गांवों के उत्पाद की ब्रांडिंग करेगी शिवराज सरकार
मुख्यमंत्री ने कहा ग्रामीण उत्पाद संगठन बनाएं, सरकार करेगी मदद
मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार गांवों में उत्पादित किए जाने वाले खाद्य पदार्थों और वस्तुओं की ब्रांडिंग में सहयोग करेगी। इसके लिए सरकार ने जनभागीदारी के जरिए गांवों के लोगों को आगे आने के लिए प्रोत्साहित करने का काम शुरू किया है। सरकार ने फैसला लिया है कि गांवों के लोग अपने यहां उत्पादित होने वाली वस्तुओं की बिक्री के लिए ग्राम उत्पादक संगठन बनाकर यह काम कर सकेंगे, सरकार इसमें सहयोग करेगी।
प्रदेश का पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग गांवों को समृद्ध बनाने के लिए लगातार नवाचार कर रहा है। विभाग की टीम ने गांवों के उत्थान के लिए नवाचार को बढ़ावा देने की प्लानिंग की हैं, जिसे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सहमति देते हुए ग्रामीणों से आह्वान किया है कि वे गांवों में उत्पादक संगठन बनाकर अपने गांव की सर्वाधिक उत्पादित वस्तु की ब्रांडिंग करें और उसकी प्रोसेसिंग कराकर उसे बेचें तो गांव समृद्ध और विकसित होगा।
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ग्रामीणों को संबोधित करते हुए इस थीम को लेकर चर्चा की। उन्होंने कहा कि गांव में रोजगार के लिए स्व सहायता समूह को मजबूत करने की कोशिश सबको करनी है ताकि नौजवानों को सरकार की योजनाओं का लाभ दिलाया जा सके। गांव में उत्पादन संगठन बना सकते हैं। गांवों में अलग-अलग चीजें बनती हैं। उसकी प्रोसेसिंग ग्रामीण जन मिलकर करें और बेचें तो गांव की आमदनी भी बढ़ेगी और व्यक्तिगत समृद्धि भी होगी। इससे रोजगार भी मिलेगा और गांव की तस्वीर बदलने का मौका मिलेगा। सीएम चौहान का कहना है कि ग्राम गौरव दिवस और उसमें सभी गांव वालों की भागीदारी इसमें मदद करेगी। जनभागीदारी के इस काम में सरकार भी सहयोग करने को तैयार है।
गांव ठान लें तो नवाचार के कार्य किए जा सकेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का मानना है कि गांव अगर ठान लें तो सरकार के साथ मिलकर विकास के कार्य और कई नवाचार किए जा सकते हैं। सब मिलकर गांवों में रोजगार बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। गांव की आमदनी बढ़ाना, समृद्धि लाने और रोजगार के लिए राज्य सरकार का भरपूर सहयोग मिलेगा। ग्रामवासी ग्रामों के विकास के लिए खुद सोच- समझकर योजनाएं बना सकते हैं। अपने गांव को कैसे आगे बढ़ाएं। गांव आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। हमारी परंपराएं, जीवन मूल्य, कारीगरी, कला आगे बढ़ेगी और गांव में समृद्धि भी आएगी। इससे गांव देश में अलग पहचान बनाएगा।
53 हजार गांव हैं शरीर की धड़कन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि हमारे देश की आत्मा गांवों में बसती है। मध्यप्रदेश शरीर है तो 53 हजार गांव इस शरीर की धड़कन हैं। इन गांवों को विकसित करना है और आगे ले जाना है। विकास के लिए सरकार के साथ जनता की भागीदारी आवश्यक है। हम जिस गांव में पैदा हुए उसके प्रति भी हमारे कुछ कर्तव्य हैं। जिस माटी में जन्म लिया उसका हमारे ऊपर कर्ज है। उस कर्ज को हमें उतारना है। अपने लिए तो सभी जीते हैं। वास्तव में तो वही जीता है जो अपने गांव के लिए जीता है। इसलिए मैं अपने गांव के लिए क्या कर सकता हूँ, क्या करुंगा इस सोच और विचार के साथ हमने निश्चय किया गौरव दिवस मनाने का। मेरे मन में मेरे गांव जैत का गौरव दिवस मनाने का विचार आया। मैंने अपने गांव का गौरव दिवस मनाया।
हमारी जिम्मेदारी, हमारे गांव
मुख्यमंत्री ने कहा कि अपने लिए जिए तो क्या जिए, हमारी जिम्मेदारी हमारे गांव के लिए भी है। हम गांव के विकास में सहभागी बनें। गाँव वाले ठान लें तो विकास की गति तेज कर सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्राम सभा में बैठकर सर्वसम्मति से गाँव के लिए विशेष महत्व रखने वाले दिन, ग्राम गौरव दिवस का निर्धारण कर लें।
ग्रामीण बनाएं गांव के विकास की योजना
मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सब मिलकर गांवों में रोजगार बढ़ाने की कोशिश कर सकते हैं। गांव की आमदनी बढ़ाना, समृद्धि लाने और रोजगार के लिए राज्य सरकार का भरपूर सहयोग मिलेगा। ग्रामवासी ग्रामों के विकास के लिए खुद सोच- समझकर योजनाएं बना सकते हैं। गांवों की अपनी विशेष पहचान बने, इसके लिए सोचें। अपने गांव को गौरव से भर देंगे, तो मध्यप्रदेश आगे बढ़ेगा।
द्वारा राजेंद्र पाराशर पत्रकार भोपाल