उत्तर प्रदेश में नवीन बालगृहों का तेजी से हो रहा निर्माण
20.21 करोड़ की लागत से गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद में बनेंगे महिला शरणालय दो सालों में योगी सरकार तीन महिला शरणालयों का लोकार्पण कर आश्रयहीन महिलाओं को देगी आश्रय नवीन बालगृहों, महिला शरणालयों और राजकीय संप्रेक्षण गृह के निर्माण से क्षमता से जुड़ी समस्या का होगा निवारण निराश्रित किशोर किशोरियों, महिलाओं और शिशुओं को सुविधाओं में इजाफा करते हुए जहां प्रदेश में बालगृहों, संप्रेक्षणगृहों और महिला शरणालयों शिक्षा और प्रशिक्षण देने का काम किया जा रहा है वहीं प्रदेश में नए महिला शरणालय और बालगृहों की स्थापना का काम भी तेजी से किया जा रहा है। महिलाओं और बच्चों के प्रति संवेदनशील योगी सरकार योजनाओं के जरिए निराश्रित किशोर किशोरियों के जीवन को संवार रही है। योगी सरकार दो सालों के भीतर प्रदेश के तीन जिलों में नए महिला शरणालयों की स्थापना करने जा रही है। प्रदेश में आश्रयहीन महिलाओं और किशोर किशोरियों को आश्रय देने के लिए योगी सरकार तेजी से काम कर रही है।
योगी सरकार की दो सालों में एक विशेष कार्ययोजना के तहत कार्य करेगी। प्रदेश सरकार एक ओर गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद में महिला शरणालयों की स्थापना करेगी तो वहीं कानपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट, रायबरेली और आगरा में राजकीय बालगृह शिशु और राजकीय संप्रेक्षण गृह का निर्माण किया जाएगा। महज दो सालों में योगी सरकार इन तीन महिला शरणालयों का लोकार्पण कर आश्रयहीन महिलाओं को आश्रय देने का एक बड़ा काम करने जा रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से नए बालगृहों और शरणालयों को बनाने के लिए उत्तर प्रदेश शासन को प्रस्ताव बनाकर भेजा गया था जिसपर शासन ने मुहर लगाकर कार्य को हरी झंडी दिखा दी है।
20.21 करोड़ की लागत से गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद में बनेंगे महिला शरणालय
यूपी में आने वाले दो सालों में सुविधाओं को बढ़ाते हुए विभिन्न जिलों में भवनों के निर्माण व लोकार्पण का काम किया जाएगा। जिसके तहत गाजीपुर, मुरादाबाद और गाजियाबाद में 20.21 करोड़ की लागत से 100-100 की क्षमता वाले महिला शरणालय स्थापित किए जाएंगे। इसके साथ ही आगरा में 50 की क्षमता वाले राजकीय बालगृह शिशु, रायबरेली में 100 की क्षमता वाले राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर,कानपुर, मिर्जापुर, चित्रकूट में 100 की क्षमता वाले एक एक राजकीय संप्रेक्षण गृह किशोर बनाए जाएंगे।
महिला एवं बाल विभाग के डिप्टी डायरेक्टर बृजेन्द्र सिंह निरंजन ने कहा कि प्रदेश में नवीन बालगृहों, महिला शरणालयों और राजकीय संप्रेक्षण गृह के निर्माण से क्षमता से जुड़ी समस्या का निवारण हो जाएगा। उन्होंने कहा कि निराश्रित, तिरस्कृत बच्चों को बेहतर सुविधाओं के साथ आश्रय दिलाने संग उनको सक्षम बनाने की भी जिम्मेदारी हम लोगों की हैं।