पांच वर्षों में प्रदेश में 3.28 करोड़ को मिला एमएसएमई से रोजगार
एमएसएमई क्षेत्र में हुआ 4 लाख करोड़ का निवेश ओडीओपी से मिला बड़ी संख्या में लोगों को रोजगार
प्रदेश में पिछले पांच सालों में एमएसएमई द्वारा राज्य के 75 जिलों में 3.28 करोड़ का रोजगार सृजित हुआ है। यह बात ऋण आधारित रोजगार सर्वेक्षण में सामने आई है।
एमएसएमई और निर्यात प्रोत्साहन विभाग ने यह जानने के लिए एक सर्वे कराया कि एमएसएमई और छोटे बिजनेस, जिसने बैंकों से ऋण लिया है, उन्होंने कितने लोगों को रोजगार दिया। अध्ययन के लिए 95 लाख बैंक ऋण खातों में से 11 लाख बैंक खातों को रैंडम चुना गया, साथ ही लाभार्थी का विवरण लेकर भौतिक सत्यापन किया गया। सर्वे के अनुसार इन बैंक खातों के माध्यम से लगभग 56 लाख रोजगार उत्पन्न किए हैं।
राज्य को लगभग 4 लाख करोड़ रुपये का भारी निवेश प्राप्त हुआ है जो एमएसएमई क्षेत्र के विकास को गति देने में सक्षम है। यदि सर्वेक्षण के परिणाम को बैंक खातों की संख्या के हिसाब से बढ़ाया जाय तो यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि पिछले 5 वर्षों में सरकार ने केवल एमएसएमई क्षेत्र के माध्यम से 3.28 करोड़ रोजगार पैदा किया है।
सरकार की प्राथमिकता रोजगार सृजन के साथ रोजगार क्षमता में सुधार की रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने मिशन रोजगार शुरू किया, जिसका उद्देश्य लोगों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए प्रशिक्षण और कौशल प्रदान करना है। इस संबंध में एमएसएमई क्षेत्र महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इसके माध्यम से बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं।
इसके अलावा सरकार ने वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट योजना शुरू की है, जो छोटे जिलों और ग्रामीण क्षेत्रों के औद्योगीकरण करने में महत्वपूर्ण साबित हुआ है। इसके माध्यम से कम पूंजी में बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर पैदा हुए हैं । इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश से न केवल 47 लाख प्रवासी कामगारों की मदद हुई है, बल्कि महिलाओं को भी रोजगार मिला है।