शिवराज ने कहा नौकरी करने नहीं, देने वाला बने युवा

प्रदेश में पहले डोन स्कूल का किया शुभारंभ, प्रतिमाह 40 से 50 विद्यार्थियों को दिया जाएगा प्रशिक्षण

मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का पूरा फोकस इन दिनों प्रदेश में युवाओं को रोजगार से जोड़ना है। इसके लिए वे लगातार कार्यक्रमों में युवाओं को स्वरोजगार से जूड़ने के लिए प्रेरित कर रह हैं साथ ही सरकार में ऐसे योजनाएं भी बना रहे हैं कि प्रदेश का युवा स्वालंबी बने। वह खुद का रोजगार स्थापित करे और दूसरों को रोजगार दे। इसके लिए वे तरह तरह की योजनाएं भी संचालित कर रहे हैं। ऐसी ही एक योजना शिवराज सरकार ने हाल में चलाई है जिसके तहत डोन संचालन के लिए युवाओं को प्रेरित करना है। इस योजना के तहत प्रदेश में पांच स्कूल भी खोले जा रहे हैं, जिनमें डोन का प्रशिक्षण दिया जाएगा। इसके तहत राज्य के ग्वालियर में प्रदेश के पहले दिन स्कूल का ड्रोन उड़ाकर शुभारंभ किया गया। इस स्कूल में हर माह 40 से 50 युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षण के बाद ये युवा रोजगार पा सकंगे।

ड्रोन स्कूल के शुभारंभ अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश बनाने के लिए सरकार सभी दिशाओं में काम कर रही है। इस दिशा में प्रदेश में ड्रोन तकनीक को भी प्रमुखता से अपनाया गया है। हम मध्यप्रदेश को ड्रोन तकनीक के इस्तेमाल में नंबर वन राज्य बनाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि खुशी की बात है केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया की पहल पर प्रदेश में पांच ड्रोन स्कूल खुलने जा रहे हैं। इनमें से पहले स्कूल का शुभारंभ ग्वालियर में हो गया है।

आर्थिक और तकनीकी मदद करेगी सरकार

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने नई स्टार्टअप नीति बनाई है, जिसमें युवाओं के नवाचारों को धरातल पर लाने में सरकार भरपूर आर्थिक और तकनीकी मदद मुहैया कराएगी। उन्होंने कहा कि इंदौर के विद्यार्थियों ने नए- नए स्टार्टअप शुरू कर 800 से 1000 करोड़ तक की कंपनियाँ विकसित कर ली हैं। सरकार की स्टार्टअप नीति का लाभ उठाकर ग्वालियर के युवा भी नए-नए स्टार्टअप खड़े कर सकते हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोहराया कि हमारा संकल्प है कि प्रदेश के युवा नौकरी मांगने वाले नहीं नौकरी देने वाले बनें।

12 वीं पास को मिलेगा 4 लाख तक अनुदान

स्कूल के शुभारंभ अवसर पर केन्द्रीय कृषि एवं किसान-कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि देश में कृषि के क्षेत्र में ड्रोन तकनीक को विशेष बढ़ावा दिया जा रहा है। निकट भविष्य में इस तकनीक के इस्तेमाल से क्रांतिकारी प्रगति सामने आयेगी। उन्होंने कहा भारत सरकार के कृषि विभाग ने ड्रोन नीति जारी कर दी है, जिसमें 12 वीं पास बच्चे 4 लाख रूपए तक का अनुदान प्राप्त कर ड्रोन पायलट के रूप में अच्छा रोजगार पा सकते हैं। इसी तरह यदि कृषि स्नातक ड्रोन तकनीक की कोई इकाई स्थापित करना चाहते हैं तो वह 5 लाख तक का अनुदान पा सकते हैं। इसके अलावा संस्थान भी कृषि ड्रोन नीति में 100 प्रतिशत तक अनुदान प्राप्त कर सकते हैं। तोमर ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मकान का मालिकाना हक दिलाने में ड्रोन तकनीक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। इसी तरह टिड्डी दल के आक्रमण को असफल करने में ड्रोन तकनीक क्रांतिकारी साबित हुई है।

साल भर में ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट होंगे तैयार

केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि भारत किसी भी देश का फॉलोअर नहीं लीडर बने। इसी संकल्पना को साकार करने के लिए ड्रोन को गाँव-गाँव और घर-घर में पहुँचाने के प्रयास किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि गत 11 दिसम्बर को प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की गई थी। सिंधिया ने बताया कि इस ड्रोन स्कूल में हर माह 40 से 50 बच्चों को ड्रोन तकनीक में प्रशिक्षित किया जाएगा। इस प्रकार साल भर में लगभग 500 युवा ड्रोन पायलट के रूप में तैयार होंगे। ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण प्राप्त युवा हर माह औसतन 30 हजार रूपए की आय आसानी से अर्जित कर पायेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश के पांचों ड्रोन स्कूल शुरू होने पर साल भर में लगभग ढ़ाई हजार ड्रोन पायलट तैयार होंगे।

 

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल