सुशासन से सरकार के प्रति बढ़ा जन विश्वास
उपचुनाव के परिणाम में दिखे ई-गवर्नन्स का असर उप्र मॉडेल ई-गवर्नन्स राज्य बनने की ओर अग्रसर उत्तर प्रदेश में सरकारी तंत्र को और सुचारु और लोक-हित में ढालने के लिए किये जा रहे प्रयासों का परिणाम अब दिखने लगा है। ‘सरकारी तंत्र कम, सुशासन अधिक (मिनिमम गवर्नमेंट्’, मैक्सिमम गवर्नेंस) के मूलमंत्र को अपनाते हुए उप्र की योगी आदित्यनाथ सरकार ने प्रदेश में सुशासन के नए आयाम स्थापित किये गए हैं। इन प्रयासों से आम लोगों का जीवन न केवल सुचारु हुआ है, बल्कि उनकी सरकारी सेवाओं और लाभ तक पहुँच भी बेहतर हुई है। इससे लोगों का भरोसा योगी सरकार के प्रति बढ़ा है, जिसका एक उदहारण हाल के उपचुनाव के परिणाम के रूप में भी दिखा।
उप्र सरकार ने ई-गवर्नन्स के कई उपायों को वृहद रूप में लागू किया है। ये आम नागरिकों के लिए, उद्योग व व्यापार के लिए, तथा सरकार के अपनी कार्यप्रणाली के लिए हैं। इसके अलावा, कई ई-गवर्नन्स के उपायों को अभी अंतिम रूप दिया जा रहा है और उनके लागू किये जाने के बाद उत्तर प्रदेश निश्चित रूप से देश के सर्वश्रेष्ठ ई-गवर्नन्स वाले राज्यों में शामिल होगा। वर्तमान में, ई-गवर्नन्स के जो पोर्टल उपलब्ध हैं और जिनका लाभ आम नागरिकों द्वारा उठाया जा रहा है, वे हैं – ई-डिस्ट्रिक्ट, ई-नगर सेवा, भूलेख, सक्षम, उद्यम सारथी, वुमन पावर लाइन 1090 और आपूर्ति। उद्योग व व्यापार जगत के लिए इस प्रकार की सेवाएं निवेश मित्र और ई-टेन्डर पोर्टल के रूप में उपलब्ध हैं।
सरकार के अपने काम-काज के लिए जो ऑनलाइन सेवाएं उपलब्ध हैं वे नीति निर्माण, प्रशासन, सरकार क्रय व खरीद, मूल्यांकन और बेहतर निर्णय लेने की क्षमता हासिल करने से जुड़ी हुई हैं। इनमें प्रमुख हैं – ई-विधान सभा (ऑनलाइन प्रश्नोत्तर प्रणाली), ई-ऑफिस, शासनादेश, जेम पोर्टल और दर्पण। इनमे दर्पण पोर्टल एक अत्यंत महत्वपूर्ण ई-सेवा है जिसके माध्यम से जटिल आंकड़ों को विश्लेषण व रेखांकन की सहायता से कार्यान्वित किये जाने वाले बिंदुओं में परिवर्तित किया जा सकता है।
इस सभी सेवाओं की सफल, व्यापक और लगातार उपलब्धता से आम नागरिकों को एक पारदर्शी, सुचारु और पेपर-लेस सिस्टम मिलता है जो उनके द्वारा मांगी गई जानकारी और सेवाएं उपलब्ध कराता है।
सहज व सुचारु प्रशासन इस तरह, अब नागरिकों को नागरिकता, शिक्षा, छात्रवृत्ति, कौशल व कौशल विकास, रोजगार, सुरक्षा और दस्तावेजों की सुरक्षा से संबंधित सेवाएं हर समय उपलब्ध रहती हैं। इस वजह से, ऐसे काम में होने वाली देर, भ्रष्टाचार और बिचौलियों जैसी समस्याओं से भी मुक्ति मिली है।
उप्र के पूर्वी, पश्चिमी व बुंदेलखंड क्षेत्र के दूर-दराज के जिलों में भी यह सुनिश्चित किया गया है कि ई-गवर्नन्स सेवाएं नागरिकों को जब आवश्यकता हो, तब उपलब्ध हों। इसके लिए जरूरी तकनीकी सिस्टम भी लगातार उपलब्ध रहते हैं। टेक्नॉलजी का उपयोग पूरे प्रदेश में अत्यंत व्यापक रूप से किया जा रहा है जिससे इन सेवाओं तक नागरिकों की पहुँच आसान हुई है। समाज के विभिन्न वर्गों, जैसे किसान, छात्र, शिक्षक, महिलाएं, छोटे व बड़े व्यापारी, पटरी विक्रेता आदि इन सेवाओं को अपनी आवश्यकता अनुसार इस्तेमाल कर रहे हैं।
यही नहीं, प्रशासन को बेहतर बनाने बनाने की सतत प्रक्रिया के अंतर्गत अभी कई ई-गवर्नन्स के उपाय लागू होना बाकी हैं। इनमे एक प्रमुख है ई-कैबिनेट की प्रणाली, जिसके माध्यम से नागरिकों को राज्य कैबिनेट से जुडने का मौका मिल सकता है। दूसरी प्रमुख प्रणाली है प्रोटोकॉल पोर्टल, जिसके माध्यम से उप्र आने वाले सभी माननीय व्यक्तियों के आवागमन, रहने व भोजन की व्यवस्था और सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।
सुशासन की ओर बढ़ते कदम, और नई पहल के पीछे एक मजबूत राजनीतिक सोच है जिसके कारण आने वाले दिनों में शासन तंत्र को तकनीक के माध्यम नागरिक-हितैषी बनाया जा रहा है। उद्योग व व्यापार और सरकार के अपने काम करने के तरीकों में भी लगातार सुधार हो रहा है जिससे लोगों का भरोसा सरकार के प्रति बढ़ा है।