मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश में पर्यटन उद्योग को बढ़ाने की दिशा में कर रहे बड़ा काम
भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के करीब उंदी में बनेगा गौतम बुद्ध इको पार्क ,मृगवन के तर्ज पर होगा विकसित । अध्यात्म ,धर्म और संस्कृति की नगरी काशी में अब पर्यटकों को जंगल सफारी का भी मिलेगा आनंद। उंदी ताल में 19.66 करोड़ लागत की से 36.225 हेक्टेयर में विकसित हो रहे जंगल से पर्यावरण संरक्षण को भी मिलेगी मदद।
तथागत की प्रथम उपदेश स्थली सारनाथ के करीब गौतम बुद्ध इको पार्क विकसित किया जाएगा। हरहुआ के पास उंदी में 36.225 हेक्टेयर एरिया में करीब 19.66 करोड़ रुपये की लागत से इको टूरिज्म स्पॉट विकसित किये जाने की योजना चल रही है। वारणसी विकास प्राधिकरण इस योजना के लिए संसोधित डीपीआर तैयार कर रहा है। प्रकृति प्रेमियों के लिए मृगवन के तर्ज पर विकसित हो रहे जंगल में प्राकृतिक झील,वेलनेस सेंटर ,नेचुरोपैथी ,विपासना केंद्र ,साइकिलिंग ट्रैक,पैदल पथ, बर्ड डाइवर्सिटी जोन आदि के साथ पर्यटक जंगल सफ़ारी का आनंद ले सकेंगे ।
अध्यात्म ,धर्म और संस्कृति की नगरी काशी में अब आप जंगल सफारी का आनंद भी ले सकेंगे। काशी विश्वनाथ धाम के विस्तारीकरण के बाद वाराणसी में तेजी से बढ़ रही पर्यटकों की संख्या को देखते हुए। योगी सरकार उंदी में इको टूरिज्म के लिए 78 एकड़ (36.225) हेक्टेयर एरिया में गौतम बुद्ध पार्क का निर्माण कराने जा रही है। ऐसा माना जाता है कि भगवान बुद्ध की तपोस्थली सारनाथ के करीब इसी क्षेत्र में मृग वन रहा होगा। इसलिए इस स्थल को मृगवन के तर्ज पर विकसित करने की योजना है। इसी कारण उंदी परियोजना का जुड़ाव तथागत की तपोस्थली से गया किया है। हर साल लाखो की संख्या में आने वाले पर्यटक सारनाथ के साथ मृगवन का भी आनंद ले सके। वाराणसी विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष ईशा दुहन ने बताया कि संशोधित डीपीआर शासन को ज़ल्द भेज दिया जाएगा। ये प्रोजेक्ट करीब 78 एकड़ में प्रस्तावित है। जिसकी लागत 19.66 करोड़ है, जो संसोधित डीपीआर में बढ़ भी सकती है।
वीडीए उपाध्यक्ष ने बताया कि बांस के वृक्षों की नेचुरल फेंसिंग के बीच जंगल का प्राकृतिक रूप ऐसा होगा कि पर्यटक प्रकृति का आनंद उठा पाएंगे। पहले से मौजूद करीब 6 तालाबों को विकसित किया जाएगा। जहाँ पर्यटक प्रवासी पक्षी देख सकेंगे। साईकिलिंग ट्रैक,पैदल पथ, बर्ड डाइवर्सिटी जोन, लकड़ी के पुल , प्राकृतिक झीलों के साथ लोटस पॉण्ड होगा। जंगल में हर्बल गार्डन के साथ ही एक बड़ा भाग होगा जहां विभिन्न फूलों की प्रजातियां खुश्बू फैलाएंगी साथ ही योगा के लिए ख़ास जगह होंगी ,वेलनेस सेण्टर ,नैचरोपैथी ,विपासना केंद्र ,इसके अलावा गज़िबो, वाच टावर ,बर्ड वाचिंग पाइंट होगा। नेचर फोटोग्राफी करने वालों के लिए ये जगह काफी मुफ़ीद होगी। यहाँ सोलर एनर्जी का प्रयोग किया जायेगा,फ़ूड कोर्ट में काशी के ख़ास व्यंजन होंगे योगी सरकार काशी में पर्यटन स्थलों को इस तरह से विकसित करने में जुटी है जिससे दुनिया भर से आने वाले पर्यटकों को काशी में अधिक दिनों तक रोका जा सके ।