उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वाराणसी में कंप्रेस्ड बायो गैस का शुरू किया उत्पादन।

वाराणसी के शाहंशापुर में 23 करोड़ की लागत से करीब सात  एकड़ में बनाया गया है  बायोगैस प्लांट। प्लांट से 3150 किलो प्रतिदिन सीबीजी  का होगा उत्पादन। प्रदूषण से मिलेगी राहत।   उद्यमी सीबीजी  के इस्तेमाल से करीब 5 प्रतिशत की बचत कर सकते है।  गैस के साथ तरल और ठोस फ़र्टिलाइज़र का भी होगा उत्पदान। जैविक खेती को मिलेगा बढ़ावा,किसानो की आय में होगी वृद्धि

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने वाराणसी में  कंप्रेस्ड बायो  गैस का उत्पादन शुरू कर दिया है। इसका सफलतापूर्वक परीक्षण भी कर लिया गया है। वाराणसी के शाहंशापुर में करीब सात एकड़ में बायोगैस प्लांट बनाया गया है। इसकी क्षमता 3150 किलो प्रतिदिन सीबीजी का उत्पादन करने की है। ये प्लांट गैस के साथ तरल और ठोस फ़र्टिलाइज़र का भी उत्पदान करेगा। इस योजना में गोपालकों से गोबर खरीदने से उनकी आमदनी बढ़ेगी ,लोगो को रोज़गार मिलेगा। कंप्रेस्ड बायो गैस के उत्पादन से पर्यावरण को  लाभ मिलेगा। साथ ही कच्चे तेल व गैस आयात पर निर्भरता कम होगी। फॉरेन एक्सचेंज की भी बचत होगी ।

योगी आदित्यनाथ की सरकार वाराणसी में सीएनजी से वाहन व गंगा में मोटर बोट चलाने के साथ ही अब कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन भी शुरू कर दी है । काशी में  गोबर गैस प्लांट काम करना शुरू कर दिया है। इसका पहला फेज़ सीबीजी का उत्पादन सफ़लतापूर्वक काम करने लगा है। गोबर, प्रेस मड ( चीनी फैक्ट्रियों से निकलने वाला वेस्ट पदार्थ) व नेपियर घास से कंप्रेस्ड बायो गैस का उत्पादन हो रहा है । शहंशाहपुर स्थित कान्हा उपवन परिसर में ये प्लांट सात एकड़ में लगा है। इस प्रोजेक्ट की लागत करीब 23 करोड़ है। सीबीजी  के स्थानीय उत्पादन से लोगों की जेब भी बचेगी और शहर भी प्रदूषण से बचेगा। प्रोजेक्ट के दूसरे चरण में इसके वेस्ट से जैविक खाद बनाया जाएगा। जिसमे ठोस और लिक्विड जैविक खाद बनेगा। जो ऑर्गेनिक खेती के काम आएगा। इस योजना से किसानों की आया बढ़ने के साथ ही लोगो का स्वास्थ भी ठीक रहेगा।  इस प्लांट के मुख्यतः लिक्विड और ठोस खाद से कई प्रकार के और खाद बनाए जाएंगे। जो अलग अलग फ़सल के उत्पादन में सहायक होंगे। लम्बे समय तक भूमि की उर्वरता के साथ किसानों की आय भी बढ़ेगी। प्लांट में ही किसानों के लिए ट्रेनिंग सेण्टर भी है। यहाँ किसानों को ऑर्गेनिक खेती का प्रशिक्षण दिया जाएगा। जिससे वे अपनी आय बढ़ाने के साथ ही लोगों का स्वास्थ भी ठीक रख सकेंगे।   प्लांट को संचालित करने वाली अडानी टोटल गैस लिमिटेड के डिप्टी मैनेजर विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि कंप्रेस्ड बायोगैस ,एलपीजी से काफी सस्ती है। रोजाना 500 से 600 किलो एलपीजी का इस्तेमाल करने वाली औद्योगिक इकाई सीबीजी से चलाना बेहद सस्ता होगा  है। और उद्यमी इसके इस्तेमाल से करीब 5 प्रतिशत की बचत कर सकते है। सीबीजी  से गाड़ी चलाना भी सस्ता है।  सीबीजी सीएनजी की ही तरह ही  प्रदूषण रहित और सस्ता ईंधन है।

विक्रमादित्य शिंदे ने बताया कि 23 करोड़ रुपये की लागत से करीब सात एकड़ बने 3150 किलो गैस उत्पादन क्षमता वाले प्लांट से प्रतिदिन जैविक खाद का भी उत्पादन होगा। इसमें 55 हजार लीटर तरल खाद और 18 हजार ठोस जैविक खाद का उत्पादन होगा। प्रतिदिन 900 क्विंटल गोबर के साथ कंप्रेस्ड की जरूरत होगी।