शिवराज सरकार नए साल में मनाएगी आनंद उत्सव
मध्य प्रदेश सरकार ने 14 से 28 जनवरी तक प्रदेष में आनंद उत्सव मनाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि जीवंत सामुदायिक जीवन, नागरिकों की जिंदगी में आनंद का संचार करता है। इसी तथ्य को ध्यान में रखते हुए 14 से 28 जनवरी के बीच हमने आनंद उत्सव मनाने का फैसला किया है। आनंद उत्सव में नागरिकों में सहभागिता एवं उत्साह को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।
वाराणसी में दिया प्रस्तुतिकरण
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में 14 से 28 जनवरी 2022 तक आनंद उत्सव आयोजित किया जाएगा। हाल ही में वाराणसी में विभिन्न राज्य में संचालित नवाचारों पर हुए प्रस्तुतिकरण में मध्यप्रदेश की ओर से आनंद विभाग पर केंद्रित प्रस्तुतिकरण किया गया था। इसे विभिन्न राज्यों द्वारा बहुत सराहा गया। कई राज्य आनंद विभाग की गतिविधियों का अनुसरण करने के इच्छुक हैं। वाराणसी से लौटकर मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल के साथियों से चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में आनंद विभाग की गतिविधियों को बढ़ाया जाएगा। इसमें अल्पविराम, आनंद घर, आनंद कैलेंडर और आनंद शिविर जैसी गतिविधियाँ संचालित होंगी। प्रदेश में वर्तमान में 170 स्थानों पर आनंद घर संचालित है। मुख्यमंत्री ने मंत्रियों को अपने विभागों की गतिविधियों में केंद्र से अधिक से अधिक सहयोग प्राप्त करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि इन प्रयासों से प्रदेश में विकास और जन-कल्याणकारी गतिविधियों का और अधिक विस्तार हो सकेगा।
2016 में किया था आनंद विभाग का गठन
मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने प्रदेश के नागरिकों की खुशहाली का स्तर जानने के लिए वर्ष 2016 में आनंद विभाग का गठन किया था। मुख्यमंत्री का सोचना था कि परिपूर्ण जीवन के लिए मनुष्य के आंतरिक और बाह्य सकुशलता जरूरी है। संतुलित जीवन शैली के लिए नागरिकों को ऐसी विधियां और उपकरण उपलब्ध कराए जाने चाहिए जो उनके लिए आनंद के कारक बने।
क्या है आनंद उत्सव कार्यक्रम
प्रदेष के आनंद विभाग द्वारा जीवन को उत्सव के रूप मंे मिल बांटकर मनाने के उद्देश्य से राज्य में आनंद उत्सव कार्यक्रम की शुरूआत की गई। इसके अंतर्गत विभिन्न गतिविधियों का संचालन करना, जो प्रदेश के नागरिकों को परिपूर्ण जीवन की कला सिखा सकेंगी, जिससे व्यक्ति के जीवन में आनंद की अनुभूति हो सके। आंनद उत्सव के अंतर्गत लोक संगीत, नृत्य, भजन-कीर्तन, नाटक और खेलकूद और पारंपरिक गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। इन सबके पीछे एक मात्र उद्देश्य यह है कि प्रदेश के नागरिकों को खेलों के माध्यम से उत्साह, उमंग और समरसता पैदा कर उनके बीच आपसी मेल जोल को बढ़ावा देना है। इस तरह के आयोजनों में हर उम्र के महिला एवं पुरूष की भागीदारी निश्चितकी जाती है। आनंद विभाग द्वारा इस तरह के उत्सव ग्रामीण और शहरी दोनों ही क्षेत्रों के लिए आयोजित किए जाते हैं।
आनंद उत्सव का उद्देश्य
आनंद उत्सव का उद्देश्य नागरिकों में सहभागिता एवं उत्साह को बढ़ाने के लिए समूह स्तर पर खेल-कूद और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करना है। आनंद उत्सव की मूल भावना प्रतिस्पर्धा नहीं वरन सहभागिता है । आनंद उत्सव, नगरीय और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आयोजित किए जाते है । आनंद उत्सव में प्रमुख रूप से स्थानीय तौर पर प्रचलित परंपरागत खेल-कूद जैसे कबड्डी, खो-खो, बोरा रेस, रस्सा कसी, चेअर रेस, पिठ्ठू, सितोलिया, चम्मच दौड़, नीबू दौड़ आदि तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे लोक संगीत, नृत्य, गायन, भजन, कीर्तन, नाटक आदि एवं स्थानीय स्तर पर तय अन्य कार्यक्रम किए जाते है ।
क्या करता है आनंद विभाग
आनंद विभाग का कार्य आनंद एवं सकुशलता को मापने के पैमानों की पहचान करना तथा उन्हें परिभाषित करना है। राज्य में आनन्द का प्रसार बढ़ाने की दिशा में विभिन्न विभागों के बीच समन्वयन के लिए दिशा-निर्देश तय करना, आनन्द की अवधारणा का नियोजन नीति निर्धारण और क्रियांवयन की प्रक्रिया को मुख्यधारा में लाना, आनंद की अनुभूति के लिए एक्श न प्लान एवं गतिविधियों का निर्धारण, निरंतर अंतराल पर निर्धारित मापदंडों पर राज्य के नागरिकों की मनःस्थिति का आंकलन करना, आनन्द की स्थिति पर सर्वेक्षण रिपोर्ट तैयार कर प्रकाशित करना, आनंद के प्रसार के माध्यमों, उनके आंकलन के मापदंडों में सुधार के लिये लगातार अनुसंधान करना, आनंद के विषय पर एक ज्ञान संसाधन केन्द्र के रुप में कार्य करना।
द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल