मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लाडली बहना योजना के प्रचार प्रसार के दौरान मंच से कई बार इस बात की घोषणा कर चुके हैं कि बिजली के बड़े बिल को छोटा किया जाएगा. जो गरीब बिजली का बिल नहीं भर पाएंगे, उनका बिल शिवराज सरकार भरेगी लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा अभी बिजली विभाग के दफ्तर तक नहीं पहुंच पाई है. कांग्रेस इस घोषणा को आड़े हाथों ले रही है
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के कई जिलों में लाडली बहन योजना का प्रचार प्रसार करते समय मंच से इस बात की भी घोषणा की है कि बिजली के बिल का बोझ गरीब जनता पर नहीं पड़ेगा
उन्होंने मंच से कहा कि बिजली के बिल ब्रह्मा ने नहीं लिखा है जो कि कभी बदल नहीं सकता है मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि 1 किलो वाट तक की बिजली की खपत करने वाले ऐसे उपभोक्ता जो बिल भरने में असमर्थ है, उनका बिल शिवराज सरकार भरेगी. इसके अलावा बड़े बिल को परीक्षण के बाद छोटा भी किया जाएगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की यह घोषणा बिजली विभाग के दफ्तर में अभी तक नहीं पहुंची है. उज्जैन जिले के बिजली विभाग के अधिकारी प्रेम सिंह चौहान के मुताबिक बिजली का बिल कम करने और बिल माफी को लेकर अभी किसी प्रकार के कोई निर्देश नहीं आए हैं. अभी पुरानी प्रक्रिया के जरिए ही बिजली बिल की वसूली की जा रही है.
मध्य प्रदेश में एक करोड़ 23 लाख उपभोक्ता
मध्यप्रदेश में बिजली विभाग के अलग-अलग क्षेत्रों में उपभोक्ताओं की संख्या भिन्न-भिन्न लेकिन यदि पूरे मध्यप्रदेश की बात की जाए तो यहां एक करोड़ 23 लाख घरेलू उपभोक्ता है. ऐसे में यदि सरकार की योजना को वास्तव में अमलीजामा पहना जाता है तो बकायेदारों के लिए यह चुनाव की सबसे बड़ी सौगात हो जाएगी.
कांग्रेस ने साधा सीएम पर निशाना
प्रदेश के पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनके कार्यकाल में 25000 घोषणाएं की. इनमें से 20000 से ज्यादा घोषणाएं पूरी नहीं हुई है. शायद बिजली विभाग की घोषणा भी मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंच से बोलकर भूल गए होंगे. अब चुनाव में बीजेपी सरकार को जनता उनकी घोषणा याद दिलाने वाली है. बिजली के बिल, स्मार्ट मीटर और जबरिया वसूली से मध्य प्रदेश के आम लोग बेहद परेशान है