लखनऊ: कृषि विभाग में नवनियुक्त अधिकारियों को अपनी नवीन ऊर्जा से उत्तर प्रदेश की कृषि और किसानों के भविष्य को उन्नति के नए शिखर पर ले जाने का संकल्प लेना होगा। यह वक्तव्य आज प्रदेश के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने 120 नवनियुक्त वरिष्ठ प्राविधिक सहायक, वर्ग-1 के प्रशिक्षण-सत्र के उद्घाटन के अवसर पर राज्य कृषि प्रबन्ध संस्थान, रहमानखेड़ा में कही।
कृषि मंत्री ने नवनियुक्त अधिकारियों से कहा कि मेड़बन्दी से खेत का पानी खेत में किसान रहे खेत पर खेती बाड़ी पशुपालन के साथ-साथ चलने का संदेश देते हुए उन्होंने कुपोषण से मुक्त करने हेतु प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने पर विशेष जोर दिया। इस अवसर पर उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजनान्तर्गत अधिकारी छात्रावास, कृषक छात्रावास एवं माड्यूलर किचन का लोकार्पण भी किया। अब इस छात्रावास की क्षमता 230 से बढ़कर 330 हो गई है।
कृषि मंत्री द्वारा धान, गेहूं के फसल को परिवर्तित करते हुए मिलेट (मोटा अनाज) एवं तिलहनी फसलों के महत्व को विस्तृत रूप से बताते हुए आश्वस्त किया कि अब कृषकों को मोटे अनाजों के साथ छोटे मोटे अनाज सावा, कोदो आदि की खेती की ओर प्रेरित किये जाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर उन्होंने लाइन सोईंग के महत्व को उजागर करते हुए गेहूँ में स्प्रिंकलर एवं ड्रिप सिंचाई पद्धति को बढ़ावा देने पर बल दिया।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायिका जय देवी, डा० संजय सिंह, महानिदेशक, उपकार, विवेक सिंह, कृषि निदेशक, उ०प्र०, संस्थान के निदेशक, डा० पंकज त्रिपाठी, प्रबन्ध निदेशक, बीज विकास निगम एस०बी० सिंह, सचिव उपकार, पी0के0 शर्मा, के अतिरिक्त उ०प्र० राज्य निर्माण निगम के अधिकारियों के साथ-साथ केन्द्रीय उपोष्ण बागवानी संस्थान के निदेशक की उपस्थिति के साथ-साथ पूर्व निदेशक, डा० मुकेश गौतम एवं डा० वी०पी० सिंह की भी उपस्थिति रहे।