योगी सरकार ने तैयार की जलजनित व संक्रामक बीमारियों के नियंत्रण की नई रणनीति
सभी जिलों में घर-घर जाकर दी जाएगी दस्तक, विभागों ने किया माइक्रो प्लान तैयार रोगियों व लक्षणयुक्त व्यक्तियों की त्वरित जांच और आइसोलेशन की करें व्यवस्था-सीएम सीएम ने स्वच्छता और फॉगिंग अभियान को सुनिश्चित करने के दिए निर्देश सभी जिलों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन कर दें प्रशिक्षण-सीएम प्रदेश में कोविड संक्रमण की तर्ज पर रोका जाएगा डेंगू और मलेरिया प्रदेश में एक जुलाई से शुरू होगा संचारी रोग और 16 जुलाई से शुरू होगा दस्तक अभियान योगी सरकार ने संचारी रोगों पर वार करने के लिए अपनी कमर कस ली है जिसके लिए प्रदेश भर में एक बार फिर से विशेष संचारी रोग अभियान की शुरूआत एक जुलाई से की जाएगी। इस अभियान के लिए विभागों की ओर से माइक्रो प्लान तैयार कर लिया गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को संचारी रोग अभियान से जुड़ी एक उच्चस्तरीय बैठक में इस अभियान के सफल संचालन से जुड़े निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों को डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया और अन्य जैसे वेक्टर जनित बीमारियों की रोकथाम के लिए नियमित स्वच्छता और फॉगिंग अभियान को सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्रों व दस्तक अभियान के दौरान घर-घर टीमों के द्वारा किए गए सर्वेक्षण के आधार पर चिन्हित क्षेत्रों में फॉगिंग की जाए।
प्रदेश की आशा, संगिनी, आंगनबाड़ी के साथ-साथ ग्राम प्रधानों को भी प्रशिक्षण देने के आदेश देते हुए कहा कि आशा कार्यकर्त्रियों को मलेरिया जांच का भी प्रशिक्षण दें। प्रदेश में सघन वेक्टर सर्विलांस के साथ ही रोगियों व लक्षणयुक्त व्यक्तियों की त्वरित जांच और आइसोलेशन की व्यवस्था करें। सभी जिलों में रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन कर उनको प्रशिक्षण दें। कम्युनिटी हेल्थ सर्विसेज को त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए प्रशिक्षण दिया जाए। उन्होंने कहा कि रोगियों के लिए एम्बुलेंस की व्यवस्था करतें हुए त्वरित आउटब्रेक रिस्पॉन्स के लिए डिजीज सर्विलांस डेटा तंत्र का सुदृढ़ीकरण करें। क्षय रोग लक्षण युक्त व्यक्तियों के इलाज की व्यवस्था करें। ग्रामीण क्षेत्रों ने आबादी के बीच वाले तालाबों को अपशिष्ट व प्रदूषण मुक्त रखने के नियोजित प्रयास करने के निर्देश दिए।
स्वच्छता और फॉगिंग पर दें विशेष जोर, अभियान को प्रभावी बनाना सामूहिक जिम्मेदारी- सीएम
सीएम ने कहा कि इस अभियान को प्रभावी बनाना सामूहिक जिम्मेदारी है। सरकारी प्रयास के साथ-साथ जनसहभागिता भी महत्वपूर्ण है। डब्ल्यूएचओ, यूनिसेफ, पाथ जैसी संस्थाओं का सहयोग लिया जाना चाहिए। इंसेफेलाइटिस नियंत्रण और कोविड प्रबंधन के दो सफल मॉडल प्रदेशवासियों के सामने हैं, जो संचारी रोग अभियान में भी हमारे लिए महत्वपूर्ण होंगे। सीएम ने सूकर बाड़ों को आबादी से दूर व्यवस्थापित करने के साथ ही स्वच्छता और फॉगिंग पर विशेश जोर देने की बात कही। उन्होंने स्कूलों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों को स्वच्छता के लिए प्रेरित करने इससे जुड़ी वाद-विवाद, निबंध, पर्यावरणीय स्वच्छता, प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन कराने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बारिश के मौसम को ध्यान में रखते हुए मलिन बस्तियों में साफ-सफाई, नियमित फॉगिंग, सॉलिड वेस्ट प्रबंधन, शुद्ध पेयजल की आपूर्ति सुनिश्चित करने और क्लोरीन की गोलियां वितरित करने के आदेश दिए।
16 जुलाई से शुरू होगा घर-घर दस्तक अभियान
प्रदेश में 16 जुलाई से घर-घर दस्तक अभियान शुरू होगा और इसमें मेडिकल टीमें घर-घर जाकर संक्रामक रोगों से ग्रस्त मरीजों की पहचान करेंगी। इस टीम में आशा वर्कर के साथ-साथ स्वास्थ्यकर्मी शामिल रहेंगे। टीम की मदद से रोगियों को चिन्हित कर उन्हें दवा दी जाएगी और जरूरी होने पर अस्पताल में भर्ती कराया जाएगा। अगर सर्वे के दौरान ऐसे मरीज मिलते हैं तो उनकी जांच कराई जाएगी। इसके अलावा अभियान मे कुपोषित बच्चों की जानकारी जुटाने का निर्देश भी दिया गया है। दस्तक अभियान के तहत टीबी के लक्षण वाले मरीजों को खोजकर उनकी जांच कराई जाएगी।
प्रदेश में मलेरिया और कालाजार जैसे रोग समाप्ति की ओर
यूपी में बीमारियों के उन्मूलन के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियानों की सफलता का परिणाम है कि प्रदेश में प्रति 1,000 की जनसंख्या पर एक से भी कम लोगों में मलेरिया से ग्रसित पाए गए, जबकि कालाजार रोग 22 चिन्हित ब्लॉक में हर 10,000 की आबादी में एक से कम लोगों में ही संक्रमण की पुष्टि हुई। ये प्रदेश सरकार की बड़ी उपलब्धि है। यूपी जल्द ही कालाजार मुक्त हो जाएगा और मलेरिया पर प्रभावी नियंत्रण करने के अपने लक्ष्य के बेहद करीब है। यूपी में शुरू हो रहे संचारी रोग नियंत्रण अभियान में मंत्री नोडल अधिकारी लोगों के साथ विभिन्न कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगे। अभियान के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, मेडिकल एजुकेशन, ग्राम्य विकास, नगर विकास, महिला बाल विकास, कृषि, बेसिक माध्यमिक शिक्षा की ओर से अंतर्विभागीय समन्वय के साथ स्वच्छता और स्वास्थ्य सुरक्षा का ठोस प्रयास किए जाएंगे।