देश की पश्चिमी सीमा को मजबूत करने के लिए स्वदेशी लाइट कॉम्बैट हेलिकॉप्टर यानी LCH को आज से जोधपुर एयरबेस पर तैनात किया गया है।जोधपुर एयरबेस पर रक्षा जोधपुर एयरबेस पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की मौजूदगी में इन हेलिकॉप्टर्स को वायु सेना में शामिल किया गया। आज शामिल हुए LCH को प्रचंड नाम दिया गया है। इससे पहले ध्रुव और रुद्र नाम के हल्के लड़ाकू हेलिकॉप्टर सेना का हिस्सा बने थे।
राजनाथ सिंह ने खुद ट्वीट करके ये जानकारी दी थी और कहा था कि इन हेलिकॉप्टर्स को शामिल करने से वायुसेना की लड़ाकू ताकत में जबर्दस्त इजाफा होगा। जोधपुर एयरबेस पर LCH के स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद बॉर्डर की निगरानी का काम और आसान हो जाएगा।
भारत में ही बना है LCH
इस हेलिकॉप्टर के जरिए पाकिस्तान से सटे सरहदी इलाके में दुश्मन की हरकतों पर नज़र रखी जा सकेगी। साथ ही, आतंकी घुसपैठ जैसी घटनाओं को आसानी से रोका जा सकेगा। जरूरत पड़ने पर दुश्मन की नापाक हरकतों का जवाब देने में भी ये हेलिक़ॉप्टर कारगर साबित होंगे ।
एलसीएच को सार्वजनिक उपक्रम हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने विकसित किया है और इसे ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए प्राथमिक रूप से डिजाइन किया गया है। अधिकारियों ने रविवार को बताया कि इस हेलीकॉप्टर को जोधपुर स्थित वायुसेना स्टेशन पर आयोजित कार्यक्रम में रक्षामंत्री राजनाथ सिंह, वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल वी आर चौधरी की उपस्थिति में शामिल किया जाएगा।
उन्होंने बताया कि 5.8 टन वजन के और दो इंजन वाले इस हेलीकॉप्टर से पहले ही कई हथियारों का परीक्षण किया जा चुका है। गौरतलब है कि इस साल मार्च में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा मामलों की मंत्रिमंडल समिति (सीसीएस) की बैठक में, स्वदेश विकसित 15 एलसीएच को 3,887 करोड़ रुपये में खरीदने की मंजूरी दी गई थी।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि इनमें से 10 हेलीकॉप्टर वायुसेना के लिए और पांच थल सेना के लिए होंगे। अधिकारियों ने बताया कि एलसीएच ‘एडवांस लाइट हेलीकॉप्टर’ ध्रुव से समानता रखता है। उन्होंने बताया कि इसमें कई में ‘स्टील्थ’ (राडार से बचने की) विशेषता, बख्तर सुरक्षा प्रणाली, रात को हमला करने और आपात स्थिति में सुरक्षित उतरने की क्षमता है।