मध्यप्रदेश में महिलाएं चलाएंगी गांव की सरकार

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा समरस पंचायत चुनने की लोगों से की अपील का असर प्रदेश के पंचायत चुनाव में दिखाई देने लगा है। करीब दर्जन भर स्थानों पर समरस पंचायतें निर्वाचित कर लोगों ने संदेश दिया है कि वे समरसता बनाएंगे। मुख्यमंत्री इस तरह की निर्वाचित पंचायतों पर खुशी जाहिर की और कहा कि  मुझे खुशी है हमारी ’समरस पंचायतें’ और हम सभी इस दिशा में तेजी से बढ़ रहे हैं। हमारी बहनें बढ़ें, पंचायतें बढ़ें और मध्यप्रदेश विकास के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दे, मेरी यही कामना है।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि यह मेरे लिए अत्यंत आनंद और हर्ष का क्षण है कि पंचायत निर्वाचन-2022 में मध्यप्रदेश समरस पंचायतों’ की दिशा में अग्रसर हो रहा है। प्रदेश में अनेक ग्राम पंचायतें ऐसी है, जहां नाम निर्देशन पत्रों की संवीक्षा के बाद हमारी बहनें और भाई निर्विरोध सरपंच और उपसरपंच चुने जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह समाज में आ रहे सकारात्मक परिवर्तन का द्योतक होने के साथ ही महिला सशक्तिकरण का भी जीवंत उदाहरण है। मुख्यमंत्री  ने प्रदेश में त्रि-स्तरीय पंचायत निर्वाचन के प्रथम चरण में नामांकन-पत्रों की जांच के बाद सामने आई स्थिति पर ट्वीट कर भावना व्यक्त की। उन्होंने कहा कि हम सबका ध्येय केवल विकास और जन-कल्याण है।

अपील का दिखा असर

ग्रामीण विकास का ध्येय लेकर और जन-भागीदारी को बढ़ाते हुए विकास की ओर अग्रसर होते मुख्यमंत्री पिछले माहों में लगातार ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करते रहे। उन्होंने ग्रामीणों को इस बात के लिये प्रोत्साहित किया कि सभी एक जुट होकर गाँव में विकास की भावना के साथ काम करें और निर्वाचन में अपनी पंचायत को समरस बनाकर उदाहरण प्रस्तुत करें। मुख्यमंत्री के आह्वान का असर आज अनेक ग्राम पंचायतों में देखने को मिला है। जहाँ ग्रामीणों ने बिना किसी भेदभाव के आपसी सद्भाव के साथ अपनी ग्राम पंचायत को न केवल निर्विरोध की स्थिति में ला दिया है, वरन महिलाओं ने भी अपनी सूझबूझ का परिचय दिया है।

इन जिलों में निर्वाचित हुई समरस पंचायत

मुख्यमंत्री की अपील का असर उनके गृह जिले सीहोर से कई जिलों में देखने को मिला। जहां पर इस तरह की पंचायतें निर्वाचित की गई। सीहोर जिले के विकासखंड नसरूल्लागंज की ग्राम पंचायत ससली, बड़नगर, अम्बाजदीद, मोगराखेड़ा, कोसमी और लावापानी में सरपंच पद के लिए निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बन गई है। इन ग्राम पंचायतों में सरपंच पद के लिए सिर्फ एक-एक उम्मीदवार ही मैदान में हैं, जिसमें 3 पंचायतें महिला वर्ग की हैं। इसी प्रकार सीहोर जिले के बुधनी विकासखण्ड में भी 3 ग्राम पंचायतें मढ़ावन, चीकली और जैत में भी निर्विरोध निर्वाचन की स्थिति बनी है। उल्लेखनीय है कि ग्राम पंचायत जैत मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का पैतृक गाँव भी है। जैत सहित सीहोर जिले की अन्य ग्राम पंचायतों में निर्विरोध निर्वाचन ग्रामीणों की एकता और विकास की सोच को दर्शाता है। वहीं धार जिले की कुक्षी तहसील के नर्मदा किनारे बसे ग्राम नवादपुरा ने पंचायत चुनाव में महिला सशक्तिकरण का नायाब उदाहरण प्रस्तुत किया है। यहाँ सरपंच और सभी दस पंच पद के लिए एक-एक महिला ने ही नाम निर्देशन-पत्र जमा किया हे। इससे सभी का निर्विरोध चुना जाना तय हो गया है।

पुरस्कार देने की घोषणा की थी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समरस पंचायत को लेकर बड़ा ऐलान करते हुए कई घोषणाएं की थीं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि जिन ग्राम पंचायतों में सरपंच निर्विरोध निर्वाचित होंगे, उन्हें 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। इसके अलावा सरपंच पद के लिए वर्तमान निर्वाचन व पिछला निर्वाचन लगातार निर्विरोध होने पर 7 लाख और सरपंच-पंच के सभी पदों पर महिलाओं का निर्वाचन निर्विरोध रूप से होने पर 15 लाख रूपए का पुरस्कार देने की घोषणा की गई थी।

 

द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल