अब खुद की आटा-मसाला चक्की इकाई स्थापित कर सकेंगी गरीब महिलाएं

राज्य सरकार देगी सूबे की गरीब महिलाओं को स्वरोजगार के बड़े अवसर*

– आटा-मसाला चक्की योजना प्रदेश में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं को बनाएगी स्वाबलंबी*

– अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम की योजना से गरीब महिलाओं को मिलेगा बड़ा सहारा*

– 18 जनपद मुख्यालयों में कुल 2250 महिलाओं को योजना से मिलेगा सीधा लाभ*

– 10 हजार रुपये अनुदान और शेष धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में दी जाएगी*

प्रदेश में दूसरी बार सरकार बनाने वाली बीजेपी सरकार अगले 05 वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे जीवनयापन करने वाली महिलाओं पर विशेष फोकस रखेगी। उनको रोजगार देने और स्वरोजगार के अवसर से जोड़ने के प्रयास तेजी से शुरू करेगी। इसके लिए उसने आटा-मसाला चक्की योजना के प्रारूप को अंतिम रूप दे दिया है। सरकार बनने के तत्काल बाद अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम अपनी इस योजना का लाभ युद्ध स्तर पर महिलाओं को देने का शुभारंभ करेगा।

प्रदेश सरकार ने बीते 05 वर्षों में गरीबी रेखा से नीचे निवास करने वाली महिलाओं को स्वावलंबी बनाने और रोजगार से जोड़ने, उनके ग्रह उद्योग स्थापित करने के लिए बड़े कार्य किये हैं। अब नई सरकार बनने पर इस प्रयासों को और तेजी से जिलों में गांव-गांव तक लागू किया जाएगा। योजना के तहत महिलाओं को आटा और मसाला चक्की की इकाई स्थापित करने के लिए अनुदान दिया जाएगा। बता दें कि सरकार का प्रयास महिलाओं को सशक्त बनाने का है। इस कड़ी में आटा-मासाला चक्की स्थापित करने की योजना भी महिलाओं को संबल प्रदान करेगी। उनको रोजगार का अवसर देने के साथ ही परिवार का पालन-पोषण करने के लिए मजबूत बनाएगी।

सरकार की योजना के तहत सबसे पहले प्रदेश के 18 मण्डलीय मुख्यालयों के जनपदों में प्रति जनपद 125 महिलाओं को लाभान्वित किया जाएगा। कुल 2250 महिलाए योजना से जुड़कर अपने आटा-मसाला चक्की की इकाई स्थापित कर सकेंगी। इकाई की स्थापना के लिए प्रति महिला को 20 हजार रुपये दिया जाएगा। इसमें 10 हजार रुपये अनुदान के रूप में और बाकी राशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में विशेष केन्द्रीय सहायता से दी जाएगी। सरकार ने इस योजना को पाइलेट प्रोजेक्ट के रूप में 02 जनपदों से शुरू करते हुए 17 महिला लाभार्थियों को चयनित भी किया है। बाकी जनपदों में महिलाओं को योजना से जोड़ने की तैयारी अब और तेजी से शुरू की जाएगी।