिया। जननायक टंट्या भील को वर्ष 1889 में कुछ जयचंद की वजह से फाँसी दे दी गई।
बिरसा मुंडे के बलिदान दिवस पर आए थे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी

मध्यप्रदेश सरकार ने इसके पहले बिरसा मंुडे के बलिदान दिवस पर राजधानी भोपाल में बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया था। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री ने जनजातिय वर्ग के लिए कई घोशणाएं की थी। इसके अलावा उन्होंने जनजातिय वर्ग की रानी कमलापति के नाम हबीबगंज रेलवे स्टेषन किया था। इसके पूर्व जबलपुर में भी शिवराज सरकार ने आदिवासी जननायक शंकर शाह रघुनाथ शाह के बलिदान दिवस कार्यक्रम पर बड़ा समारोह किया। इस समारोह में गृह मंत्री अमित शाह आए थे। इस समारोह में भी जनजातिय वर्ग के लिए शिवराज सरकार ने कई योजनाओं की घोशणाएं की, जिन्हें अब सरकार क्रियान्वित कर रही है।

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल