संजुक्ता पराशर ने 15 महीने में 15 उग्रवादियों का एनकाउंटर तो किया ही साथ ही 64 से अधिक को गिरफ्तार भी किया। इसके अलावा उन्होंने कई टन गोला-बारूद व हथियार भी जब्त किया।

सीनियर IPS अधिकारी संजुक्ता पराशर को केन्द्रीय गृहमंत्री पदक से सम्मानित किया गया है। उन्हें यह सम्मान पुलिस पुलिस जांचकर्ताओं ट्रेनिंग में उत्कृष्टता के लिए दिया गया है। केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उन्हें इस पदक से सम्मानित किया।  संजुक्ता पराशर 2006 बैच की अधिकारी हैं। उन्होंने उल्फा तथा एनडीएफबी उग्रवादियों के खिलाफ अभियान का नेतृत्व करने के लिए 2011 और 2016 के बीच असम के जोरहाट और सोनितपुर जिलों में बतैर एसपी काम किया है।

कौन हैं संजुक्ता पराशर
संजुक्ता पराशर का जन्म असम में 3 अक्टूबर, 1979 में हुआ था। उन्होंने दिल्ली के इंद्रप्रस्थ कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस से ग्रेजुएट किया है। उन्होंने जेएनयू से इंटरनेशनल रिलेशन में  मास्टर्स की डिग्री हासिल की है। उन्होंने  यूएस फॉरेन पॉलिसी में एमफिल और पीएचडी की भी डिग्री ली है।

कई पुरस्कारों से मिला सम्मान
पराशर इस समय दिल्ली में नेशनल इन्वेस्टिंग एजेंसी में बतौर उप महानिरीक्षक (डीआईजी) की पोस्ट पर तैनात हैं। इससे पहले उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। उन्होंने एनआईए में आतंकवाद समेत कई संवेदनशील मामलों को देखती हैं। एनआईए में उनके काम की तारीफ की जाती है।

हासिल की थी 85वीं रैंक
संजुक्ता ने 2006 में सिविल सर्विसेज में 85वीं रैंक आई थी। उसके बाद उन्होंने मेघालय-असम कैडर का सिलेक्शन किया था। 2008 में उनकी पहली पोस्टिंग माकुम में असिस्टेंट कमांडेंट के रूप में हुई थी। उदालगुरी में बोडो और बांग्लादेशियों की हिंसा को उन्होंने कंट्रोल किया था जिसके बाद तारीफ हुई।

आयरन लेडी ऑफ असम के नाम से फेमस हैं
संजुक्ता पराशर को डिपार्टमेंट में लेडी सिंघम के नाम से भी जाना जाता है। संजुक्ता ने बोडो उग्रवादियों के खिलाफ ऑपरेशन में प्रमुख भूमिका निभाई थी। असम के जंगलों में उन्होंने एके-47 लिए सीआरपीएफ के जवानों और कमांडो को लीड किया था। उन्होंने वहां 15 महीनों में करीब 16 एनकाउंटर किए थे।