यूपी का आकर्षण बनेगी लघु चित्रों से सजी खूबसूरत चित्रकला विथिका
– योगी सरकार दिलाने जा रही भारतीय शास्त्रीय परम्परा से जुड़ी चित्रकारी शिल्प कला को नई पहचान
– संस्कृति विभाग की अनूठी पहल को राज्य संग्रहालय लखनऊ देगा साकार रूप
– अगले 06 महीनों में लखनऊ के राज्य संग्रहालय में चित्रकला विथिका का होगा नवीनीकरण
– एक लाख से अधिक कलाकृतियों के संग्रह को सेमेट राज्य संग्रहालय नए आयाम करेगा स्थापित, यहां आने वाले पर्यटकों की संख्या भी बढ़ेगी
उत्तर प्रदेश के विशालतम बहुउद्देशीय राज्य संग्रहालय में लघु चित्रों की विभिन्न शैलियों को समेटने वाली चित्रकला विथिका अब नए रूप-रंग में दिखाई देगी। भारतीय शास्त्रीय परंपरा के दर्शन कराती यह विथिका पर्यटकों के आकर्षण का बड़ा केन्द्र भी बनेगी। राज्य सरकार के प्रयासों से संस्कृति विभाग अगले 06 महीनों में इसका नवीनीकरण कराएगा। लखनऊ के राज्य संग्रहालय में होने वाले इस अनूठे प्रयोग की तैयारी की जा रही है।
सीएम योगी आदित्यनाथ हमेशा से भारतीय लोक कलाओं, परंपराओं और संस्कृति के दर्शन कराने वाली कलाकृतियों को संरक्षित किये जाने के लिए प्रयासरत रहे हैं। उनकी पहल पर यूपी में पहली बार धर्म-संस्कृति से जुड़े स्थलों का नवीनीकरण कर उनको नया रूप दिया जा रहा है।
दूसरी बार सत्ता में वापस लौटते ही योगी सरकार ने संस्कृति और कला को नई ऊंचाईयां देने का काम शुरू कर दिया है। संस्कृति विभाग योगी सरकार की मंशा को पूरा करते हुए नए मुकाम हासिल करने जा रहा है। अगले 06 महीनों में राज्य संग्रहालय लखनऊ की चित्रकला विथिका को नया रूप देने की योजना है। राज्य संग्रहालय लखनऊ में नवीनीकृत होने वाली इस चित्रकला विथिका में लघु चित्रों की विभिन्न शैलियों के दर्शन होंगे। यहां लोक चित्र, बौद्ध कला, मध्यकालीन युग में विकसित जीवन को बयां करती कागज और कपड़े के छोटे कैनवस पर बनाई गई लघु चित्रकारी होगी। गौरतलब है कि लघु चित्रकला आश्चर्यजनक हस्तनिर्मित पेंटिंग होती हैं जो आकार में छोटी होती हैं। इन चित्रों का मुख्य आकर्षण जटिल और नाजुक ब्रशवर्क होता है जो उन्हें असाधारण विशेषताएं प्रदान करता है। राज्य संग्रहालय, लखनऊ में लगभग एक लाख से अधिक कलाकृतियां हैं। जो पुरातात्विक सामग्री, सिक्के, लघुचित्र, धातु एंव काष्ठ कलाकृतियां, हाथी दांत आदि की कलाकृतियों का प्रतिनिधित्व करती है।