लखनऊ। प्रदेश के सूचना प्रौद्योगिकी राज्यमंत्री अजीत पाल एवं मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने ‘यू0पी0 एडीशन एपीएसी थर्ड इंडिया डिजिटल एम्पावरमेंट मीट एंड अवार्ड्स’ कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
अपने संबोधन में कार्यक्रम के मुख्य अतिथि तथा सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री अजीत पाल ने प्रदेश में तकनीकी को बढ़ावा देने के लिये सरकार द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार लखनऊ में 100 एकड़ में आईटी सिटी एसईजेड बना रही हैं, टियर 2 और टियर 3 शहरों में आईटी हब बना रहे हैं।
इस अवसर पर अपने संबोधन में मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने कहा कि मुख्यमंत्री के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी की ओर तेजी से बढ़ रहा है। विकास इतनी तेजी से होना चाहिए कि पीएम मोदी के विजन के अनुरूप भारत 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बन जाए। सभी को अपने सामर्थ्य के अनुसार पूरी क्षमता से देश व प्रदेश की अर्थव्यवस्था की उन्नति के लिये योगदान करना चाहिये।
आईटी और प्रौद्योगिकी के महत्व पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि आईटी के सहयोग से लगभग हर क्षेत्र में अद्भुत काम किया है। देश का लगभग 45 प्रतिशत मोबाइल उत्तर प्रदेश में बन रहा है। 2047 तक के विकास के लिए टीम इंडिया को मिलकर काम करना होगा। यूपी एक इनोवेटिव इन्वेस्टमेंट फंड बना रहा है, ताकि बच्चे व क्रिएटिव लोग आगे बढ़ें।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री की अपेक्षा है कि उत्तर प्रदेश के लिये जो बेस्ट से बेस्ट हो वह होना चाहिये। उन्होंने बताया कि निवेश को आकर्षित करने के लिये कल ही कैबिनेट द्वारा नवीन इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग पॉलिसी तथा सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) व सूचना प्रौद्योगिकी जनित सेवा (आईटीईएस) पॉलिसी को मंजूरी प्रदान की गई है। प्रदेश नई डाटा सेण्टर पॉलिसी से आने वाले समय में देश की 25 प्रतिशत जरूरत को पूरा करेगी। डाटा सेण्टर बनने से हमारा कम्यूनिकेशन आसान हो जायेगा।
विशेष सचिव आई0टी0 और एमडी यूपीडेस्को कुमार विनीत ने इस बात पर जोर दिया कि कैसे एक राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश राज्य में निर्माताओं को सहज बनाने के लिए सक्षम और सहायक की भूमिका निभा रहा है।
कार्यक्रम का आयोजन एपीएसी न्यूज नेटवर्क द्वारा यूपीडेस्को और यूपी के आईटी विभाग के साथ मेजबान भागीदारों के रूप में किया गया था।
इस कार्यक्रम में राजस्थान, आंध्र प्रदेश, केरल, जम्मू-कश्मीर के नीति निर्माताओं और विशेषज्ञों के साथ-साथ एसीईआर, सेलकॉन, लावा, एनईसी आदि आई0टी0 उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया।