लखनऊ के राजभवन में पिछले साल की तरह इस साल भी राजभवन में कालानमक धान (Kalanamak dhan) लहलहाएगा। मंगलवार को करीब आधा एकड़ रकबे में इसकी रोपाई हुई। रोपे गए धान की प्रजाति है कालानमक किरन। इसकी नर्सरी गोरखपुर की संस्था पीआरडीएफ ने गोरखपुर में तैयार करवाई थी।
मुख्यमंत्री योगी की पसंदीदा योजना ओडीओपी में भी शामिल है कालानमक
उल्लेखनीय है कि कालानमक धान को भगवान गौतम बुद्ध का प्रसाद माना जाता है। स्वाद, सुगंध एक पोषक तत्त्वों के लिहाज से बेमिसाल यह धान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पसंदीदा योजना ओडीओपी (एक जिला एक उत्पाद) के तहत बुद्ध से जुड़े सिद्धार्थनगर जिले का ओडीओपी भी है।
पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिलों के लिए जीआई टैग भी मिला है कालानमक को
यही नहीं इसे समान कृषि जलवायु वाले पूर्वांचल के करीब एक दर्जन जिले के लिए जीआई (जियोग्राफिकल इंडिकेशन) भी प्राप्त है। राजभवन में रोपी गई प्रजाति कालानमक की लेटेस्ट प्रजाति है। पीआरडीएफ के चेयरमैन डॉक्टर आर सी चौधरी एवम राजभवन के उद्यान अधीक्षक डॉक्टर डी के मिश्रा ने बताया कि नर्सरी पूरी तरह जैविक है। इसमें अब तक सिर्फ बिजामृत और जीववामृत का ही प्रयोग किया गया है। आगे भी इसमें जरूरत के अनुसार खाद और कीटनाशक के रूप में सिर्फ जैविक उत्पादों का ही प्रयोग होगा।