लखनऊ: राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अन्तर्गत मुख्य सचिव श्री दुर्गा शंकर मिश्र की अध्यक्षता में गठित राज्य स्तरीय स्वीकृति समिति की 33वीं बैठक आयोजित की गई। बैठक में गत वर्ष 2022-23 की विभागवार प्रगति की समीक्षा की गयी। योजना की गत वर्ष की समग्र प्रगति 89 प्रतिशत व्यय पर सन्तोष व्यक्त किया गया, साथ ही औसत प्रगति से कम व्यय करने वाले विभागों को वर्ष 2023-24 में प्रगति लाने के निर्देश दिये गये।
बैठक में प्रदेश के 17 हजार ग्राम पंचायतों में खरीफ, 2023 एवं रबी, 2023 में धान तथा गेहूँ के सीजन में किसान पाठशालाओं का आयोजन कराने हेतु 20.65 करोड़ रु0 की कार्ययोजना को अनुमोदन प्रदान किया गया। वर्ष 2023-24 के लिए आर0के0वी0वाई0 के अन्तर्गत प्रदेश के 54 जनपदों में धान की उन्नतिशील प्रजातियों के बीजों के वितरण तथा रबी में गेहूॅ की उन्नतिशील प्रजातियों के बीजों के वितरण पर अनुदान हेतु लगभग 25.00 करोड़ रू0 की धनराशि अनुमोदित की गई।
इसी क्रम में सहकारिता विभाग की 127 पैक्स पर 250 मीट्रिक टन के 24 गोदाम एवं 100 मीट्रिक टन के 103 गोदाम, 266 पैक्स पर माइक्रो ए0टी0एम0 मशीनों की स्थापना तथा पी0सी0एफ0 के 24 गोदामों के निर्माण व 2400 पावर डस्टर क्रय हेतु 110.00 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को अनुमोदन प्रदान किया गया। प्रदेश के 30 नॉन एन0एच0एम0 जनपदों में औद्यानिक कार्यक्रमों के क्रियान्वयन हेतु 35.00 करोड़ रू0 की कार्ययोजना अनुमोदित की गयी। इसके अतिरिक्त उद्यान विभाग द्वारा संचालित प्रदेश के 21 जनपदों में पान की खेती के प्रोत्साहन हेतु 2.00 करोड़ रुपये की धनराशि अनुमोदित की गई।
प्रदेश के 44 गन्ना उत्पादक जनपदों में किसानों को उन्नत प्रजातियों के बीज एवं तकनीकी प्रदर्शन आदि पर अनुदान के लिए 25.00 करोड़ रुपये की परियोजनाएं अनुमोदित की गई। चन्द्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कानपुर के अधिकार क्षेत्र में जनपद औरेया के कृषि विज्ञान केन्द्र के प्रशासनिक भवन निर्माण सहित अन्य कार्यक्रमों के लिए 3.00 करोड़ रू0 की धनराशि अनुमोदित की गई।
प्रदेश के विन्ध्य एवं बुन्देलखण्ड क्षेत्र के 13 दलहन उत्पादक जनपदों में जंगली एवं घुमन्तू पशुओं से फसलों को होने वाले नुकसान से बचाने के लिए 03 वर्षों हेतु 39.47 करोड़ रु0 एवं वर्ष 2023-24 के लिए 7.89 करोड़ रु0 की धनराशि अनुमोदित की गई। लखनऊ विश्वविद्यालय, लखनऊ में औषधीय मशरूम उत्पादन इकाई की स्थापना एवं कार्यक्रम के प्रचार-प्रसार हेतु 1.87 करोड़ रु0 की परियोजना अनुमोदित की गयी।
इसके अतिरिक्त आर0के0वी0वाई0 की एस0एल0एस0सी0 द्वारा योजना के वार्षिक कार्ययोजना (AAP) आधारित 08 कार्यक्रमों यथा मृदा स्वास्थ्य एवं उर्वरता कार्यक्रमों के लिए 36.47 करोड़ रु0, रेनफेड एरिया डेवेलपमेन्ट के अन्तर्गत समेकित कृषि आधारित कार्यक्रमों के लिए 63.54 करोड़ रु0, प्रदेश में जैविक खेती के परम्परागत कृषि विकास योजना एवं नमामि गंगे योजना के अन्तर्गत कृषि विभाग एवं यू0पी0डास्प द्वारा कार्यक्रमों के लिए 300.55 करोड़ रु0, सब मिशन ऑन एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन के अन्तर्गत कृषि यन्त्रों पर अनुदान हेतु 250.00 करोड़ रु0 एवं फसल अवशेष प्रबन्धन हेतु कृषि यन्त्रों पर अनुदान हेतु 150.00 करोड़ रु0, पर ड्राप मोर क्राप कार्यक्रम के अन्तर्गत मोइक्रो इरीगेशन एवं खेत तालाब निर्माण हेतु 694.19 करोड़ रु0, एग्रो फारेस्ट्री कार्यक्रम के अन्तर्गत किसानों के खेतों पर पौध रोपड़ को बढ़ावा देने हेतु 15.00 करोड़ रु0 तथा फसल विविधीकरण कार्यक्रम के अन्तर्गत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 11 जनपदों में धान की खेती के प्रतिस्थापन एवं प्रदेश के 03 जनपद यथा एटा, कासगंज एवं फर्रुखाबाद में तम्बाकू की खेती के प्रतिस्थापन हेतु 33.55 करोड़ रु0 इस प्रकार कुल 1543.31 करोड़ रुपये के कृषक हितैषी कार्यक्रम अनुमोदित किये गये।
बैठक में अपर मुख्य सचिव कृषि श्री देवेश चतुर्वेदी सहित सम्बन्धित विभागों के वरिष्ठ अधिकारीगण आदि उपस्थित थे।